ध्रुव योजना
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भारत के मेधावी छात्रों के लिए विशेष पहल और 10 महत्वपूर्ण तथ्य
विषय सूची (Table)
क्रमांक | शीर्षक (Headings/Subheadings) |
---|---|
1 | ध्रुव योजना का परिचय |
2 | ध्रुव नाम का महत्व |
3 | ध्रुव योजना की शुरुआत कब हुई |
4 | योजना के मुख्य उद्देश्य |
5 | किन छात्रों को मिलेगा लाभ |
6 | चयन की प्रक्रिया |
7 | प्रशिक्षण और गतिविधियाँ |
8 | ध्रुव योजना का पहला बैच |
9 | ध्रुव योजना का महत्व |
10 | विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ाव |
11 | कला और संस्कृति से जुड़ाव |
12 | भविष्य की संभावनाएँ |
13 | चुनौतियाँ और सुधार की आवश्यकता |
14 | निष्कर्ष |
15 | अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) |
ध्रुव योजना का परिचय
ध्रुव योजना (DHRUV Scheme) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक विशेष पहल है। इसे अक्सर ‘प्राइम मिनिस्टर इनोवेशन लर्निंग प्रोग्राम’ भी कहा जाता है।
👉 इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशभर के प्रतिभाशाली छात्रों को खोजकर उन्हें मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देना है, ताकि वे भविष्य में समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकें।
ध्रुव नाम का महत्व
- “ध्रुव” शब्द का अर्थ है ध्रुव तारा – जो सदैव अटल रहता है और दिशा दिखाता है।
- इस योजना का उद्देश्य भी छात्रों को एक ऐसा मार्गदर्शक बनाना है जो समाज के लिए दिशा-प्रदर्शक हों।
ध्रुव योजना की शुरुआत कब हुई
- ध्रुव योजना की शुरुआत 10 अक्टूबर 2019 को हुई थी।
- इसे भारत के तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने लॉन्च किया।
- इसका उद्घाटन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) मुख्यालय, बेंगलुरु से हुआ।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना।
- विज्ञान, गणित, कला और संस्कृति में नवाचार को बढ़ावा देना।
- छात्रों को नेतृत्व और समस्या समाधान कौशल में निपुण बनाना।
- सामाजिक चुनौतियों के समाधान हेतु छात्रों को प्रेरित करना।
किन छात्रों को मिलेगा लाभ
- कक्षा 9 से 12 तक के प्रतिभाशाली छात्र।
- ऐसे छात्र जिनमें विज्ञान, गणित, कला या संस्कृति के क्षेत्र में विशेष योग्यता हो।
- शुरुआत में हर साल 60 छात्रों का चयन किया गया (30 विज्ञान से और 30 कला से)।
चयन की प्रक्रिया
- चयन राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों की सिफारिश पर होता है।
- विशेष समितियाँ छात्रों की प्रतिभा का मूल्यांकन करती हैं।
- अंतिम चयन राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।
प्रशिक्षण और गतिविधियाँ
- छात्रों को 14 दिनों का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
प्रशिक्षण में शामिल हैं:
- नेतृत्व कौशल
- टीम वर्क
- नवाचार और शोध
- समाज की समस्याओं पर आधारित प्रोजेक्ट वर्क
ध्रुव योजना का पहला बैच
- 2019 में पहला बैच लॉन्च हुआ।
- इसमें कुल 60 छात्र चुने गए।
- कार्यक्रम का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ।
ध्रुव योजना का महत्व
- यह छात्रों को वैश्विक स्तर की सोच और नवाचार की दिशा में प्रेरित करती है।
- भविष्य के वैज्ञानिक, कलाकार, नीति निर्माता और उद्यमी तैयार करने का आधार बनती है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़ाव
- ध्रुव योजना में विज्ञान और गणित के छात्रों को विशेष प्रोजेक्ट दिए जाते हैं।
- उदाहरण: जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, अंतरिक्ष विज्ञान आदि।
कला और संस्कृति से जुड़ाव
- कला से जुड़े छात्रों को भारतीय संस्कृति और परंपरा को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने के अवसर दिए जाते हैं।
- इसमें संगीत, नृत्य, चित्रकला और साहित्य से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल होते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
- भविष्य में इस योजना का विस्तार कर और अधिक छात्रों को शामिल किया जाएगा।
- इसे शोध संस्थानों और उद्योगों से भी जोड़ा जा सकता है।
- यह भारत को ग्लोबल इनोवेशन हब बनाने की दिशा में एक कदम है।
चुनौतियाँ और सुधार की आवश्यकता
- सभी राज्यों से समान भागीदारी सुनिश्चित करना।
- ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों तक पहुँच बनाना।
- दीर्घकालिक निगरानी और मेंटरशिप की व्यवस्था।
निष्कर्ष
ध्रुव योजना भारत की उन पहलों में से एक है जो भविष्य की पीढ़ी को दिशा देने के लिए बनाई गई हैं।
यह केवल छात्रों की प्रतिभा को पहचानने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें समाज की बड़ी समस्याओं का समाधानकर्ता बनाने की दिशा में आगे बढ़ाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. ध्रुव योजना कब शुरू हुई थी?
10 अक्टूबर 2019 को।
2. इस योजना का उद्देश्य क्या है?
प्रतिभाशाली छात्रों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देकर उन्हें भविष्य के नेता बनाना।
3. इसमें कितने छात्रों का चयन होता है?
शुरुआत में हर साल 60 छात्रों का चयन किया गया।
4. कौन से छात्र इसमें भाग ले सकते हैं?
कक्षा 9 से 12 तक के विज्ञान और कला में प्रतिभाशाली छात्र।
5. ध्रुव नाम क्यों रखा गया?
क्योंकि ध्रुव तारा सदैव दिशा दिखाता है और यह योजना छात्रों को समाज का मार्गदर्शक बनाने की सोच रखती है।
6. पहला ध्रुव बैच कब लॉन्च हुआ था?
2019 में, और इसमें 60 छात्रों का चयन हुआ।
बाहरी स्रोत
Ministry of Education, Government of India
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