महासागर की प्रवृत्तियाँ(Atlantic Ocean)

महासागर की प्रवृत्तियाँ (Ocean Currents)

वैश्विक जलवायु पर प्रभाव

परिचय

महासागर की प्रवृत्तियाँ (Ocean Currents) विश्व महासागरों में जल की विशाल धाराएँ हैं जो निश्चित दिशा और गति के साथ प्रवाहित होती हैं। ये धाराएँ सूर्य की ऊष्मा, पृथ्वी के घूर्णन (Coriolis Effect), पवन प्रणाली और लवणता व घनत्व में अंतर के कारण उत्पन्न होती हैं। महासागरीय धाराएँ केवल जल का स्थानांतरण नहीं करतीं, बल्कि यह पृथ्वी की ऊष्मा संतुलन प्रणाली (Heat Balance System) की रीढ़ हैं। वैश्विक जलवायु पर महासागर की प्रवृत्तियों का गहरा प्रभाव पड़ता है।


महासागर की प्रवृत्तियों के प्रकार

1. सतही धाराएँ (Surface Currents)

  • ये महासागर की ऊपरी परत में चलती हैं और मुख्य रूप से हवाओं द्वारा नियंत्रित होती हैं।
  • उदाहरण: गोल्फ स्ट्रीम (Gulf Stream), कुरोशियो धारा (Kuroshio Current), केनरी धारा (Canary Current)।

2. गहरे समुद्र की धाराएँ (Deep Ocean Currents)

  • ये महासागर के गहरे हिस्सों में बहती हैं।
  • इनका निर्माण तापमान और लवणता के अंतर से होता है।
  • इन्हें थर्मोहलाइन परिसंचरण (Thermohaline Circulation) कहा जाता है।

3. ठंडी और गर्म धाराएँ

  • गर्म धाराएँ (Warm Currents): भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से ध्रुवों की ओर जाती हैं।
  • ठंडी धाराएँ (Cold Currents): ध्रुवीय क्षेत्रों से भूमध्यरेखीय क्षेत्रों की ओर आती हैं।


महासागर की प्रवृत्तियाँ और जलवायु पर प्रभाव

1. ऊष्मा का वितरण

  • महासागरीय धाराएँ सूर्य की ऊष्मा को भूमध्यरेखीय क्षेत्रों से ध्रुवीय क्षेत्रों तक पहुँचाती हैं।
  • उदाहरण: गोल्फ स्ट्रीम उत्तरी-पश्चिमी यूरोप की जलवायु को गर्म और सौम्य बनाती है।

2. वर्षा और आर्द्रता पर प्रभाव

  • गर्म धाराएँ अपने साथ नमी लेकर आती हैं और तटीय क्षेत्रों में वर्षा करवाती हैं।
  • ठंडी धाराएँ शुष्कता पैदा करती हैं और अक्सर तटीय रेगिस्तान बनाती हैं।
  • उदाहरण: केनरी धारा सहारा रेगिस्तान को शुष्क बनाती है।

3. मत्स्य पालन और पोषक तत्व

  • ठंडी धाराएँ अपवेलिंग (Upwelling) उत्पन्न करती हैं, जिससे गहरे समुद्र से पोषक तत्व सतह पर आते हैं।
  • इससे विश्व के समृद्ध मत्स्य क्षेत्र बनते हैं।
  • उदाहरण: पेरू धारा (Peru Current) और केनरी धारा

4. चक्रवात और तूफान

  • गर्म धाराएँ समुद्री चक्रवातों और तूफानों को ऊर्जा प्रदान करती हैं।
  • उदाहरण: मेक्सिको की खाड़ी की गर्म धारा अटलांटिक के तूफानों को शक्तिशाली बनाती है।

5. कोहरा और जहाजरानी

  • जब गर्म और ठंडी धाराएँ मिलती हैं तो घना कोहरा उत्पन्न होता है।
  • उदाहरण: गोल्फ स्ट्रीम और लैब्राडोर धारा का संगम क्षेत्र जहाजरानी के लिए खतरनाक है।


महासागर की वैश्विक परिसंचरण प्रणाली (Global Conveyor Belt)

  • महासागर की गहरी और सतही धाराएँ मिलकर एक विशाल वैश्विक परिसंचरण प्रणाली बनाती हैं जिसे Global Conveyor Belt कहते हैं।
  • यह प्रणाली ऊष्मा और पोषक तत्वों का वैश्विक स्तर पर आदान-प्रदान करती है।
  • यदि यह प्रणाली बाधित होती है तो वैश्विक जलवायु पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।


जलवायु परिवर्तन और महासागरीय धाराएँ

  1. ग्लोबल वॉर्मिंग से बर्फ पिघल रही है, जिससे समुद्री जल की लवणता और तापमान बदल रहे हैं।
  2. इससे थर्मोहलाइन परिसंचरण कमजोर हो सकता है।
  3. अटलांटिक मेरिडियनल ओवरटर्निंग सर्कुलेशन (AMOC) की धीमी गति यूरोप की जलवायु को ठंडा और अफ्रीका को शुष्क बना सकती है।
  4. मत्स्य संसाधन और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होंगे।


👉 निष्कर्ष

महासागर की प्रवृत्तियाँ केवल जल का प्रवाह नहीं हैं, बल्कि यह पृथ्वी की जलवायु प्रणाली की आधारशिला हैं। ये ऊष्मा, नमी और पोषक तत्वों का वितरण कर विश्व की जलवायु को संतुलित करती हैं। जलवायु परिवर्तन से इन धाराओं में परिवर्तन होने पर न केवल समुद्री जीवन बल्कि मानव सभ्यता भी गंभीर संकट का सामना कर सकती है। इसलिए महासागरीय धाराओं का अध्ययन और संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।



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