गोलार्ध क्या है?
गोलार्ध शब्द का अर्थ है – किसी गोले (Sphere) को दो बराबर हिस्सों में बाँटने पर बना आधा भाग। चूँकि पृथ्वी का आकार गोलाभ (Oblate Spheroid) है, इसलिए जब हम इसे विभाजित करते हैं तो हमें दो गोलार्ध (Hemispheres) प्राप्त होते हैं।
पृथ्वी के प्रमुख गोलार्ध
1. उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere)
- यह पृथ्वी का वह आधा भाग है जो भूमध्य रेखा (Equator) के उत्तर में स्थित है।
- इसमें एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका का अधिकांश भाग और अफ्रीका का उत्तरी हिस्सा शामिल है।
- दुनिया की लगभग 90% जनसंख्या इसी गोलार्ध में रहती है।
- यहाँ की ऋतुएँ दक्षिणी गोलार्ध के विपरीत होती हैं।
2. दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere)
- यह पृथ्वी का वह आधा भाग है जो भूमध्य रेखा के दक्षिण में है।
- इसमें ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका का बड़ा हिस्सा और अफ्रीका का दक्षिणी भाग शामिल है।
- यहाँ महासागर भूमि से अधिक हैं, इसलिए यह क्षेत्र अपेक्षाकृत ठंडा है।
- दक्षिणी गोलार्ध में सितंबर से फरवरी तक गर्मी और मार्च से अगस्त तक सर्दी होती है।
3. पूर्वी गोलार्ध (Eastern Hemisphere)
- इसे प्रधान मध्यान्ह रेखा (Prime Meridian) और 180° देशांतर रेखा द्वारा परिभाषित किया जाता है।
- इसमें एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप का बड़ा भाग आता है।
- यहाँ विश्व की अधिकतर प्राचीन सभ्यताएँ विकसित हुईं।
4. पश्चिमी गोलार्ध (Western Hemisphere)
- यह भी प्रधान मध्यान्ह रेखा और 180° देशांतर रेखा के बीच स्थित क्षेत्र है।
- इसमें उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ग्रीनलैंड और कुछ प्रशांत महासागरीय द्वीप आते हैं।
- इसे आधुनिक युग में "न्यू वर्ल्ड" कहा जाता है।
गोलार्धों का महत्व
- भौगोलिक अध्ययन – गोलार्धों में विभाजन से पृथ्वी का अध्ययन करना आसान हो जाता है।
- जलवायु और ऋतु – अलग-अलग गोलार्धों में ऋतु विपरीत होती हैं।
- समय गणना (Time Zones) – पूर्वी और पश्चिमी गोलार्ध समय की गणना और अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line) के आधार हैं।
- नक्शानवीसी (Cartography) – मानचित्र बनाने में गोलार्धों का प्रयोग किया जाता है।
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