गरीबी उन्मूलन(Poverty Alleviation)

 भारत में गरीबी उन्मूलन

(Poverty Alleviation in India)

नीतियाँ, कार्यक्रम और चुनौतियाँ

भारत में गरीबी (Poverty) लंबे समय से एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक समस्या रही है। गरीबी उन्मूलन (Poverty Alleviation) का अर्थ केवल भोजन और आय की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति करना नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सामाजिक सुरक्षा और समान अवसर शामिल हैं।

गरीबी उन्मूलन किसी भी देश की सतत विकास नीति का केंद्रीय लक्ष्य होता है, और भारत में स्वतंत्रता के बाद से ही यह आर्थिक योजनाओं का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य रहा है।


1. भारत में गरीबी की स्थिति

  • गरीबी रेखा (Poverty Line) – भारत में गरीबी का निर्धारण आय और उपभोग व्यय के आधार पर किया जाता है।
  • गरीबों की संख्या – नीति आयोग के अनुसार, भारत में अब भी करोड़ों लोग बहुआयामी गरीबी (Multidimensional Poverty) से जूझ रहे हैं।
  • ग्रामीण-शहरी विभाजन – गरीबी का अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है।
  • सामाजिक असमानताएँ – अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएँ गरीबी से सबसे अधिक प्रभावित।


2. गरीबी उन्मूलन का महत्व

  1. मानव विकास – शिक्षा और स्वास्थ्य तक पहुँच।
  2. समानता और न्याय – सामाजिक असमानता कम करना।
  3. आर्थिक विकास – उपभोग और उत्पादन में वृद्धि।
  4. राजनीतिक स्थिरता – असंतोष और अशांति को कम करना।
  5. सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की पूर्ति – 2030 तक गरीबी समाप्त करने का वैश्विक लक्ष्य।


3. गरीबी उन्मूलन के लिए भारत में प्रमुख कार्यक्रम

(क) रोजगार आधारित योजनाएँ

  • मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) – ग्रामीण परिवारों को 100 दिन का रोजगार।
  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) – युवाओं के लिए कौशल विकास।
  • स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY) – गरीबों को स्वरोजगार के अवसर।

(ख) खाद्य और पोषण सुरक्षा

  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA 2013) – गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज।
  • मिड-डे मील योजना – बच्चों को स्कूल में पौष्टिक भोजन।
  • पोषण अभियान – बच्चों और महिलाओं में कुपोषण कम करना।

(ग) आवास और जीवन स्तर सुधार

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) – गरीबों को पक्का घर।
  • स्वच्छ भारत मिशन – स्वास्थ्य और स्वच्छता में सुधार।

(घ) सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ

  • अटल पेंशन योजना (APY) – असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन।
  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) – सस्ती दरों पर जीवन बीमा।
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) – दुर्घटना बीमा।

(ङ) वित्तीय समावेशन

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) – हर नागरिक को बैंक खाता।
  • मुद्रा योजना – छोटे उद्यमों को बिना गारंटी के ऋण।

4. गरीबी उन्मूलन की चुनौतियाँ

  1. बढ़ती जनसंख्या – सीमित संसाधनों पर दबाव।
  2. बेरोज़गारी – रोजगार के अवसरों की कमी।
  3. शिक्षा और कौशल की कमी – गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित।
  4. भ्रष्टाचार और योजनाओं का दुरुपयोग – गरीबों तक लाभ पूरी तरह नहीं पहुँचता।
  5. ग्रामीण-शहरी असमानता – विकास का लाभ समान रूप से वितरित नहीं।
  6. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी – गरीब परिवारों की आय का बड़ा हिस्सा इलाज में खर्च होता है।


5. भविष्य की संभावनाएँ और रणनीतियाँ

  1. सतत रोजगार के अवसर – कृषि, लघु उद्योग और सेवा क्षेत्र में निवेश।
  2. शिक्षा और कौशल विकास – डिजिटल शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण।
  3. सामाजिक सुरक्षा का विस्तार – पेंशन, स्वास्थ्य बीमा और पोषण तक सार्वभौमिक पहुँच।
  4. महिला सशक्तिकरण – स्व-रोजगार और महिला समूहों को बढ़ावा।
  5. डिजिटल इंडिया और DBT (Direct Benefit Transfer) – योजनाओं में पारदर्शिता।
  6. ग्रामीण विकास पर ध्यान – बुनियादी ढाँचे, सड़क, बिजली और इंटरनेट सुविधा।


6. निष्कर्ष

भारत में गरीबी उन्मूलन केवल आर्थिक विकास से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी सुधारों की भी आवश्यकता है।

सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं ने गरीबी को कम करने में योगदान दिया है, लेकिन अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। यदि हम रोज़गार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को एक साथ प्राथमिकता दें, तो आने वाले वर्षों में भारत गरीबी-मुक्त और समृद्ध राष्ट्र बनने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकता है।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ