दक्षिण चीन सागर (South China Sea)
भूगोल, इतिहास और सामरिक महत्व
दक्षिण चीन सागर (South China Sea) एशिया का सबसे चर्चित और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सागर है। यह सागर न केवल व्यापार और ऊर्जा परिवहन का वैश्विक केंद्र है, बल्कि यहाँ पर कई देशों के बीच क्षेत्रीय विवाद भी चलते आ रहे हैं।
दक्षिण चीन सागर का परिचय
- स्थान: पश्चिमी प्रशांत महासागर का हिस्सा
- उत्तर: चीन और ताइवान
- पश्चिम: वियतनाम
- पूर्व: फिलीपींस
- दक्षिण: मलेशिया, ब्रुनेई और इंडोनेशिया
- क्षेत्रफल: लगभग 35 लाख वर्ग किमी
- औसत गहराई: 1,212 मीटर
- अधिकतम गहराई: लगभग 5,560 मीटर
दक्षिण चीन सागर से जुड़े देश
- चीन
- ताइवान
- वियतनाम
- फिलीपींस
- मलेशिया
- ब्रुनेई
- इंडोनेशिया (आंशिक तटवर्ती क्षेत्र)
प्रमुख द्वीप और द्वीप समूह
- स्प्रैटली द्वीप (Spratly Islands)
- पैरासेल द्वीप (Paracel Islands)
- स्कारबोरो शोएल (Scarborough Shoal)
- प्रातास द्वीप (Pratas Islands)
इन द्वीपों पर चीन, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
दक्षिण चीन सागर का ऐतिहासिक महत्व
प्राचीन व्यापार:
यह सागर सिल्क रोड (Silk Route) का समुद्री विस्तार माना जाता है।चीन, भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच व्यापार इसी मार्ग से होता था।
औपनिवेशिक काल:
यूरोपीय उपनिवेशवादी शक्तियों ने इस क्षेत्र के समुद्री मार्गों को नियंत्रित किया।आधुनिक काल:
आज दक्षिण चीन सागर विश्व की सबसे व्यस्ततम नौवहन लाइनों में से एक है।आर्थिक महत्व
व्यापार और नौवहन:
दुनिया का लगभग 30% समुद्री व्यापार दक्षिण चीन सागर से होकर गुजरता है।हर साल लगभग 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार इसी मार्ग से होता है।
ऊर्जा संसाधन:
यहां विशाल मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार हैं।
अनुमानतः इसमें 11 अरब बैरल तेल और 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस हो सकती है।
अनुमानतः इसमें 11 अरब बैरल तेल और 190 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस हो सकती है।
मत्स्य उद्योग:
यह सागर दुनिया के सबसे समृद्ध मत्स्य क्षेत्रों में से एक है।
यहाँ से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है।
यहाँ से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है।
सामरिक महत्व
- यह सागर एशिया-प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का केंद्र है।
- चीन ने हाल के वर्षों में कृत्रिम द्वीप बनाकर यहाँ सैन्य ठिकाने स्थापित किए हैं।
- अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया स्वतंत्र नौवहन (Freedom of Navigation) की नीति के तहत इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
- यह सागर भारत की ‘Act East Policy’ और एशियाई सुरक्षा व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
पर्यावरणीय चुनौतियाँ
- अत्यधिक मछली पकड़ना (Overfishing)
- कोरल रीफ का विनाश
- समुद्री प्रदूषण
- जलवायु परिवर्तन और समुद्र का बढ़ता स्तर
दक्षिण चीन सागर के प्रमुख बंदरगाह
देश | प्रमुख बंदरगाह |
---|---|
चीन | ग्वांगझू, शेनझेन, हाइनान |
वियतनाम | हो ची मिन्ह सिटी, हाइफोंग |
फिलीपींस | मनीला, सेबू |
मलेशिया | कोटा किनाबालु |
ब्रुनेई | मुारा |
निष्कर्ष
दक्षिण चीन सागर (South China Sea) केवल एक समुद्री क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा का केंद्र है। यह सागर ऊर्जा संसाधनों, मछली, और व्यापार मार्गों के कारण दुनिया के सबसे अधिक विवादित समुद्री क्षेत्रों में गिना जाता है। आने वाले समय में इसका महत्व और भी बढ़ने वाला है।
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