टेक्सटाइल उद्योग(Textile Industry)

टेक्सटाइल उद्योग(World Textile Industry)

वैश्विक और भारतीय परिप्रेक्ष्य

टेक्सटाइल उद्योग दुनिया के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण उद्योगों में से एक है। यह न केवल रोजगार और आर्थिक विकास का स्रोत है बल्कि व्यापार, निर्यात और सांस्कृतिक पहचान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


वैश्विक टेक्सटाइल उद्योग

देश / क्षेत्र प्रमुख उत्पाद प्रमुख केंद्र विशेषताएँ
चीन कॉटन, पॉलिएस्टर, फैशन कपड़े शंघाई, गुआंगझोउ, हांगझोउ उच्च उत्पादन क्षमता, वैश्विक निर्यातक, कम लागत श्रम
अमेरिका कपड़ा, तकनीकी कपड़े टेक्सास, कैलिफोर्निया तकनीकी और औद्योगिक कपड़े, उच्च गुणवत्ता
यूरोप फैशन और डिज़ाइन कपड़े इटली (मिलान), फ्रांस (पेरिस) लक्ज़री, ब्रांडेड और डिजाइन आधारित उत्पादन
पाकिस्तान कॉटन, कपड़ा, कपड़े की वस्तुएँ कराची, लाहौर कपास उत्पादन, शाल और परिधान उत्पादन
बांग्लादेश कपड़ा, रेडीमेड गारमेंट्स ढाका, चटगांव विश्व का प्रमुख निर्यातक, तैयार परिधान उत्पादन केंद्र

भारत में टेक्सटाइल उद्योग

भारत का टेक्सटाइल उद्योग विश्व में सबसे बड़ा और विविधतम है। यह उद्योग कपास, ऊन, रेशम और सिंथेटिक कपड़ा पर आधारित है।

प्रमुख केंद्र और उत्पाद

  • महाराष्ट्र (मुंबई, पुणे, अहमदनगर) – कॉटन और वूलन वस्त्र।
  • तमिलनाडु (कोयम्बटूर, चेन्नई) – स्पिनिंग, कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट्स।
  • उत्तर प्रदेश (लखनऊ, वाराणसी) – सिल्क, बुनाई और हैंडीक्राफ्ट।
  • गुजरात (सूरत, अहमदाबाद) – पॉलिएस्टर, कॉटन और डाइजाइनर कपड़ा।

विशेषताएँ

  • भारत में कपास का उत्पादन विश्व में दूसरे स्थान पर है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हैंडलूम और मिल्स दोनों सक्रिय।
  • टेक्सटाइल उद्योग निर्यात और रोजगार का प्रमुख स्रोत


सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव

  • रोजगार सृजन – लाखों लोग उत्पादन, बुनाई, डिजाइन और सप्लाई चैन में कार्यरत।
  • आर्थिक योगदान – निर्यात, जीडीपी और विदेशी मुद्रा अर्जित।
  • महिला सशक्तिकरण – घर में बुनाई और ग्रामीण उद्योग महिलाओं को रोजगार।

नकारात्मक प्रभाव

  • पर्यावरणीय दबाव – रासायनिक प्रक्रिया, जल प्रदूषण और ऊर्जा खपत।
  • कम मजदूरी और श्रम शोषण – विशेषकर छोटे और घरेलू उद्योगों में।


भविष्य की दिशा

  • इको-फ्रेंडली और सतत टेक्सटाइल उत्पादन।
  • फैशन और डिज़ाइन आधारित उद्योग का विकास
  • तकनीकी कपड़े और स्मार्ट टेक्सटाइल में नवाचार।


निष्कर्ष

टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। यह रोजगार, निर्यात और सामाजिक विकास में योगदान करता है। सतत उत्पादन, नवाचार और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से यह उद्योग भविष्य में और अधिक उन्नत और पर्यावरण-अनुकूल बन सकता है।



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