ज्वार

ज्वार (Sorghum) 

विश्व परिप्रेक्ष्य में उत्पादन, उपभोग और कृषि आवश्यकताएँ

ज्वार (Sorghum) दुनिया की सबसे पुरानी और पौष्टिक अनाज फसलों में से एक है। यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है जहाँ कम वर्षा, शुष्क जलवायु और गरीब मिट्टी होती है। ज्वार को अक्सर "सूखा प्रतिरोधी फसल" कहा जाता है और यह अफ्रीका और एशिया में करोड़ों लोगों के भोजन और पशुओं के चारे का आधार है।


ज्वार का वैश्विक महत्व

  • यह दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अनाज फसल है।
  • मानव भोजन, पशु चारा और बायोफ्यूल (Ethanol) के लिए उपयोग।
  • शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों की खाद्य सुरक्षा का आधार।
  • ग्लूटेन-फ्री होने के कारण स्वास्थ्यवर्धक आहार के रूप में भी लोकप्रिय।


ज्वार की खेती के लिए आवश्यक शर्तें (तालिका)

कारक आवश्यक स्थिति विवरण
तापमान (Temperature) 25°C – 35°C ज्वार को गर्म और शुष्क जलवायु पसंद है। 25°C–30°C पर सर्वश्रेष्ठ वृद्धि होती है।
वर्षा (Rainfall) 40 – 100 सेमी कम वर्षा में भी सफलतापूर्वक उगती है। अधिक वर्षा फसल को नुकसान पहुँचाती है।
मृदा (Soil) लाल, काली और बलुई मिट्टी गरीब और शुष्क मिट्टी में भी उग सकती है, परंतु जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।
कृषि क्षेत्र (Type of Region) शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्र अफ्रीका (नाइजीरिया, सूडान), एशिया (भारत), अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया।
ऊँचाई (Altitude) समतल से पठारी क्षेत्र मध्यम ऊँचाई वाले शुष्क क्षेत्र उपयुक्त।

विश्व में ज्वार का उत्पादन

प्रमुख उत्पादक देश

  • संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) – विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक (~20%)।
  • नाइजीरिया और सूडान – अफ्रीका में बड़े उत्पादक और उपभोक्ता।
  • भारत – एशिया का सबसे बड़ा उत्पादक (मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश)।
  • मेक्सिको और ऑस्ट्रेलिया – निर्यातक देशों में प्रमुख।

महाद्वीपवार उत्पादन

  • अफ्रीका – नाइजीरिया, सूडान, इथियोपिया।
  • एशिया – भारत, चीन।
  • अमेरिका महाद्वीप – अमेरिका, मैक्सिको, अर्जेंटीना।
  • ओशिनिया – ऑस्ट्रेलिया।

ज्वार का उपभोग

  • अफ्रीका और भारत – रोटी, दलिया और खिचड़ी में उपयोग।
  • अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया – पशु चारे और एथनॉल उत्पादन में।
  • स्वास्थ्य खाद्य बाजार – ग्लूटेन-फ्री आटा और बेकरी उत्पादों में तेजी से लोकप्रिय।


अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

  • प्रमुख निर्यातक: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना।
  • प्रमुख आयातक: चीन (मुख्य रूप से पशु आहार के लिए), जापान, मेक्सिको।
  • अमेरिका सबसे बड़ा निर्यातक और चीन सबसे बड़ा आयातक है।


वैश्विक चुनौतियाँ

  • जलवायु परिवर्तन: तापमान और वर्षा में उतार-चढ़ाव।
  • कम पैदावार वाली परंपरागत किस्में।
  • बाजार अस्थिरता और व्यापार अवरोध।
  • पोषण संबंधी जागरूकता की कमी – कई क्षेत्रों में इसे गरीबों का अनाज माना जाता है।


ज्वार और भविष्य

  • सूखा प्रतिरोधी और उच्च पोषण वाला अनाज होने से इसका महत्व बढ़ रहा है।
  • अफ्रीका और एशिया में खाद्य सुरक्षा की कुंजी।
  • जैव-प्रौद्योगिकी और सुधारित किस्में उत्पादकता बढ़ाने में सहायक होंगी।
  • ग्लूटेन-फ्री आहार की मांग बढ़ने से ज्वार का अंतर्राष्ट्रीय महत्व और बढ़ेगा।


ज्वार का विश्व परिप्रेक्ष्य: सारणीबद्ध जानकारी

पहलू विवरण
सबसे बड़ा उत्पादक अमेरिका (~20% विश्व उत्पादन)
दूसरे प्रमुख उत्पादक नाइजीरिया, भारत, सूडान
प्रमुख निर्यातक अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना
प्रमुख आयातक चीन, जापान, मेक्सिको
मुख्य उपभोग क्षेत्र अफ्रीका (भोजन), भारत (भोजन), अमेरिका (चारा व एथनॉल)
आवश्यक जलवायु 25°C – 35°C तापमान, 40–100 सेमी वर्षा
भविष्य की चुनौती कम पैदावार, बाजार अस्थिरता, जलवायु परिवर्तन

निष्कर्ष

ज्वार विश्व परिप्रेक्ष्य में एक ऐसी फसल है जो सूखा-ग्रस्त और गरीब मिट्टी वाले क्षेत्रों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करती है। भविष्य में यह केवल भोजन ही नहीं, बल्कि बायोफ्यूल और स्वास्थ्य खाद्य उद्योग का भी प्रमुख आधार बनेगी।



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