राज्य विधानमंडल

राज्य विधानमंडल (State Legislature)

भारतीय संविधान में राज्य विधानमंडल (State Legislature) से संबंधित प्रावधान भाग VI (राज्य), अध्याय III – राज्य की विधानमंडल में दिए गए हैं। सभी राज्यों में विधानमंडल का ढाँचा एक जैसा नहीं है –

  • कुछ राज्यों में एकसदनीय (Unicameral Legislature) = केवल विधानसभा।
  • कुछ राज्यों में द्विसदनीय (Bicameral Legislature) = विधानसभा + विधानपरिषद।

यह रहा अनुच्छेदवार सारणीबद्ध विवरण:

विषय अनुच्छेद विवरण
राज्य में विधानमंडल 168 प्रत्येक राज्य में विधानमंडल होगा – एकसदनीय या द्विसदनीय।
विधान सभा की संरचना 170 विधान सभा की संरचना – जनता द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन।
विधान परिषद की संरचना 171 विधान परिषद की संरचना – आंशिक रूप से निर्वाचित, आंशिक रूप से नामित।
विधानमंडल में सीटों का आरक्षण 332 अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण।
नामांकन 333 राज्यपाल द्वारा एक एंग्लो-इंडियन सदस्य का नामांकन (अब 104वें संशोधन, 2020 से समाप्त)।
कार्यकाल 172 विधानसभा का कार्यकाल सामान्यतः 5 वर्ष (आपातकाल में बढ़ सकता है)।
सत्र, स्थगन, विघटन 174 राज्यपाल विधानमंडल का सत्र बुलाते, स्थगित करते और विधानसभा भंग कर सकते हैं।
विशेष सत्र 175 राज्यपाल संदेश भेज सकते हैं और विशेष सत्र बुला सकते हैं।
गवर्नर का अभिभाषण 176 हर साल के पहले सत्र और नवनिर्वाचित विधानसभा के पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण।
स्पीकर और डिप्टी स्पीकर 178 विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव।
सभापति और उपसभापति (विधान परिषद) 182 विधान परिषद अपने सभापति और उपसभापति का चुनाव करेगी।
विधायी प्रक्रिया 196 – 199 सामान्य विधेयक और धन विधेयक की प्रक्रिया।
धन विधेयक 199 धन विधेयक केवल विधानसभा में प्रस्तुत होगा; विधान परिषद केवल सुझाव दे सकती है।
राज्यपाल की स्वीकृति 200 विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
राष्ट्रपति की स्वीकृति 201 राज्यपाल किसी विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेज सकते हैं।
राज्य विधायकों के विशेषाधिकार 194 विधायकों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार और उन्मुक्ति।
वेतन व भत्ता 195 राज्य विधायकों के वेतन और भत्ते।


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