उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय (High Court of Judicature at Allahabad) उत्तर प्रदेश राज्य की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। यह भारत के प्रमुख और ऐतिहासिक उच्च न्यायालयों में से एक है, जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में हुई थी। इसका मुख्यालय प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में स्थित है।
⚖️ उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय: एक परिचय
विषय | विवरण |
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आधिकारिक नाम | इलाहाबाद उच्च न्यायालय (High Court of Judicature at Allahabad) |
स्थापना | 17 मार्च 1866 |
मुख्य न्यायाधीश | समयानुसार परिवर्तनशील (नवीनतम जानकारी के लिए वेबसाइट देखें) |
मुख्यालय | प्रयागराज (इलाहाबाद) |
खंडपीठ | लखनऊ खंडपीठ |
अधिकार क्षेत्र | संपूर्ण उत्तर प्रदेश राज्य |
अधिनियम के अंतर्गत | भारतीय संविधान का अनुच्छेद 214 |
🏛️ इतिहास और विकास
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1866 में ब्रिटिश शासन के दौरान इलाहाबाद में नॉर्थ-वेस्टर्न प्रॉविंस हाई कोर्ट के रूप में इसकी स्थापना हुई थी।
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1919 में इसका नाम बदलकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय रखा गया।
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1948 में यह भारत सरकार के अधिकार में आ गया और भारत के संविधान द्वारा इसकी स्थिति और अधिकार तय किए गए।
⚖️ मुख्य कार्य और अधिकार
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✅ संविधान और विधि की व्याख्या करना
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कानून की व्याख्या और संवैधानिक मुद्दों पर निर्णय देना।
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👩⚖️ न्यायिक समीक्षा (Judicial Review)
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सरकार के कार्यों और नीतियों की संवैधानिकता की जांच करना।
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🧑⚖️ अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
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जिला न्यायालयों, सिविल और सेशन कोर्ट आदि पर निगरानी रखना।
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✍️ रिट जारी करना
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हबीयस कॉर्पस, मैंडेमस, सर्टियोरेरी, क्वो वारंटो, प्रोहिबिशन जैसे रिट जारी करना।
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📑 सरकारी सेवाओं से संबंधित याचिकाओं पर निर्णय
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विशेष रूप से सरकारी नौकरियों, सेवा शर्तों, चयन प्रक्रियाओं आदि पर सुनवाई।
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🏢 खंडपीठ: लखनऊ बेंच
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लखनऊ खंडपीठ की स्थापना 1948 में हुई थी।
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यह अविभाज्य उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र के मामलों की सुनवाई करती है।
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लखनऊ में राज्य सरकार और सचिवालय होने के कारण यह खंडपीठ विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है।
👨⚖️ न्यायाधीशों की नियुक्ति
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मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जो भारत के मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल की सलाह से होती है।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
बिंदु | जानकारी |
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अधिकृत भाषा | अंग्रेज़ी (कुछ मामलों में हिंदी) |
अधीनस्थ न्यायालय | जिला न्यायालय, फैमिली कोर्ट, मजिस्ट्रेट कोर्ट |
विशेष अदालतें | CAT, NGT, ट्रिब्यूनल आदि को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है। |
📚 उल्लेखनीय निर्णय
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं, जैसे:
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इंदिरा गांधी बनाम राज्य सभा केस – न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखने में मील का पत्थर।
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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद – 2010 में महत्वपूर्ण फैसला दिया गया।
📝 निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय न केवल न्याय प्रदान करने वाला एक संवैधानिक निकाय है, बल्कि यह राज्य के कानून और प्रशासन में संतुलन बनाए रखने का काम भी करता है। यह राज्य के नागरिकों को न्याय दिलाने का अंतिम स्तंभ है और भारतीय लोकतंत्र की आत्मा को संरक्षित करता है।
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