भारत में शहरीकरण(Urbanization in India)
भारत एक तीव्र गति से विकसित होती अर्थव्यवस्था है, जहाँ शहरीकरण (Urbanization) एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के रूप में उभर रहा है। शहरीकरण का तात्पर्य है – ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का शहरों की ओर पलायन और शहरों का आकार, संख्या व जनसंख्या का बढ़ना।
🌍 भारत में शहरीकरण का स्वरूप
- 1951 में भारत की शहरी जनसंख्या केवल 17% थी।
- 2011 की जनगणना के अनुसार यह बढ़कर 31.2% हो गई।
- 2025 तक अनुमानित है कि भारत की शहरी आबादी लगभग 38–40% हो चुकी है।
- विश्व बैंक के अनुसार, 2035 तक भारत की आधी से अधिक आबादी शहरों में निवास करेगी।
🏙️ शहरीकरण के प्रमुख कारण
- औद्योगिकीकरण – रोजगार की तलाश में ग्रामीण जनसंख्या शहरों की ओर।
- सेवा क्षेत्र का विकास – आईटी, बैंकिंग, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकरण।
- ग्रामीण-शहरी असमानता – गाँवों में सीमित अवसर, शहरों में बेहतर सुविधाएँ।
- परिवहन और संचार के साधन – शहरों तक आसान पहुँच।
- शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाएँ – उच्च शिक्षा और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएँ शहरों में उपलब्ध।
📊 भारत के प्रमुख शहरी केंद्र (2025 तक)
- महाराष्ट्र – मुंबई, पुणे, नागपुर।
- दिल्ली NCR – गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद।
- कर्नाटक – बेंगलुरु, मैसूर।
- तमिलनाडु – चेन्नई, कोयंबटूर।
- तेलंगाना – हैदराबाद।
- गुजरात – अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा।
- पश्चिम बंगाल – कोलकाता।
- झारखंड-बिहार क्षेत्र – जमशेदपुर, पटना।
- केरल – कोच्चि, त्रिवेंद्रम।
- ओडिशा – भुवनेश्वर, राउरकेला।
⚠️ शहरीकरण से उत्पन्न समस्याएँ
- जनसंख्या का दबाव – महानगरों में भीड़भाड़ और अव्यवस्थित विस्तार।
- आवास समस्या – झुग्गी-झोपड़ियों का विस्तार, किफ़ायती आवास की कमी।
- बेरोजगारी और असमानता – अवसर सीमित, प्रतिस्पर्धा अधिक।
- पर्यावरण प्रदूषण – वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि।
- यातायात जाम – मेट्रो शहरों में परिवहन संकट।
- कचरा प्रबंधन – ठोस अपशिष्ट और सीवरेज की गंभीर समस्या।
- सामाजिक तनाव – अपराध, नशा, असुरक्षा जैसी चुनौतियाँ।
✅ शहरीकरण के लाभ
- आर्थिक विकास – उद्योग, व्यापार और सेवा क्षेत्र का विस्तार।
- रोजगार अवसर – अधिक कार्यस्थल और नवाचार केंद्र।
- सांस्कृतिक विविधता – विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं का मेल।
- सुविधाएँ – शिक्षा, स्वास्थ्य और संचार साधनों की बेहतर उपलब्धता।
- नवाचार और स्टार्टअप – बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद जैसे शहर स्टार्टअप का केंद्र।
🏗️ सरकार की पहल
- स्मार्ट सिटी मिशन (2015) – 100 शहरों को स्मार्ट और टिकाऊ बनाने की योजना।
- AMRUT योजना (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) – शहरी बुनियादी ढाँचे का विकास।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Urban) – शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास।
- स्वच्छ भारत मिशन (Urban) – ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता।
- मेट्रो परियोजनाएँ – दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद आदि में मेट्रो नेटवर्क।
🌱 शहरीकरण और सतत विकास
2025 में भारत के सामने चुनौती है कि शहरीकरण सतत (Sustainable) बने। इसके लिए –
- हरित भवन और नवीकरणीय ऊर्जा का प्रयोग।
- सार्वजनिक परिवहन (मेट्रो, ई-बस) का विस्तार।
- ठोस अपशिष्ट और अपशिष्ट जल प्रबंधन।
- स्मार्ट तकनीक आधारित शहर (AI, IoT का उपयोग)।
- छोटे शहरों और कस्बों का संतुलित विकास ताकि महानगरों पर दबाव कम हो।
निष्कर्ष
भारत में शहरीकरण एक अनिवार्य प्रक्रिया है जो विकास का द्योतक है। परंतु यदि इसे योजना-बद्ध और सतत ढंग से नहीं अपनाया गया तो यह भीड़, प्रदूषण और अव्यवस्था का कारण बनेगा। 2025 तक भारत ने स्मार्ट सिटी और अवसंरचना सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे भविष्य में संतुलित और हरित शहरीकरण संभव हो सकेगा।
 
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