ध्रुवीय जलवायु

 ध्रुवीय जलवायु(Polar Climate)

विशेषताएँ, प्रकार और प्रभाव

परिचय

ध्रुवीय जलवायु (Polar Climate) पृथ्वी के सबसे ठंडे और प्रतिकूल जलवायु क्षेत्रों में से एक है। यह जलवायु 66½° उत्तरी अक्षांश (आर्कटिक वृत्त) तथा 66½° दक्षिणी अक्षांश (अंटार्कटिक वृत्त) के भीतर पाई जाती है। यहाँ अत्यधिक ठंड, बर्फबारी, लंबी सर्दियाँ और अल्पकालीन ग्रीष्म ऋतु पाई जाती हैं। सूर्य का प्रकाश यहाँ सालभर बहुत कम समय तक पहुँचता है, जिसके कारण तापमान अधिकांश समय शून्य से नीचे रहता है।


भौगोलिक स्थिति

  • उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र (Arctic Region): ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा, अलास्का, रूस और स्कैंडिनेविया के उत्तरी भाग।
  • दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र (Antarctic Region): अंटार्कटिका महाद्वीप।


मुख्य विशेषताएँ

  • तापमान: शून्य से बहुत नीचे (-20°C से -60°C तक)।
  • वर्षा: अत्यंत कम, ज्यादातर बर्फ के रूप में।
  • ऋतु: लंबी और कठोर सर्दियाँ, छोटी ग्रीष्म ऋतु।
  • वनस्पति: लिकेन, काई और सीमित टुंड्रा वनस्पति।
  • जीव-जंतु: ध्रुवीय भालू, रेनडियर, सील, पेंगुइन, आर्कटिक लोमड़ी।


ध्रुवीय जलवायु के प्रकार

1. टुंड्रा जलवायु (Tundra Climate)

  • स्थान: आर्कटिक क्षेत्र (ग्रीनलैंड, कनाडा, रूस)।

विशेषताएँ:
  • सर्दी लगभग 8-10 महीने लंबी।
  • गर्मी का तापमान भी शून्य के आसपास।
  • बर्फ पिघलने पर दलदली भूमि बनती है।

2. हिमानी जलवायु (Ice Cap Climate)

  • स्थान: अंटार्कटिका और ग्रीनलैंड का आंतरिक भाग।

विशेषताएँ:
  • सालभर बर्फ और हिम की चादर।
  • वर्षा लगभग नगण्य।
  • कोई स्थायी मानव निवास नहीं।

प्राकृतिक संसाधन और महत्व

  • खनिज: पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, लोहा और कोयला।
  • समुद्री जीवन: मछलियाँ, व्हेल और सील।
  • वैज्ञानिक अनुसंधान: जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर अध्ययन।
  • पेयजल स्रोत: विश्व के 70% मीठे पानी का भंडार हिमनदों में।


मानव जीवन पर प्रभाव

  • स्थायी निवास कम, परंतु आर्कटिक क्षेत्र में इनुइट और सामी जनजातियाँ रहती हैं।
  • भोजन के लिए शिकार, मछली पकड़ना और पशुपालन (रेनडियर)।
  • अंटार्कटिका में कोई स्थायी बस्ती नहीं, केवल वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र


समस्याएँ और चुनौतियाँ

  • अत्यधिक ठंड: मानव जीवन और कृषि लगभग असंभव।
  • लंबी रातें और दिन: छह महीने दिन, छह महीने रात की स्थिति।
  • परिवहन कठिनाई: बर्फ से ढके होने के कारण सड़कें और आवागमन सीमित।
  • जलवायु परिवर्तन: ग्लेशियर पिघलने से समुद्र स्तर में वृद्धि।
  • वन्यजीव खतरे में: ध्रुवीय भालू और पेंगुइन जैसी प्रजातियाँ विलुप्ति की ओर।


वैज्ञानिक और वैश्विक महत्व

  • ध्रुवीय क्षेत्र पृथ्वी के जलवायु संतुलन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
  • यह क्षेत्र कार्बन डाइऑक्साइड के प्राकृतिक भंडार के रूप में कार्य करता है।
  • ग्लेशियर पिघलने से भविष्य में समुद्र स्तर बढ़ने की गंभीर समस्या।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंटार्कटिका को वैज्ञानिक शोध क्षेत्र घोषित किया गया है।


👉 निष्कर्ष

ध्रुवीय जलवायु पृथ्वी के सबसे कठोर और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। यहाँ मानव जीवन सीमित है, परंतु प्राकृतिक संसाधन और वैज्ञानिक दृष्टि से इसका महत्व अत्यधिक है। जलवायु परिवर्तन और ग्लेशियर पिघलने जैसी समस्याएँ पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए ध्रुवीय क्षेत्रों का संरक्षण और सतत अध्ययन मानवता के भविष्य के लिए आवश्यक है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ