पृथ्वी का घूर्णन

 पृथ्वी का घूर्णन (Rotation of the Earth)

पृथ्वी का घूर्णन वह प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी अपनी धुरी (axis) के चारों ओर घूमती है। यह घूर्णन पृथ्वी के दिन और रात के चक्र का मुख्य कारण है।

पृथ्वी का घूर्णन कैसे होता है?

पृथ्वी अपनी कल्पित धुरी के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमती है। इसका मतलब है कि पृथ्वी पूर्व की ओर घूमती है। पृथ्वी को एक पूरा चक्कर लगाने में लगभग 24 घंटे (23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड) का समय लगता है, जिसे एक दिवस (day) कहा जाता है।

पृथ्वी के घूर्णन के परिणाम

1. दिन और रात का निर्माण: 

पृथ्वी के एक भाग पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं, जिससे दिन होता है, और दूसरी ओर अंधेरा होता है, जिससे रात होती है। जैसे-जैसे पृथ्वी घूमती है, दिन और रात का चक्र चलता रहता है।

2. सूर्योदय और सूर्यास्त: 

पृथ्वी के घूर्णन के कारण ही हमें सूर्योदय (पूर्व दिशा में सूर्य का उगना) और सूर्यास्त (पश्चिम दिशा में सूर्य का डूबना) दिखाई देता है।

3. वायु और समुद्री धाराओं का प्रभाव

पृथ्वी के घूर्णन के कारण वायु और समुद्री धाराओं की दिशा प्रभावित होती है, जिसे कॉरिओलिस प्रभाव (Coriolis Effect) कहा जाता है।

4. समय क्षेत्र (Time Zones): 

पृथ्वी के घूर्णन के कारण विभिन्न स्थानों पर समय अलग-अलग होता है, जिससे समय क्षेत्रों का निर्माण होता है।

पृथ्वी के घूर्णन की दिशा

पृथ्वी उत्तर ध्रुव की ओर से दक्षिण ध्रुव की ओर अपनी धुरी पर घूमती है। इसे पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूर्णन कहा जाता है। इसी कारण सूर्य पूर्व से उगता है और पश्चिम में अस्त होता है।

निष्कर्ष

पृथ्वी का घूर्णन हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन-रात के चक्र को नियंत्रित करता है और पृथ्वी पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी कठिन है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ