भारी वर्षा एवं बाढ़: भारत 2025(Floods Desiaster in India 2025)
लेख की शीर्षक तालिका
| क्रमांक | शीर्षक | 
|---|---|
| 1 | परिचय: भारत में 2025 की बाढ़ का व्यापक परिदृश्य | 
| 2 | उत्तर-पूर्वी भारत में मानसून जनित तबाही | 
| 3 | हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ की मार | 
| 4 | गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना व हरियाणा में बाढ़ की स्थिति | 
| 5 | पंजाब में अभूतपूर्व बाढ़ एवं कृषि संकट | 
| 6 | उत्तराखंड में क्लाउडबर्स्ट से तबाही | 
| 7 | कश्मीर में किश्तवाड़ आपदा | 
| 8 | हॉरिजंटल (पश्चिमी) राज्यों में बाढ़ और खतरे | 
| 9 | पंजाब में बांध प्रबंधन ने बढ़ाई समस्या | 
| 10 | हरियाणा में घग्गर नदी का खतरे का संकेत | 
| 11 | पटियाला में बाढ़ का व्यापक असर | 
| 12 | उत्तर प्रदेश, हिमाचल और अन्य राज्यों की तैयारी | 
| 13 | विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को प्रमुख कारण बताया | 
| 14 | राहत और बचाव कार्यों की व्यापकता | 
| 15 | भविष्य के लिए तैयारी और रणनीतिक सुझाव | 
1. परिचय: भारत में 2025 की बाढ़ का व्यापक परिदृश्य
2025 की मानसून और पर्वतीय क्षेत्रों में अचानक आई वर्षा ने भारत में व्यापक बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पैदा की। देश के विभिन्न हिस्सों में गाँव, शहर और कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आए। यह वर्ष आपदाओं की दृष्टि से सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, जिसमें लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ और भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। व्यापक मीडिया कवरेज और राहत गतिविधियों ने समस्या के गम्भीर प्रभाव को उजागर किया।
2. उत्तर-पूर्वी भारत में मानसून जनित तबाही
मई-जून 2025 में असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा में लगातार भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं। इन प्रभावित राज्यों में लगभग 36 लोगों की मृत्यु हुई और लगभग 5.5 लाख लोग प्रभावित हुए। सड़कों, ढांचों और आवासों को भारी क्षति पहुंची, जबकि हजारों लोग राहत शिविरों में बनाए गए।
3. हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ की मार
जून अंत तक हिमाचल प्रदेश में तेज बारिश और बाढ़ की वजह से फ्लैश फ्लड्स आये, जिनमें लगभग 17 लोगों की जान गई। सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुँचा। प्रशासन ने तत्काल राहत कार्यों और बचाव अभियानों की शुरुआत की।
4. गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना व हरियाणा में बाढ़ की स्थिति
मानसून के पहले हिस्से में गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र और हरियाणा के कई जिलों में भीषण जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी। सूरत में मात्र 24 घंटे में 346 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जिससे शहर जलमग्न हो गया और पर्यावरण व बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ।
5. पंजाब में अभूतपूर्व बाढ़ एवं कृषि संकट
अगस्त 2025 में पंजाब राज्य में बीते तीन दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ आई। लगभग 1,400 गाँव, 2.5 लाख एकड़ कृषि भूमि पानी में डूब गए, और 3.5 मिलियन लोग प्रभावित हुए। इस स्थिति ने राज्य की कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गहराई से प्रभावित किया।
6. उत्तराखंड में क्लाउडबर्स्ट से तबाही
5 अगस्त को उत्तरकाशी में एक क्लाउडबर्स्ट घटना आई, जिससे flash flood और क्षतिग्रस्त भवनों के बीच कई लोग फँस गए। इसमें कम से कम 5 लोगों की जान गई और 50 से अधिक लापता बताए गए।
7. कश्मीर में किश्तवाड़ आपदा
14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में क्लाउडबर्स्ट के कारण flash flood ने तबाही मचाई। इस घटना में कम से कम 67 लोग मारे गए, 300 घायल हुए और लगभग 200 लोग लापता हुए। यह गोलबारी और तीव्र प्रवाह में अचानक उन्नयन के कारण हुआ।()
8. हॉरिजंटल (पश्चिमी) राज्यों में बाढ़ और खतरे
पूर्वी पाकिस्तान तक फैल रही बाढ़ के सिलसिले ने राजस्थान और उत्तर भारत में भी खतरे को बढ़ा दिया। दिल्ली व उत्तर भारत में कई नदियाँ उफान पर रहीं। ये घटनाएँ जल-प्रबंधन और बांध नियंत्रण की ज़रूरत को दर्शाती हैं।
9. पंजाब में बांध प्रबंधन ने बढ़ाई समस्या
भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों से पानी का नियंत्रित रिलीज़ भी बहाव को बढ़ा गया। पंजाब में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई, जिससे प्रशासन पर तत्काल राहत और जलनिकासी का दबाव बढ़ा।
10. हरियाणा में घग्गर नदी का खतरे का संकेत
आज नदी ने खतरे का आंकड़ा पार किया, फैतेहाबाद, सिरसा व हिसार में दर्जनों गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए। पानी ने घरों, खेती व सड़कों को क्षतिग्रस्त किया। प्रशासन ने राहत शिविर खोले और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
11. पटियाला में बाढ़ का व्यापक असर
घग्गर नदी के खतरे के स्तर को पार करने से पटियाला में 80 से अधिक गाँव और हज़ारों एकड़ खेती प्रभावित हुए। राहत शिविर बनाए गए, सेना और NDRF का सहयोग लिया गया, और ग्रामीणों को राहत दी गई।
12. उत्तर प्रदेश, हिमाचल और अन्य राज्यों की तैयारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगस्त–सितंबर में उत्तरी राज्यों जैसे हिमाचल, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश और भू-खिसकाव की चेतावनी जारी की है। प्रशासन सतर्कों की तैनाती और सतत निगरानी कर रहा है।
13. विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को प्रमुख कारण बताया
प्रवक्ता और विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते तापमान और अत्यधिक मौसमी अस्थिरता जैसे कारक बाढ़ की गहराई को बढ़ा रहे हैं। इसने जलवायु परिवर्तन के खतरों और जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता पर ध्यान खींचा।
14. राहत और बचाव कार्यों की व्यापकता
भारतीय सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने कई स्थानों पर राहत शिविर स्थापित किए, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया और आपात भोजन, पानी व चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई। विशेष रूप से उत्तर-पूर्व और हिमालयी क्षेत्रों में बचाव ऑपरेशन ज़्यादा सक्रिय रहा।
15. भविष्य के लिए तैयारी और रणनीतिक सुझाव
इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि भारत को बेहतर जल प्रबंधन, बांध नियंत्रण, आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली और जलवायु अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की आवश्यकता है। साथ ही, स्थानीय समुदायों को क्षमता निर्माण और सतत औद्योगिक नीति से समर्थन देना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. 2025 में भारत में बाढ़ सबसे ज़्यादा किन राज्यों में आई?
2025 की बाढ़ का सबसे ज़्यादा असर असम, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और महाराष्ट्र में देखा गया।2. उत्तर-पूर्वी राज्यों में कितने लोग प्रभावित हुए?
असम और आसपास के उत्तर-पूर्वी राज्यों में लगभग 5.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए और हज़ारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।3. पंजाब की बाढ़ का मुख्य कारण क्या था?
पंजाब में लगातार भारी वर्षा, नदियों का उफान और भाखड़ा, पोंग तथा रंजीत सागर बांध से पानी का रिलीज़ बाढ़ का मुख्य कारण बना।4. उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में क्लाउडबर्स्ट से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में क्लाउडबर्स्ट के कारण अचानक आई बाढ़ से कई गाँव बह गए, दर्जनों लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग लापता हो गए।5. बाढ़ से भारत की कृषि पर क्या असर हुआ?
बाढ़ ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की लाखों एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुँचाया। धान और अन्य खरीफ फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक हानि हुई।6. जलवायु परिवर्तन और 2025 की बाढ़ के बीच क्या संबंध है?
विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम अधिक अस्थिर और चरम हुआ है। भारी और असमान वर्षा, ग्लेशियर पिघलना और बादल फटना इस आपदा को और विकराल बना रहे हैं।7. सरकार और NDRF ने क्या राहत कार्य किए?
सरकार ने NDRF, SDRF और सेना की मदद से बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य चलाए। लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया और अस्थायी शिविरों में भोजन, दवाइयाँ और पानी उपलब्ध कराया गया।8. भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
भविष्य में बाढ़ से बचाव के लिए बेहतर जल प्रबंधन, समय पर चेतावनी प्रणाली, बांधों का समुचित संचालन, जलवायु-प्रतिरोधी इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थानीय समुदायों की आपदा तैयारी को प्राथमिकता देनी होगी।स्रोत(Source)

 
 
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