प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
प्रस्तावना(Introduction)
भारत एक ऐसा देश है जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी रहती है। यदि इस युवा शक्ति को सही दिशा और प्रशिक्षण दिया जाए, तो यह राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत बन सकती है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana – PMKVY) शुरू की। यह योजना युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करके उन्हें स्वावलंबी और रोजगार योग्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत
- शुरुआत: 15 जुलाई 2015 (विश्व युवा कौशल दिवस)
- संचालन: कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE)
- क्रियान्वयन एजेंसी: नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC)
- उद्देश्य: युवाओं को उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण, रोजगार योग्य बनाना और स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- युवाओं को आधुनिक उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित करना।
- रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाना।
- गरीब और वंचित वर्ग को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण देना।
- अल्पशिक्षित और बेरोजगार युवाओं को कार्यकुशल बनाना।
- भारत को विश्व का कौशल केंद्र (Skill Hub) बनाना।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की विशेषताएँ
1. मुफ्त कौशल प्रशिक्षण
- 18 से 45 वर्ष के युवाओं को मुफ्त प्रशिक्षण।
- प्रशिक्षण पूरी तरह सरकार द्वारा वित्त पोषित।
2. विविध क्षेत्रों में प्रशिक्षण
-
40 से अधिक सेक्टरों में प्रशिक्षण, जैसे –
- सूचना प्रौद्योगिकी (IT)
- निर्माण (Construction)
- स्वास्थ्य सेवा
- इलेक्ट्रॉनिक्स
- ऑटोमोबाइल
- वस्त्र उद्योग (Textile)
- पर्यटन और आतिथ्य (Hospitality)
3. मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट
- प्रशिक्षण पूरा करने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मान्य प्रमाणपत्र।
- यह प्रमाणपत्र रोजगार पाने और स्वरोजगार दोनों में सहायक होता है।
4. कौशल और प्लेसमेंट सहायता
- प्रशिक्षित युवाओं को कंपनियों से जोड़ने की सुविधा।
- स्वरोजगार के लिए परामर्श और वित्तीय सहयोग।
5. Recognition of Prior Learning (RPL)
- जिनके पास पहले से कौशल है, उन्हें मूल्यांकन और प्रमाणन।
- अनौपचारिक क्षेत्रों के श्रमिकों को भी लाभ।
योजना की उपलब्धियाँ
- 2015 से अब तक करोड़ों युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
- ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े।
- युवाओं में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का विकास।
- उद्योग और श्रम बाजार में कौशल अंतर (Skill Gap) को कम करना।
- भारत को वैश्विक स्तर पर स्किल्ड वर्कफोर्स उपलब्ध कराने में मदद।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की चुनौतियाँ
-
प्रशिक्षण की गुणवत्ता – कई केंद्रों पर मानक प्रशिक्षण की कमी।
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रोजगार से जुड़ाव – प्रशिक्षण के बाद सभी को नौकरी नहीं मिल पाना।
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जागरूकता का अभाव – ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की जानकारी कम।
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कौशल का असमान वितरण – कुछ क्षेत्रों में अधिक और कुछ में कम अवसर।
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इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षकों की कमी।
भविष्य की दिशा
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नई तकनीकों (AI, Robotics, Data Science) में प्रशिक्षण।
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ग्रामीण युवाओं और महिलाओं पर विशेष ध्यान।
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उद्योगों से साझेदारी बढ़ाकर प्लेसमेंट की गारंटी।
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ऑनलाइन और डिजिटल प्रशिक्षण प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान करना।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना भारत के युवाओं को रोजगार योग्य बनाने और देश को कौशल आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यदि इस योजना को गुणवत्ता, पारदर्शिता और उद्योग की मांग के अनुरूप आगे बढ़ाया जाए, तो यह न केवल बेरोजगारी की समस्या को कम करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर कुशल मानव संसाधन का केंद्र भी बना देगी।
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