विजयनगर साम्राज्य

विजयनगर साम्राज्य(Vijaynagar Empire)

एक गौरवशाली दक्षिण भारतीय इतिहास

विजयनगर साम्राज्य भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में एक शक्तिशाली, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से उन्नत राज्य था, जिसने लगभग 300 वर्षों तक दक्षिण भारत पर शासन किया। यह साम्राज्य न केवल अपनी राजनीतिक स्थिरता और सैन्य शक्ति के लिए प्रसिद्ध था, बल्कि कला, स्थापत्य, साहित्य और धर्म के क्षेत्र में भी इसका योगदान अतुलनीय रहा।


विजयनगर साम्राज्य की स्थापना

1336 ई. में हरिहर और बुक्का द्वारा स्थापना

1336 ई. में संगम वंश के हरिहर (हरिहर I) और बुक्का राय I ने तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर (आज का हम्पी) नामक नगर बसाकर इस साम्राज्य की स्थापना की।
इन दोनों भाइयों ने पहले काकतीय वंश और फिर होयसला राज्य में कार्य किया था। बाद में उन्होंने स्वामी विद्यारण्य के मार्गदर्शन में एक स्वतंत्र हिन्दू राज्य की नींव रखी।


प्रमुख वंश

विजयनगर साम्राज्य पर कुल चार प्रमुख वंशों ने शासन किया:

  1. संगम वंश (1336–1485)
  2. सालुव वंश (1485–1505)
  3. तुलुव वंश (1505–1570)
  4. अरविदु वंश (1570–1646)


कृष्णदेव राय: विजयनगर का महानतम शासक

शासनकाल: 1509–1529 ई.

तुलुव वंश के महान सम्राट कृष्णदेव राय विजयनगर साम्राज्य के सबसे शक्तिशाली और लोकप्रिय राजा माने जाते हैं।
उनके शासनकाल को विजयनगर का स्वर्ण युग कहा जाता है।

उपलब्धियाँ:

  • बहमनी और बीजापुर के सुल्तानों को पराजित किया।
  • उत्तरी कर्नाटक, तटीय आंध्र और ओडिशा पर विजय प्राप्त की।
  • अमरावती, विजयवाड़ा, कांची और उड़ीसा तक साम्राज्य का विस्तार किया।
  • वित्तीय, कृषि, और न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ किया।
  • स्वयं भी एक महान कवि और साहित्य प्रेमी थे।


प्रशासन व्यवस्था

विजयनगर की प्रशासनिक प्रणाली केंद्र, प्रांत और ग्राम स्तर पर विभाजित थी।
राज्य को कई प्रांतों में बाँटा गया था, जिन्हें नायक शासित करते थे।
प्रत्येक नायक अपने क्षेत्र का कर राजा को भेजता और सेना प्रदान करता था।


अर्थव्यवस्था और व्यापार

विजयनगर साम्राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और व्यापार पर आधारित थी।

  • चावल, गन्ना, कपास और मसाले प्रमुख फसलें थीं।
  • होस्पेट, हम्पी, और पेनुकोंडा जैसे नगर व्यापारिक केंद्र थे।
  • अरब, फारस, चीन और पुर्तगाल से व्यापार होता था।
  • विदेशी यात्री निकोलो कोन्टी, अब्दुर रज्जाक, डोमिंगो पेस और फर्नाओ नून्स ने विजयनगर की संपन्नता का उल्लेख किया है।


धर्म और संस्कृति

  • विजयनगर साम्राज्य ने हिंदू धर्म, विशेषतः वैष्णव और शैव परंपराओं को संरक्षण दिया।
  • मंदिरों को राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में विकसित किया गया।
  • धर्म के नाम पर सहिष्णुता का माहौल था और मुस्लिम व्यापारियों को भी संरक्षण मिला।


साहित्य और भाषा

विजयनगर के शासकों ने कन्नड़, तेलुगु, संस्कृत और तमिल भाषाओं के विकास को प्रोत्साहित किया।

  • कृष्णदेव राय की रचना 'अमुक्तमाल्यद' तेलुगु साहित्य की महान कृति मानी जाती है।
  • दरबार में अनेक विद्वान और कवि उपस्थित रहते थे। उन्हें अष्टदिग्गज कहा जाता था।


विजयनगर की स्थापत्य कला

विजयनगर साम्राज्य की स्थापत्य शैली को द्रविड़ वास्तुकला का उत्कर्ष कहा जा सकता है।

  • विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर, हजार राम मंदिर — उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
  • नक्काशीदार स्तंभ, मंडप, गोपुरम और जलसंचय प्रणाली उनकी कला की विशेषताएँ हैं।
  • हम्पी, जो आज UNESCO विश्व धरोहर स्थल है, विजयनगर वास्तुकला की जीवंत गवाही देता है।


तालीकोटा की लड़ाई और पतन

तारीख: 1565 ई.

तालीकोटा की लड़ाई में बीजापुर, गोलकोंडा, अहमदनगर और बीदर के मुस्लिम राज्यों की संयुक्त सेनाओं ने विजयनगर की सेना को हराया।

  • राजा अल्लीया रामराय युद्ध में मारे गए।
  • विजयनगर की राजधानी हम्पी को नष्ट कर दिया गया।
  • इसके बाद साम्राज्य की शक्ति कमजोर होती गई और अरविदु वंश के साथ अंतिम चरण में पहुँच गई।


विजयनगर साम्राज्य का महत्व

  • हिंदू संस्कृति और परंपरा की रक्षा एक मुस्लिम बहुल कालखंड में।
  • दक्षिण भारत की एकता और सुरक्षा
  • कला, साहित्य, स्थापत्य और आर्थिक समृद्धि का उत्कर्ष।
  • आज भी हम्पी के खंडहर विजयनगर की गौरवशाली विरासत का प्रतीक हैं।


FAQ (Frequently Asked Questions) - अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हिंदी में:

प्रश्न 1: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना कब और किसने की थी?

उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 ई. में हरिहर और बुक्का राय ने स्वामी विद्यारण्य के मार्गदर्शन में की थी।


प्रश्न 2: विजयनगर साम्राज्य की राजधानी कौन-सी थी?

उत्तर: विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी थी, जो आज कर्नाटक राज्य में स्थित है।


प्रश्न 3: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध शासक कौन था?

उत्तर: विजयनगर साम्राज्य का सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली शासक कृष्णदेव राय था, जिसने 1509 से 1529 ई. तक शासन किया।


प्रश्न 4: विजयनगर साम्राज्य की प्रमुख उपलब्धियाँ क्या थीं?

उत्तर: इस साम्राज्य ने दक्षिण भारत को मुस्लिम आक्रमणों से सुरक्षित रखा, कला, स्थापत्य, साहित्य और धर्म को संरक्षण दिया, और एक समृद्ध व्यापारिक अर्थव्यवस्था विकसित की।


प्रश्न 5: विजयनगर साम्राज्य में कौन-कौन से वंश शासक रहे?

उत्तर: विजयनगर साम्राज्य पर कुल चार वंशों ने शासन किया:

  • संगम वंश
  • सालुव वंश
  • तुलुव वंश
  • अरविदु वंश


प्रश्न 6: तालीकोटा की लड़ाई क्या थी और इसका क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: 1565 ई. में तालीकोटा की लड़ाई में विजयनगर की सेना को दक्खिनी सल्तनतों ने पराजित किया। इस युद्ध के बाद हम्पी को नष्ट कर दिया गया और साम्राज्य का पतन शुरू हो गया।


प्रश्न 7: विजयनगर काल की वास्तुकला की क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर: विजयनगर स्थापत्य में द्रविड़ शैली, विशाल गोपुरम, नक्काशीदार स्तंभ, और मंडपों की विशेषता थी।
विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर, और हजार राम मंदिर इसके प्रमुख उदाहरण हैं।


प्रश्न 8: विजयनगर साम्राज्य में कौन-कौन सी भाषाएँ प्रचलित थीं?

उत्तर: साम्राज्य में तेलुगु, कन्नड़, तमिल और संस्कृत प्रमुख भाषाएँ थीं। इन भाषाओं में साहित्य को बढ़ावा दिया गया।


प्रश्न 9: विजयनगर के बारे में कौन-कौन से विदेशी यात्रियों ने विवरण दिया?

उत्तर: अब्दुर रज्जाक (ईरान), निकोलो कोन्टी (इटली), डोमिंगो पेस और फर्नाओ नून्स (पुर्तगाल) ने विजयनगर की समृद्धि का वर्णन किया है।


प्रश्न 10: विजयनगर साम्राज्य का पतन कब हुआ?

उत्तर: विजयनगर साम्राज्य का पतन 1565 ई. में तालीकोटा की लड़ाई के बाद शुरू हुआ और 17वीं शताब्दी के मध्य तक यह पूरी तरह समाप्त हो गया।



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