भारत में सड़क परिवहन

भारत में सड़क परिवहन

अर्थव्यवस्था और संपर्क का आधार

भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जहाँ सड़क परिवहन आर्थिक विकास, सामाजिक एकता और क्षेत्रीय संपर्क का प्रमुख साधन है। यह न केवल लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है बल्कि व्यापार, उद्योग और कृषि को भी गति प्रदान करता है।


भारत में सड़क परिवहन का महत्व

  • सुलभता – सड़क परिवहन गाँव से शहर तक, हर कोने में पहुँच सकता है।
  • रोज़गार – ट्रक, बस, टैक्सी और ऑटो सेवाओं से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है।
  • व्यापार – उद्योगों और कृषि उत्पादों की आपूर्ति के लिए सड़कें सबसे तेज़ साधन हैं।
  • पर्यटन – ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों तक पहुँच का मुख्य माध्यम।


भारत में सड़क नेटवर्क

भारत का सड़क नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है।

  • कुल लंबाई : लगभग 63 लाख किलोमीटर
  • भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है सड़क नेटवर्क की लंबाई के मामले में।
  • इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला सड़कें और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं।


राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highways)

  • कुल लंबाई : लगभग 1.44 लाख किलोमीटर
  • भारत के कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2%, लेकिन 40% से अधिक यातायात इन्हीं पर होता है।

प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग :

  • NH-44 – भारत का सबसे लंबा राजमार्ग (श्रीनगर से कन्याकुमारी)।
  • NH-27 – पूर्व-पश्चिम गलियारा (गुजरात से असम)।
  • NH-19 – दिल्ली-कोलकाता मार्ग।

राज्य राजमार्ग और जिला सड़कें

  • राज्य राजमार्ग – प्रत्येक राज्य में प्रमुख शहरों को जोड़ते हैं।
  • जिला सड़कें – ज़िला मुख्यालयों को कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ती हैं।
  • इनका महत्व ग्रामीण क्षेत्रों से बाज़ार और शहरों तक संपर्क में है।


ग्रामीण सड़कें

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत लाखों गाँव सड़क मार्ग से जुड़े।
  • ग्रामीण सड़कों ने कृषि उत्पादों के विपणन और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच आसान बनाई।


शहरी सड़क परिवहन

  • मेट्रो शहरों में बस, ऑटो, टैक्सी और मेट्रो रेल का समन्वय।
  • दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू जैसे शहरों में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण बड़ी समस्या।
  • स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहरी परिवहन को सुदृढ़ बनाने की कोशिश।


सड़क परिवहन की चुनौतियाँ

  • ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ – बड़े शहरों में गंभीर समस्या।
  • सड़क सुरक्षा – सड़क दुर्घटनाओं में भारत विश्व में सबसे ऊपर।
  • सड़क की गुणवत्ता – ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों की खराब स्थिति।
  • प्रदूषण और ईंधन खपत – पेट्रोल-डीज़ल पर निर्भरता अधिक।


सरकारी पहल और सुधार

  • भारतमाला परियोजना – आधुनिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण।
  • स्मार्ट सिटी योजना – शहरी परिवहन व्यवस्था में सुधार।
  • ई-रिक्शा और इलेक्ट्रिक वाहन – प्रदूषण और ईंधन खपत को कम करने की दिशा।
  • एक्सप्रेसवे निर्माण – जैसे यमुना एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे।


भारत में प्रमुख एक्सप्रेसवे

एक्सप्रेसवे राज्य/स्थान विशेषता
यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली-आगरा 165 किमी, उच्च गति राजमार्ग।
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र भारत का पहला एक्सप्रेसवे।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिल्ली-राजस्थान-महाराष्ट्र भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे।
पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे दिल्ली-एनसीआर ट्रैफिक जाम कम करने हेतु।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश कृषि और उद्योग के लिए लाभकारी।

निष्कर्ष

भारत का सड़क परिवहन तंत्र आर्थिक विकास, सामाजिक एकीकरण और क्षेत्रीय संतुलन का आधार है। राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे जहाँ लंबी दूरी की यात्रा को सरल बनाते हैं, वहीं ग्रामीण सड़कें गाँवों को शहरों से जोड़ती हैं। हालांकि, सुरक्षा, प्रदूषण और ट्रैफिक जैसी चुनौतियाँ मौजूद हैं, जिन्हें आधुनिक तकनीक और सरकारी योजनाओं से सुधारा जा सकता है।


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