सामाजिक कल्याण और गरीबी उन्मूलन योजनाएँ
(Social Welfare and Poverty Aleviation Scheme)
भारत एक कल्याणकारी राज्य है जिसका उद्देश्य नागरिकों को समान अवसर, सामाजिक न्याय और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। स्वतंत्रता के बाद से ही सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों, गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं और बच्चों के लिए कई सामाजिक कल्याण और गरीबी उन्मूलन योजनाएँ शुरू की हैं।
इन योजनाओं का लक्ष्य है – गरीबी घटाना, जीवन स्तर सुधारना, रोजगार उपलब्ध कराना और सामाजिक समानता स्थापित करना।
1. सामाजिक कल्याण योजनाएँ
1.1. आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY)
- 2018 में शुरू।
- प्रत्येक गरीब परिवार को सालाना ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर।
- देशभर के सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा।
1.2. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)
- 2016 में शुरू।
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को मुफ्त LPG कनेक्शन।
- महिलाओं और बच्चों को धुएँ से होने वाली बीमारियों से बचाव।
1.3. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
- 2015 में शुरू।
- “सबके लिए आवास” का लक्ष्य।
- शहरी और ग्रामीण गरीबों को सस्ते और पक्के मकान उपलब्ध कराना।
1.4. स्वच्छ भारत मिशन (SBM)
- 2014 में शुरू।
- खुले में शौच की प्रथा समाप्त करना।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण व स्वच्छता को बढ़ावा।
1.5. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (BBBP)
- 2015 में शुरू।
- कन्या भ्रूण हत्या रोकना और लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहन।
- महिलाओं के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को बढ़ावा।
2. गरीबी उन्मूलन योजनाएँ
2.1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा)
- 2006 में लागू।
- प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति वर्ष 100 दिन का रोजगार।
- ग्रामीण अवसंरचना और आजीविका सुधार।
2.2. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY)
- 2020 में शुरू।
- गरीब परिवारों को मुफ्त अनाज (5 किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह)।
- कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू हुई और बाद में विस्तारित।
2.3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan)
- 2019 में शुरू।
- छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता।
- राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में।
2.4. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM)
- गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से संगठित करना।
- स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा।
- वित्तीय समावेशन और गरीबी उन्मूलन।
2.5. दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY)
- शहरी और ग्रामीण गरीबों के लिए।
- कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर।
- सामुदायिक संगठन और सामाजिक सुरक्षा।
3. शिक्षा और पोषण से जुड़ी योजनाएँ
3.1. मध्यान्ह भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme)
- प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को मुफ्त भोजन।
- बच्चों के पोषण और शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करना।
3.2. समग्र शिक्षा अभियान
- प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा तक सभी स्तरों पर सुधार।
- गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा।
3.3. आंगनवाड़ी योजना (ICDS)
- गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को पोषण व स्वास्थ्य सुविधा।
- बाल विकास और महिला सशक्तिकरण।
4. सामाजिक सुरक्षा और बीमा योजनाएँ
4.1. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)
- कम प्रीमियम पर जीवन बीमा कवरेज।
- मृत्यु होने पर परिवार को ₹2 लाख की आर्थिक सहायता।
4.2. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
- वार्षिक प्रीमियम ₹20।
- दुर्घटना में मृत्यु या विकलांगता पर ₹2 लाख तक का बीमा कवर।
4.3. अटल पेंशन योजना (APY)
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था पेंशन।
- 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1000 से ₹5000 मासिक पेंशन।
5. सामाजिक कल्याण योजनाओं की चुनौतियाँ
- जागरूकता की कमी – ग्रामीण और गरीब वर्ग तक योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं पहुँचती।
- प्रशासनिक अड़चनें – पंजीकरण और लाभ वितरण में देरी।
- संसाधनों की कमी – बजट और फंड की पर्याप्तता न होना।
- भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की समस्या।
- असंगठित क्षेत्र की विशालता – सभी को लाभ पहुँचाना कठिन।
6. सुधार और भविष्य की दिशा
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और आधार लिंकिंग से पारदर्शिता।
- योजनाओं का समान और न्यायपूर्ण वितरण।
- जागरूकता अभियान द्वारा ग्रामीण व गरीब वर्ग को जोड़ना।
- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की साझेदारी।
- सतत विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ध्यान।
निष्कर्ष
भारत में सामाजिक कल्याण और गरीबी उन्मूलन योजनाएँ करोड़ों नागरिकों के लिए जीवनरेखा साबित हुई हैं। आयुष्मान भारत स्वास्थ्य सुरक्षा देता है, उज्ज्वला योजना स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराती है, मनरेगा रोजगार देता है और PM-Kisan किसानों को आर्थिक सहारा देता है।
यदि इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और जन-जागरूकता सुनिश्चित की जाए, तो भारत में गरीबी में बड़ी कमी आ सकती है और एक समान, आत्मनिर्भर और समृद्ध समाज की स्थापना हो सकती है।
 
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