संक्षेपण
संक्षेपण हिन्दी भाषा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण एवं व्यावहारिक विषय है, जो छात्रों, प्रतियोगी परीक्षा देने वालों और लेखन कार्य से जुड़े लोगों के लिए उपयोगी है। संक्षेपण कला न केवल भाषा की दक्षता बढ़ाती है, बल्कि विचारों को स्पष्ट, सटीक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में भी सहायक होती है। इस लेख में हम संक्षेपण के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से चर्चा करेंगे।
📘 संक्षेपण की परिभाषा
संक्षेपण का अर्थ है – किसी लंबे या विस्तृत लेख, अनुच्छेद या संवाद को उसके मूल भाव को बनाए रखते हुए छोटे और सारगर्भित रूप में प्रस्तुत करना। इसमें अनावश्यक बातें हटाकर मुख्य बातों को क्रमबद्ध रूप से संक्षिप्त किया जाता है।
🧾 संक्षेपण के उद्देश्य
- पाठ का मुख्य विचार प्रस्तुत करना
- समय और शब्दों की बचत
- विचारों को स्पष्ट व संगठित रूप में रखना
- पठन और स्मरण शक्ति को सशक्त बनाना
- परीक्षा में उत्तर को सटीक रूप से लिखना
🔎 संक्षेपण के प्रकार
🔹 1. सामान्य संक्षेपण
किसी सामान्य लेख या अनुच्छेद को संक्षेप में प्रस्तुत करना।
🔹 2. शीर्षक सहित संक्षेपण
जहाँ पाठ का सारांश एक उपयुक्त शीर्षक के साथ लिखा जाता है।
🔹 3. अनुच्छेद संक्षेपण
पैरा दर पैरा मुख्य बातें निकालकर अंत में संक्षिप्त रूप देना।
📋 संक्षेपण के नियम
संक्षेपण करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है:
✅ 1. पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़ें
– दो से तीन बार पूरे पाठ को समझें कि लेखक क्या कहना चाहता है।
✅ 2. मुख्य बिंदुओं की पहचान करें
– क्या महत्वपूर्ण है और क्या गौण, यह पहचानें।
✅ 3. अनावश्यक बातों को हटाएँ
– उदाहरण, विवरण, व्याख्या, दोहराव आदि को हटा दें।
✅ 4. भाषा को सरल और स्पष्ट रखें
– कठिन शब्दों और मुहावरों से बचें।
✅ 5. मूल भाव को अक्षुण्ण रखें
– लेखक की बात को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत न करें।
✅ 6. प्रथम पुरुष का प्रयोग न करें
– “मैं”, “हम” आदि शब्दों से बचें।
✅ 7. संक्षेपण छोटा हो
– सामान्यतः मूल पाठ के एक-तिहाई शब्दों तक सीमित होना चाहिए।
📝 संक्षेपण का उदाहरण
📄 मूल अनुच्छेद:
"पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र होती हैं। जब सारे लोग साथ छोड़ देते हैं, तब भी पुस्तकें हमारा साथ निभाती हैं। वे न हमें छोड़ती हैं, न हमें धोखा देती हैं। पुस्तकें ज्ञान का खजाना होती हैं। जो व्यक्ति पुस्तकें पढ़ता है, वह समाज में सम्मान प्राप्त करता है। पुस्तकें हमारे जीवन को मार्गदर्शन देती हैं और अंधकार में प्रकाश दिखाती हैं। इसलिए हमें पुस्तकों से मित्रता करनी चाहिए।"
✍️ संक्षेपण (शीर्षक सहित):
शीर्षक: पुस्तकों का महत्व
पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं। वे ज्ञान का भंडार हैं और जीवन का मार्गदर्शन करती हैं। कठिन समय में भी वे साथ निभाती हैं, इसलिए हमें उनसे मित्रता करनी चाहिए।
📌 संक्षेपण करते समय ध्यान देने योग्य बातें
❌ क्या न करें | ✅ क्या करें |
---|---|
मूल बात को बदलें नहीं | लेखक के भाव को बनाए रखें |
अनावश्यक विवरण न जोड़ें | मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दें |
शब्दों को बेवजह न दोहराएँ | सरल भाषा का प्रयोग करें |
अपनी राय न जोड़ें | लेखक की बात को स्पष्ट करें |
🎯 संक्षेपण के लाभ
- विचारों में स्पष्टता आती है
- लेखन कौशल बढ़ता है
- परीक्षाओं में उत्तर लिखने में मदद
- तर्कशक्ति और विवेकशीलता विकसित होती है
- अध्ययन की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है
❓ MCQs – संक्षेपण पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1: संक्षेपण का उद्देश्य क्या है?
प्रश्न 2: संक्षेपण करते समय किसका प्रयोग नहीं करना चाहिए?
प्रश्न 3: संक्षेपण कितने शब्दों का होना चाहिए?
🔚 निष्कर्ष
संक्षेपण लेखन भाषा और बौद्धिक कौशल का ऐसा अभ्यास है, जो विद्यार्थियों, लेखकों, पत्रकारों और प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह अभ्यास न केवल समय की बचत करता है, बल्कि विचारों की सटीक अभिव्यक्ति में भी सहायता करता है। नियमित अभ्यास के माध्यम से कोई भी इस कला में पारंगत हो सकता है।
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