सेमिकॉन इंडिया 2025

सेमिकॉन इंडिया (Semicon India) 2025 

सेमिकॉन इंडिया 2025


भारत की चिप क्रांति की शुरुआत और 15+ मुख्य पहलू


रूपरेखा (Outline in Table Format)

क्रमांक शीर्षक/उपशीर्षक
1 Semicon India 2025: एक परिचय
2 उद्देश्य और थीम
3 आयोजन का स्थान और तिथि
4 आयोजन की संरचना और आयोजक
5 अंतरराष्ट्रीय सहभागिता
6 ग्लोबल पवेलियन्स और कंट्री राउंडटेबल्स
7 स्किलिंग और स्टार्टअप पहल
8 राज्य सरकार पवेलियन और B2B फ़ोरम
9 प्रमुख उद्घाटन और सहभागियों
10 तकनीकी चर्चाएँ और कार्यशालाएँ
11 भारत में चिप आत्मनिर्भरता की दिशा
12 Vikram-32 और महत्वपूर्व घोषणाएं
13 शिक्षा और वैश्विक तालमेल
14 मीडिया कवरेज और प्रतिक्रिया
15 भविष्य की रणनीतियाँ और प्रभाव
16 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
17 निष्कर्ष

    Semicon India 2025: एक परिचय

    Semicon India 2025 सम्मेलन का आयोजन 2 सितम्बर से 4 सितम्बर 2025 तक Yashobhoomi (IICC), New Delhi में किया गया, Semicon India 2025 भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक बड़ा अवसर था। इसका आयोजन नई दिल्ली में हुआ और इसमें देश-विदेश से उद्योग जगत के नेताओं, नीति-निर्माताओं और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। यह सम्मेलन केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और नवाचार क्षमता का प्रदर्शन भी था। इसमें चिप डिज़ाइन, निर्माण और सप्लाई चेन विकास जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई।


    उद्देश्य और थीम

    Semicon India 2025 का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना था। इस वर्ष का थीम “Building the Next Semiconductor Powerhouse” रखा गया, जो भारत की बढ़ती क्षमताओं और आकांक्षाओं का प्रतीक था। इसमें चिप निर्माण, फैब्रिकेशन, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित सत्र रखे गए। इस थीम ने यह संदेश दिया कि भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि भविष्य का चिप आपूर्तिकर्ता भी होगा।


    आयोजन का स्थान और तिथि

    Semicon India 2025 का आयोजन 2 से 4 सितंबर तक यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में हुआ। यह स्थान अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए उपयुक्त माना जाता है। सम्मेलन में हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी प्रतिनिधि, उद्योग विशेषज्ञ और विदेशी मेहमान शामिल थे। आयोजन स्थल पर प्रदर्शनियों, पैनल चर्चाओं और नेटवर्किंग सत्रों की व्यवस्था की गई, जिससे सभी हितधारकों को एक साथ बातचीत करने और भविष्य की दिशा तय करने का अवसर मिला।

    स्थान: Yashobhoomi (India International Convention and Expo Centre), Dwarka, New Delhi
    तिथियाँ: 2–4 सितम्बर 2025
    प्रवेश नियम: पहली सुबह उद्घाटन आमंत्रण आधारित थी; आम भागीदारों के लिए शाम और अन्य दिन खुले सत्र आयोजित किए गए।


    आयोजन की संरचना और आयोजक

    Semicon India 2025 का आयोजन India Semiconductor Mission (ISM) और SEMI ने मिलकर किया। इसकी संरचना इस प्रकार थी कि हर भागीदार को अपने योगदान और विशेषज्ञता को प्रस्तुत करने का मंच मिले। इसमें बड़े उद्योग समूहों के लिए पवेलियन, स्टार्टअप्स के लिए विशेष सेक्शन और अकादमिक जगत के लिए रिसर्च प्रदर्शनी शामिल थीं। आयोजकों का मकसद यह था कि नीति, शिक्षा, उद्योग और निवेश सब एक ही मंच पर आएं और सामूहिक सहयोग से भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा सके।


    अंतरराष्ट्रीय सहभागिता

    इस बार सम्मेलन में 18 से अधिक देशों से 300 से ज्यादा कंपनियाँ शामिल हुईं। जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और सिंगापुर जैसे देशों की प्रमुख कंपनियों ने अपनी तकनीक और उत्पाद प्रदर्शित किए। अंतरराष्ट्रीय सहभागिता से भारत को वैश्विक अनुभव से सीखने और अपने उद्योग को विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप ढालने का मौका मिला। यह भी संदेश गया कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सेमीकंडक्टर सहयोग में एक अहम साझेदार बनने जा रहा है।


    ग्लोबल पवेलियन्स और कंट्री राउंडटेबल्स

    Semicon India 2025 में पहली बार चार ग्लोबल पवेलियन और आठ देश-विशेष राउंडटेबल्स आयोजित किए गए। इन पवेलियन्स में विदेशी कंपनियों ने अपने नवीनतम चिप डिज़ाइन और निर्माण तकनीकों का प्रदर्शन किया। कंट्री राउंडटेबल्स का उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना और निवेश के नए अवसर तलाशना था। यह पहल भारत और विदेशी साझेदारों के बीच भरोसा बनाने और दीर्घकालिक सहयोग की नींव रखने में बेहद कारगर रही।

    पहली बार सम्मेलन में शामिल हुए:

    • 4 International Pavilions—जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया से
    • 8 Country Roundtables—जो द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए लिए गए


    स्किलिंग और स्टार्टअप पहल

    सम्मेलन में Workforce Development Pavilion और Design Startup Pavilion की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य था युवाओं, इंजीनियरों और स्टार्टअप्स को सीधे उद्योग से जोड़ना। स्किलिंग पवेलियन में छात्रों को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में करियर के अवसरों और नई तकनीकों की जानकारी दी गई। वहीं स्टार्टअप पवेलियन ने नए विचारों और चिप डिज़ाइन करने वाली कंपनियों को मंच प्रदान किया। इससे भारत में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिला।

    प्रथम बार सम्मेलन में निम्न पहल पेश की गईं:

    • Workforce Development Pavilion—छात्रों और अभियंताओं के लिए प्रशिक्षण, करियर काउंसलिंग
    • Semiconductor Design Startup Pavilion—नई चिप डिज़ाइन कंपनियों को मंच


    राज्य सरकार पवेलियन और B2B फ़ोरम

    इस वर्ष 9 राज्य सरकार पवेलियन्स हुए (पिछले वर्ष 6 थे), साथ ही B2B फ़ोरम और Upskilling कार्यक्रम भी आयोजित हों


    प्रमुख उद्घाटन और सहभागियों

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। इसके पूर्वा-वक्ताओं में शामिल थे अश्विनी वैन्यशंव (I&B/MeitY मंत्री), वैश्विक उद्योग जगत के प्रमुख, और ISM व SEMI के नेतृत्व। Semicon India 2025 में नौ राज्यों ने अपने पवेलियन लगाए। इनमें गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना प्रमुख रहे। इन पवेलियनों का मकसद निवेशकों को अपने राज्य की नीतियों और बुनियादी ढांचे से अवगत कराना था। साथ ही B2B फ़ोरम के जरिए उद्योग जगत की कंपनियों को सीधे एक-दूसरे से जुड़ने और संभावित साझेदारियों पर बातचीत का मौका मिला। इस मंच ने राज्यों और उद्योगों के बीच प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों को प्रोत्साहित किया।


    तकनीकी चर्चाएँ और कार्यशालाएँ

    तीन दिन तक चले इस सम्मेलन में चिप निर्माण, फैब्रिकेशन तकनीक, पैकेजिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर विस्तृत चर्चाएँ हुईं। कार्यशालाओं में छात्रों और स्टार्टअप्स को विशेषज्ञों से सीधे सीखने का मौका मिला। कई सत्रों में निवेश और फंडिंग के नए अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया गया। यह तकनीकी संवाद भारत के उद्योग को न केवल नई दिशा देता है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी सहायक होगा।


    भारत में चिप आत्मनिर्भरता की दिशा

    Semicon India 2025 ने India Semiconductor Mission, Design Linked Incentive (DLI) जैसे प्रोत्साहनों और निवेशों को बल दिया। भारत $100 अरब मार्केट साइज और 85,000+ चिप्स वर्कफोर्स के लक्ष्य की दिशा में अग्रसर है। Semicon India 2025 ने भारत के सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता के संकल्प को और मजबूत किया। इस सम्मेलन ने दिखाया कि भारत के पास डिज़ाइन, फैब्रिकेशन और पैकेजिंग की क्षमता तेजी से विकसित हो रही है। सरकार ने उद्योग के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएँ प्रस्तुत कीं, जिससे निवेश बढ़ने की संभावना है। यह आत्मनिर्भरता भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में भरोसेमंद साझेदार बनाएगी और आने वाले वर्षों में देश के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएगी।


    Vikram-32 और महत्वपूर्व घोषणाएँ

    Semicon India 2025 में भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर Vikram-32 लॉन्च किया गया। यह ISRO और SCL चंडीगढ़ द्वारा विकसित किया गया है और रॉकेट तथा उपग्रह मिशनों में उपयोग होगा। इसकी घोषणा ने सम्मेलन का महत्व और बढ़ा दिया। इसके अलावा कई राज्यों और उद्योगों ने नए निवेश की घोषणाएँ कीं। Vikram-32 ने साबित किया कि भारत अब केवल चिप उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता और नवोन्मेषक भी है।


    शिक्षा और वैश्विक तालमेल

    IIT (ISM) धनबाद ने APEEC1, एक low-power analog memristor emulator IC, प्रदर्शित किया।
    UAlbany और Ramaiah University का प्रशिक्षण सहयोग भी इस सम्मेलन में घोषित हुआ, जो वैश्विक शिक्षा भागीदारी को दर्शाता है।सम्मेलन में कई भारतीय विश्वविद्यालयों और विदेशी संस्थानों ने साझेदारी की। IIT और अन्य संस्थानों ने अपने शोध प्रस्तुत किए, जिससे छात्रों को प्रेरणा मिली। विदेशी विश्वविद्यालयों और भारत के बीच संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी घोषणा हुई। इसका उद्देश्य था भारतीय प्रतिभाओं को वैश्विक मानकों पर तैयार करना। इस तरह शिक्षा और शोध में सहयोग से भारत के पास चिप्स उद्योग के लिए कुशल कार्यबल उपलब्ध होगा।


    मीडिया कवरेज और प्रतिक्रिया

    Semicon India 2025 को व्यापक मीडिया कवरेज मिला। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे भारत के डिजिटल भविष्य का नया अध्याय बताया। विशेषज्ञों का मानना था कि यह सम्मेलन केवल उद्योग प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारत की गंभीर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। निवेशकों और कंपनियों ने भारत की नीतियों की सराहना की और इसे विश्वसनीय साझेदार माना। इससे भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर वैश्विक भरोसा और बढ़ गया।


    भविष्य की रणनीतियाँ और प्रभाव

    Semicon India 2025 ने आने वाले वर्षों की स्पष्ट रणनीति प्रस्तुत की। भारत अब 64-बिट प्रोसेसर, एडवांस पैकेजिंग और देशव्यापी फैब निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा। साथ ही, स्टार्टअप्स और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देकर कार्यबल को और मज़बूत बनाया जाएगा। इस सम्मेलन ने यह संदेश दिया कि भारत वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में नेतृत्व करने की स्थिति में आ रहा है। आने वाले दशक में भारत का लक्ष्य है खुद को सेमीकंडक्टर महाशक्ति के रूप में स्थापित करना।
    • भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में यह एक प्रमुख कदम है।
    • निवेश, स्टार्टअप्स, शिक्षा और नीति से जुड़ी पहलें भविष्य में गति देंगी।
    • अगली पीढ़ी में 64-बिट, advanced packaging, और देशव्यापी फैब निर्माण की योजनाएँ जोर पकड़ेंगी।


    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    1. Semicon India 2025 कब और कहाँ हुआ?

    ➡ यह सम्मेलन 2–4 सितंबर 2025 को Yashobhoomi, New Delhi में आयोजित हुआ।

    2. इसका थीम क्या था?

    ➡ “Building the Next Semiconductor Powerhouse”।

    3. इस बार क्या नए पहल हुए?

    ➡ अंतरराष्ट्रीय पवेलियन्स, कंट्री राउंडटेबल्स, Workforce & Startup पवेलियन्स, राज्य पवेलियन्स।

    4. Vikram-32 क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?

    ➡ भारत की पहली इंडिजेनियस 32-बिट स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर, अंतरिक्ष व रॉकेट मिशनों के लिए उपयोगी।

    5. शिक्षा या वैश्विक सहयोग में कौनसे उदाहरण मिले?

    ➡ IIT (ISM) का APEEC1 IC और UAlbany–RUAS का प्रशिक्षण सहयोग।

    6. भविष्य में इसका असर क्या होगा?

    ➡ भारत को चिप्स उद्योग में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में स्थापित करने में मदद।---

    निष्कर्ष

    Semicon India 2025 ने स्पष्ट रूप से भारत के सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में नीति, नवाचार और वैश्विक सहयोग को एक साथ आगे बढ़ाया। इस सम्मेलन ने दिखाया कि भारत नेक्स्ट सेमीकंडक्टर पॉवरहाउस बनने की दिशा में दृढ़ता से बढ़ रहा है।


    स्रोत

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