सतत शहरीकरण और स्मार्ट सिटी
(Sustainable Urbanization and Smart City)
परिचय
भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण शहरों में संसाधनों पर दबाव, प्रदूषण और असंतुलन बढ़ रहा है। ऐसे में सतत शहरीकरण (Sustainable Urbanization) और स्मार्ट सिटी (Smart City) पहलें महत्वपूर्ण हो जाती हैं। सतत शहरीकरण का उद्देश्य शहरी विकास को पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से संतुलित बनाना है। स्मार्ट सिटी परियोजनाएँ प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से जीवन स्तर सुधारने और संसाधनों की बचत सुनिश्चित करती हैं।
1. सतत शहरीकरण (Sustainable Urbanization)
परिभाषा
सतत शहरीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें शहरी विकास प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना होता है, और इसमें सामाजिक न्याय और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होती है।
प्रमुख सिद्धांत
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संसाधनों का कुशल उपयोग – जल, ऊर्जा और भूमि का संरक्षण। 
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पर्यावरण संरक्षण – हरियाली बढ़ाना, प्रदूषण कम करना। 
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सामाजिक समावेशन – सभी वर्गों को आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुंच। 
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आर्थिक स्थिरता – रोजगार सृजन और सतत आर्थिक गतिविधियाँ। 
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स्मार्ट और टिकाऊ योजना – तकनीकी नवाचार और डेटा-आधारित निर्णय। 
लाभ
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प्रदूषण और अपशिष्ट में कमी। 
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बेहतर यातायात और ऊर्जा प्रबंधन। 
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हरित और साफ-सुथरे शहरी वातावरण। 
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नागरिकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार। 
2. स्मार्ट सिटी (Smart City)
परिभाषा
स्मार्ट सिटी वह शहर है जो सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग करके सुविधाओं, सेवाओं और संसाधनों का कुशल प्रबंधन करता है।
प्रमुख विशेषताएँ
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स्मार्ट परिवहन (Smart Transportation) – ई-बस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट पार्किंग। 
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ऊर्जा दक्षता (Energy Efficiency) – नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट ग्रिड और LED प्रकाश। 
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जल और अपशिष्ट प्रबंधन (Water & Waste Management) – जल संचयन, अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण। 
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ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाएँ – नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं की सुविधा। 
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सुरक्षा और आपातकालीन सेवाएँ – स्मार्ट कैमरा और आपदा प्रबंधन। 
उदाहरण (भारत में प्रमुख स्मार्ट सिटी)
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पुणे, भोपाल, जयपुर, कोच्चि, मुंबई। 
3. सतत शहरीकरण और स्मार्ट सिटी का महत्व
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पर्यावरणीय: हरित क्षेत्र, कम प्रदूषण और जलवायु नियंत्रण। 
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सामाजिक: बेहतर आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा। 
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आर्थिक: रोजगार और निवेश के अवसर। 
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प्रौद्योगिकी: डेटा और स्मार्ट समाधान द्वारा संसाधनों की बचत। 
निष्कर्ष
सतत शहरीकरण और स्मार्ट सिटी दोनों मिलकर शहरी जीवन को सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरणीय रूप से संतुलित बनाते हैं। यदि यह मॉडल अपनाया जाए तो विकास और पर्यावरणीय संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित किया जा सकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, स्मार्ट और सतत शहर सुनिश्चित हो सके।
 
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