शहरी अर्थव्यवस्था

शहरी अर्थव्यवस्था(Urban Economy)

स्वरूप, संरचना, महत्व और चुनौतियाँ

प्रस्तावना

तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के दौर में शहर आज भारत की आर्थिक प्रगति के मुख्य केंद्र बन चुके हैं। जहां ग्रामीण क्षेत्र कृषि पर आधारित हैं, वहीं शहरी अर्थव्यवस्था उद्योग, व्यापार, सेवाएँ, तकनीक, वित्तीय गतिविधियों और आधुनिक बाजारों पर आधारित है।
भारत का विकास अब बड़ी हद तक शहरों की उत्पादकता, नवाचार और रोजगार क्षमता पर निर्भर करता है।


शहरी अर्थव्यवस्था क्या है?

शहरी अर्थव्यवस्था वह आर्थिक प्रणाली है जो शहरों में रहने वाले लोगों, उनके व्यवसाय, उद्योग, सेवाओं, बाजार, और आधुनिक संस्थाओं पर आधारित होती है।
यह अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से उद्योग, बाजार, व्यापार, तकनीकी सेवाएँ, वित्त, पर्यटन, रियल एस्टेट और परिवहन जैसी गतिविधियों से संचालित होती है।


शहरी अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ

1. उद्योग और विनिर्माण का केंद्र

शहरों में बड़े और मध्यम स्तर के उद्योग स्थित होते हैं, जैसे:

  • ऑटोमोबाइल

  • टेक्सटाइल

  • मशीनरी

  • फार्मास्यूटिकल

  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि

2. सेवा क्षेत्र का वर्चस्व

आईटी सेक्टर, बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, होटल, ट्रांसपोर्ट आदि सेवाएँ शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती हैं।

3. उच्च जनसंख्या घनत्व

शहरों में अधिक जनसंख्या रोजगार और अवसरों के कारण केंद्रित होती है।

4. आधुनिक बुनियादी ढाँचा

सड़कें, बिजली, मेट्रो, इंटरनेट, अस्पताल, विश्वविद्यालय, उद्योग क्षेत्र — ये शहरों की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं।

5. विविध व्यवसायिक अवसर

शहरों में छोटी दुकानों से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक रोजगार और व्यापार के अनेक अवसर उपलब्ध रहते हैं।


शहरी अर्थव्यवस्था के मुख्य घटक

1. उद्योग एवं निर्माण क्षेत्र

  • विनिर्माण उद्योग

  • निर्माण कार्य

  • औद्योगिक क्षेत्रों का विकास

2. सेवा क्षेत्र

  • बैंकिंग और वित्त

  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT)

  • टेलीकॉम

  • शिक्षा

  • स्वास्थ्य

  • रिटेल और ई-कॉमर्स

3. व्यापार और बाजार

  • थोक बाजार

  • खुदरा बाजार

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार

  • व्यापारिक कंपनियाँ

4. परिवहन और लॉजिस्टिक्स

  • रेलवे, मेट्रो

  • सड़क परिवहन

  • एयरपोर्ट

  • वेयरहाउसिंग

5. रियल एस्टेट एवं आवास

  • आवासीय भवन

  • व्यावसायिक परिसर

  • व्यवसायिक पार्क (IT पार्क, औद्योगिक पार्क)


शहरी अर्थव्यवस्था का महत्व

1. राष्ट्रीय आय में बड़ा योगदान

भारत की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा शहरों से आता है।

2. रोजगार का प्रमुख स्रोत

शहरी क्षेत्रों में उद्योग, व्यापार और सेवा क्षेत्र व्यापक रोजगार प्रदान करते हैं।

3. नवाचार और तकनीकी प्रगति

नई तकनीक, स्टार्टअप, रिसर्च सेंटर और इनोवेशन हब शहरों में विकसित होते हैं।

4. व्यापार और वैश्विक संपर्क

बड़े शहर अंतरराष्ट्रीय व्यापार, निवेश और विदेशी कंपनियों के केंद्र हैं।

5. सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता

शहरों में विभिन्न राज्यों व देशों के लोग रहते हैं, जिससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ता है।


शहरी अर्थव्यवस्था की चुनौतियाँ

1. अत्यधिक जनसंख्या और भीड़भाड़

तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या शहरी बुनियादी ढांचे पर दबाव बनाती है।

2. बेरोजगारी और अनौपचारिक रोजगार

कई लोग औपचारिक रोजगार के अभाव में असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं।

3. प्रदूषण और पर्यावरण संकट

औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के कारण वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है।

4. ट्रैफिक जाम और परिवहन समस्याएँ

सड़कों पर बढ़ते वाहनों से समय व ऊर्जा की बर्बादी होती है।

5. आवास की कमी और महंगाई

शहरों में किराया और संपत्ति महंगी होती है, जिससे निम्न आय वर्ग प्रभावित होता है।

6. असमानता और झुग्गी बस्तियों का विस्तार

गरीबी और असमान विकास के कारण स्लम क्षेत्र बढ़ते हैं।


शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उपाय

1. स्मार्ट सिटी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर

डिजिटल तकनीक और आधुनिक सुविधाओं का विकास।

2. परिवहन प्रणाली में सुधार

  • मेट्रो विस्तार

  • बस सेवाओं का आधुनिकीकरण

  • ई-वाहनों का उपयोग

3. स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण

  • हरित क्षेत्र

  • प्रदूषण नियंत्रण

  • कचरा प्रबंधन प्रणाली

4. किफायती आवास परियोजनाएँ

शहरों में गरीब और मध्यम वर्ग के लिए सस्ते आवास उपलब्ध कराना।

5. रोजगार और कौशल विकास

युवा शक्ति को आधुनिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।

6. औद्योगिक और व्यापारिक सुधार

स्टार्टअप और MSME को प्रोत्साहन, आसान नियम, आसान ऋण।


निष्कर्ष

शहरी अर्थव्यवस्था भारत के आर्थिक विकास का इंजन है। यह रोजगार, नवाचार, व्यापार, उद्योग और सेवाओं के माध्यम से देश को आगे बढ़ाती है। हालांकि शहरों के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं, लेकिन उचित योजना, बेहतर प्रबंधन और तकनीकी सुधारों द्वारा शहरी अर्थव्यवस्था को और शक्तिशाली और संतुलित बनाया जा सकता है।
एक मजबूत शहरी अर्थव्यवस्था ही भारत को वैश्विक आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में आगे ले जाती है।


शहरी अर्थव्यवस्था : 10 MCQ

1. शहरी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से किस पर आधारित होती है?

A. कृषि
B. उद्योग और सेवाएँ
C. पशुपालन
D. वानिकी
उत्तर: B


2. शहरों में सर्वाधिक विकसित क्षेत्र कौन सा है?

A. कृषि
B. सेवा क्षेत्र
C. खनन
D. हथकरघा
उत्तर: B


3. शहरी अर्थव्यवस्था की प्रमुख समस्या कौन सी है?

A. सिंचाई की कमी
B. जनसंख्या घनत्व
C. जंगलों का विनाश
D. पशुधन की कमी
उत्तर: B


4. शहरी क्षेत्रों में किस क्षेत्र की नौकरियां सबसे अधिक मिलती हैं?

A. कृषि
B. मत्स्य पालन
C. औद्योगिक और सेवा क्षेत्र
D. पशुपालन
उत्तर: C


5. निम्न में से कौन-सा शहरी अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख घटक है?

A. खेत
B. साप्ताहिक हाट
C. आईटी और बैंकिंग
D. कृषि उपज
उत्तर: C


6. शहरीकरण बढ़ने से किस समस्या में वृद्धि होती है?

A. ग्रामीण आय
B. प्रदूषण
C. बारिश
D. प्राकृतिक खेती
उत्तर: B


7. आर्थिक विकास में शहरी अर्थव्यवस्था का योगदान मुख्यतः किसके माध्यम से होता है?

A. खाद्यान्न उत्पादन
B. व्यापार, उद्योग और तकनीक
C. पशुपालन
D. ग्रामीण व्यापार
उत्तर: B


8. शहरी क्षेत्रों में किस प्रकार का रोजगार अधिक होता है?

A. मौसमी
B. अनौपचारिक और संगठित दोनों
C. केवल कृषि आधारित
D. केवल हस्तशिल्प
उत्तर: B


9. रियल एस्टेट किससे संबंधित है?

A. कृषि भूमि
B. आवासीय और व्यावसायिक भवन
C. मत्स्य उद्योग
D. डेयरी फार्मिंग
उत्तर: B


10. शहरी अर्थव्यवस्था को सुधारने हेतु कौन-सा कदम उपयोगी है?

A. तकनीक से दूरी
B. किफायती आवास और स्मार्ट सिटी परियोजनाएँ
C. केवल खेती को बढ़ावा
D. ग्रामीण परिवहन बढ़ाना
उत्तर: B



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