भारतीय ऑपरेशन्स 2025

 भारतीय ऑपरेशन्स

(Indian Operations) 2025

भारतीय ऑपरेशन्स  2025



    परिचय(Introduction)

    भारत समय-समय पर विभिन्न परिस्थितियों में विशेष ऑपरेशन्स चलाता है। ये ऑपरेशन्स दो प्रकार के होते हैं—मानवीय/निकासी अभियान और सुरक्षा/सैन्य अभियान। मानवीय अभियानों में विदेशों में संकट या युद्धग्रस्त क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और प्राकृतिक आपदाओं में राहत पहुँचाना शामिल है, जैसे ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन, 2022), ऑपरेशन कावेरी (सूडान, 2023), ऑपरेशन अजय (इज़राइल, 2023), ऑपरेशन सिंधु (ईरान–इज़राइल, 2025) और ऑपरेशन ब्रह्मा (म्यांमार, 2025)। वहीं, आंतरिक सुरक्षा अभियानों में नक्सलविरोधी ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट और आपदा राहत हेतु ऑपरेशन सहयोग जैसे उदाहरण शामिल हैं। ये सभी अभियान भारत की मानवीय जिम्मेदारी, वैश्विक भूमिका और सुरक्षा प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।


    भारतीय ऑपरेशन्स - तालिका

    अभियानक्यों शुरू हुआ? कितने लोग/उद्देश्य? कहाँ से/कहाँ तक? कौन-सी एजेंसियाँ शामिल?महत्व
    देवी शक्ति (2021, अफ़ग़ानिस्तान)तालिबान कब्ज़े के बाद~800 निकाले गएकाबुल से भारतIAF, Air Indiaमानवीय व त्वरित प्रतिक्रिया
    गंगा (2022, यूक्रेन)रूस–यूक्रेन युद्ध~22,500 निकाले गएयूक्रेन से पड़ोसी देशों होकर भारतविदेश मंत्रालय, IAF, चार्टर्ड उड़ानेंभारत का सबसे बड़ा निकासी अभियान
    कावेरी (2023, सूडान)सूडान संघर्ष~3,900 निकाले गएखार्तूम व पोर्ट सूडान सेIAF, भारतीय नौसेनासंकट में वैश्विक भूमिका
    अजय (2023, इज़राइल)इज़राइल–हमास युद्ध~1,300 निकाले गएतेल अवीव व आसपासविदेश मंत्रालय, IAFतेज़ निकासी क्षमता
    इंद्रावती (2024, हैती)गैंग हिंसा व अराजकता12 निकाले गएहैती से डोमिनिकन गणराज्यविदेश मंत्रालयछोटे स्तर पर भी तत्परता
    ब्रह्मा (2025, म्यांमार)भूकंप राहत60 टन सामग्री + 118 दलभारत से म्यांमारIAF, मेडिकल टीमभारत “फ़र्स्ट रिस्पॉन्डर”
    सिंधु (2025, ईरान–इज़राइल)क्षेत्रीय संघर्ष~4,400 निकाले गएईरान व इज़राइल से भारतविदेश मंत्रालय, IAFबड़ा व सफल निकासी अभियान
    ब्लैक फॉरेस्ट (2025, छत्तीसगढ़–तेलंगाना)नक्सलविरोधी कार्रवाई31 नक्सली मारे गए (दावा)जंगल क्षेत्रCRPF, COBRA, राज्य पुलिससबसे बड़ा नक्सल अभियान
    सहयोग (2025, मणिपुर)बाढ़ व भूस्खलन राहत1,500 नागरिकों तक मदद18 गाँवों में एयरड्रॉपIAF, असम राइफल्समानवीय आपदा राहत

    ऑपरेशन शिवा(Operation Shiva) 

    ऑपरेशन शिवा – अमरनाथ यात्रा सुरक्षा - 03 जुलाई - 9 अगस्त 2025

    ऑपरेशन "शिवे" अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा चलाया जाने वाला विशेष अभियान है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुँचते हैं। इस दौरान आतंकवादी हमलों, भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों से यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। सेना, CRPF, पुलिस और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियाँ मिलकर यात्रा मार्गों पर निगरानी और सहायता प्रदान करती हैं। आधुनिक तकनीक, CCTV और ड्रोन से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाती है। "ऑपरेशन शिवे" श्रद्धालुओं की सुरक्षित और शांतिपूर्ण यात्रा की गारंटी है।

    ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)

    ऑपरेशन सिंदूर  - आंतक के खिलाफ सैन्यअभियान - मई 2025

    ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक मानवीय व बचाव अभियान है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर भूकंप और बाढ़ जैसी स्थितियों में प्रभावित लोगों की मदद करना था। इस अभियान में सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त टुकड़ियों ने राहत सामग्री पहुँचाई, घायलों को निकाला और आश्रय की व्यवस्था की। हेलीकॉप्टरों से दुर्गम क्षेत्रों में दवाइयाँ, भोजन और ज़रूरी सामान पहुँचाया गया। इंजीनियर टुकड़ियों ने सड़कें व संचार तंत्र बहाल किए। ऑपरेशन "सिंदूर" भारतीय सशस्त्र बलों की मानवीय प्रतिबद्धता और तत्परता का उदाहरण है, जो आपदा में नागरिकों को नया जीवन प्रदान करता है।

    Civil Warior - श्रवण सिंह

    ऑपरेशन ब्रम्हा (Operation Bramha)

    ऑपरेशन "ब्रह्मा" - भारत द्वारा म्यांमार और थाईलैण्ड में राहत बचाव 

    28 मार्च 2025 में म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप से भारी तबाही हुई। दोनों देशों में हज़ारों लोग प्रभावित हुए और त्वरित मदद की ज़रूरत थी। भारत ने तत्काल मानवीय सहायता अभियान “ऑपरेशन ब्रह्मा” शुरू किया। भारतीय वायुसेना के C-17 विमानों और नौसेना के जहाज़ों द्वारा सैकड़ों टन राहत सामग्री, दवाइयाँ, भोजन और आश्रय सामग्री पहुँचाई गई। 60-बिस्तर वाला फील्ड अस्पताल और 118 सदस्यीय चिकित्सा दल भी तैनात किया गया। यह अभियान भारत की क्षेत्रीय "फ़र्स्ट रिस्पॉन्डर" भूमिका को दर्शाता है और पड़ोसी देशों के साथ मानवीय सहयोग का सशक्त उदाहरण बन गया।

    ऑपरेशन सिन्धु(Operation Sindhu)

    ऑपरेशन सिन्धु - भारतीयो का बचाव इजराइल - ईरान का संघर्ष

    जून 2025 में इज़राइल–ईरान संघर्ष के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन “सिंधु” शुरू किया। इस अभियान की शुरुआत ईरान से 110 छात्रों की वापसी के साथ हुई। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों और चार्टर्ड उड़ानों से बड़ी संख्या में लोगों को निकाला गया। कुल मिलाकर ईरान से लगभग 3,400 और इज़राइल से 800 से अधिक नागरिक सुरक्षित भारत लाए गए। इस प्रकार 4,400 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी हुई। ऑपरेशन "सिंधु" भारत की वैश्विक ज़िम्मेदारी और मानवीय संकल्प का सशक्त उदाहरण है।

    ऑपरेशन ब्लैक फारेस्ट(Operation Black Forest)

    ऑपरेशन "ब्लैक फॉरेस्ट" - नक्सलियों के खिलाफ

    अप्रैल–मई 2025 में छत्तीसगढ़–तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने एक बड़ा अभियान चलाया जिसे “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” नाम दिया गया। इस अभियान का उद्देश्य जंगलों में छिपे व सक्रिय माओवादी गुटों को समाप्त करना था। सुरक्षा एजेंसियों ने ड्रोन, हवाई निगरानी और विशेष बलों की मदद से घेराबंदी की। रिपोर्टों के अनुसार, इस दौरान कई बड़े माओवादी कमांडर मारे गए और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए। यह अभियान नक्सलविरोधी मोर्चे पर भारत की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में गिना जाता है और क्षेत्र में सुरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाने में अहम साबित हुआ।

    ऑपरेशन सहयोग(Operation Sahyog)

    ऑपरेशन "सहयोग" - भीषण बारिश और भूस्खलन

    सितंबर 2025 में मणिपुर में भीषण बारिश और भूस्खलन के कारण कई गाँव बाहरी दुनिया से कट गए। हालात गंभीर होने पर भारतीय वायुसेना (IAF) और असम राइफल्स (AR) ने संयुक्त रूप से “ऑपरेशन सहयोग” शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य दुर्गम व कटे हुए इलाकों में फंसे लोगों को राहत पहुँचाना था। हेलीकॉप्टरों से लगभग 6 टन राहत सामग्री 18 गाँवों तक पहुँचाई गई और 1,500 से अधिक नागरिकों को सीधी मदद मिली। ऑपरेशन "सहयोग" मानवीय सहायता का बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें सेना और वायुसेना ने मिलकर आपदा-प्रभावित लोगों को समय पर राहत प्रदान की।

    ऑपरेशन इंद्रावती (Operation Indravati)

    ऑपरेशन इंद्रावती - नागरिक सुरक्षा अभियान

    मार्च 2024 में हैती की विकट सुरक्षा स्थिति के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन "इंद्रावती" शुरू किया। इस अभियान के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की कि 12 भारतीयों को हैती से निकाला गया और डोमिनिकन गणराज्य में पहुँचाया गया। यह कदम उन भारतीयों की सुरक्षा के प्रति देश की दृढ़ प्रतिबद्धता का परिचायक था। ऑपरेशन "इंद्रावती" ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत संकट के समय अपने विदेशों में फंसे नागरिकों की मदद के लिए तत्पर और जिम्मेदार है।

    ऑापरेशन अजय(Operation Ajay)

    ऑपरेशन "अजय" - नागरिक सुरक्षा अभियान

    अक्टूबर 2023 में इज़राइल–हमास संघर्ष भड़कने के बाद भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए ऑपरेशन “अजय” शुरू किया। इस अभियान के अंतर्गत विशेष उड़ानों और चार्टर्ड विमानों की व्यवस्था की गई। सबसे पहले भारतीय छात्रों और कामगारों को सुरक्षित एयरलिफ्ट किया गया। कुल मिलाकर 1,300 से अधिक भारतीय नागरिकों को इस अभियान के ज़रिए वापस लाया गया। विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास ने मिलकर निकासी प्रक्रिया का समन्वय किया। ऑपरेशन “अजय” ने यह सिद्ध किया कि संकट के समय भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने में सक्षम है।

    ऑपरेशन कावेरी(Operation Kaveri)

    ऑपरेशन "कावेरी"- नागरिक सुरक्षा अभियान

    अप्रैल 2023 में सूडान की राजधानी खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में भीषण संघर्ष शुरू हुआ, जिससे हजारों भारतीय नागरिक वहाँ फँस गए। भारत सरकार ने तुरंत ऑपरेशन "कावेरी" शुरू किया ताकि सभी भारतीयों को सुरक्षित देश वापस लाया जा सके। इस अभियान में भारतीय वायुसेना और नौसेना की मदद ली गई। विशेष उड़ानों और नौसेना के जहाज़ों के जरिए लगभग 3,900 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। विदेश मंत्रालय ने निकासी केंद्र स्थापित कर नागरिकों को सुरक्षित मार्ग दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन "कावेरी" भारत की मानवीय जिम्मेदारी और त्वरित कार्रवाई का सफल उदाहरण है।

    ऑपरेशन गंगा(Operation Ganga)

    ऑपरेशन "गंगा" - नागरिक सुरक्षा अभियान

    फरवरी 2022 में रूस–यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर हज़ारों भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन में फँस गए थे। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन “गंगा” शुरू किया। इस अभियान में भारतीय वायुसेना के विमान और विशेष चार्टर्ड उड़ानों का उपयोग किया गया। निकासी के लिए पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया जैसे पड़ोसी देशों से कॉरिडोर बनाए गए। कुल मिलाकर लगभग 22,500 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया गया। यह अभियान भारत के सबसे बड़े निकासी अभियानों में से एक रहा और वैश्विक स्तर पर भारत की मानवीय प्रतिबद्धता और तेज़ आपदा-प्रतिक्रिया क्षमता का प्रमाण बना।

    ऑपरेशन देवी शक्ति(Operation Devi Shakti)

    ऑपरेशन "देवी शक्ति" - नागरिक सुरक्षा अभियान

    अगस्त 2021 में अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान का कब्ज़ा हो गया, जिससे वहाँ रह रहे भारतीय नागरिकों और अफ़ग़ान मित्रों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई। भारत सरकार ने तुरंत ऑपरेशन “देवी शक्ति” शुरू किया। इस अभियान में भारतीय वायुसेना के C-17 ग्लोबमास्टर और एयर इंडिया की विशेष उड़ानों का इस्तेमाल किया गया। सबसे पहले भारतीय नागरिकों, दूतावास कर्मियों और पत्रकारों को सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा, अफ़ग़ान सिखों और हिंदुओं सहित सैकड़ों अफ़ग़ान नागरिकों को भी भारत लाया गया। कुल मिलाकर लगभग 800 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह अभियान भारत की मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया का सशक्त उदाहरण है।

    FAQ (All Operation)


    1. ऑपरेशन देवी शक्ति (2021, अफ़ग़ानिस्तान)

    Q1. ऑपरेशन देवी शक्ति क्यों शुरू किया गया?

    अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान कब्ज़े के बाद भारतीयों की सुरक्षा हेतु।

    Q2. इसमें किन्हें निकाला गया?

    भारतीय नागरिक, दूतावास कर्मचारी और अफ़ग़ान हिंदू–सिख समुदाय।

    Q3. कितने लोगों को निकाला गया?

    लगभग 800 से अधिक।

    Q4. इसमें कौन-कौन सी एजेंसियाँ शामिल थीं?

    भारतीय वायुसेना और एयर इंडिया।

    Q5. इसका महत्व क्या है?

    भारत की मानवीय प्रतिबद्धता और तत्काल प्रतिक्रिया का उदाहरण।


    2. ऑपरेशन गंगा (2022, यूक्रेन)

    Q1. ऑपरेशन गंगा क्यों शुरू किया गया?

    रूस–यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए।

    Q2. इसमें कितने लोगों को निकाला गया?

    लगभग 22,500 भारतीय।

    Q3. पड़ोसी देशों की क्या भूमिका रही?

    पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया से कॉरिडोर बनाया गया।

    Q4. कौन-सी एजेंसियाँ शामिल थीं?

    विदेश मंत्रालय, भारतीय वायुसेना और निजी एयरलाइंस।

    Q5. इसकी खासियत क्या रही?

    भारत के सबसे बड़े निकासी अभियानों में से एक।


    3. ऑपरेशन कावेरी (2023, सूडान)

    Q1. ऑपरेशन कावेरी क्यों शुरू किया गया?

    सूडान में संघर्ष के दौरान भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए।

    Q2. कितने लोग निकाले गए?

    करीब 3,900 भारतीय।

    Q3. इसमें किस तरह के साधन इस्तेमाल हुए?

    वायुसेना के विमान और नौसेना के जहाज़।

    Q4. निकासी कहाँ से की गई?

    खार्तूम और बंदरगाह सूडान से।

    Q5. इसका संदेश क्या है?

    भारत हमेशा संकट में अपने नागरिकों के साथ खड़ा है।


    4. ऑपरेशन अजय (2023, इज़राइल)

    Q1. ऑपरेशन अजय क्यों शुरू किया गया?

    इज़राइल–हमास युद्ध के बीच भारतीयों को निकालने के लिए।

    Q2. कितने लोग निकाले गए?

    लगभग 1,300 से अधिक।

    Q3. इसमें किन्हें प्राथमिकता दी गई?

    छात्रों और कामगारों को।

    Q4. यह अभियान कहाँ से संचालित हुआ?

    तेल अवीव और आसपास के इलाकों से।

    Q5. महत्व क्या है?

    भारत की तेज़ निकासी क्षमता का प्रमाण।


    5. ऑपरेशन इंद्रावती (2024, हैती)

    Q1. ऑपरेशन इंद्रावती क्यों शुरू किया गया?

    हैती में हिंसा और अराजकता के कारण।

    Q2. कितने भारतीय निकाले गए?

    12 भारतीय नागरिक।

    Q3. निकासी कहाँ तक हुई?

    डोमिनिकन गणराज्य तक।

    Q4. इसमें कौन-कौन शामिल थे?

    विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास।

    Q5. महत्व क्या है?

    छोटे पैमाने पर भी भारत की मानवीय तत्परता।


    6. ऑपरेशन ब्रह्मा (2025, म्यांमार)

    Q1. ऑपरेशन ब्रह्मा क्यों शुरू किया गया?

    म्यांमार में आए भूकंप के बाद राहत पहुँचाने के लिए।

    Q2. इसमें क्या भेजा गया?

    60-बिस्तर अस्पताल, मेडिकल टीम, दवाइयाँ और राहत सामग्री।

    Q3. कितने सदस्यीय दल गया?

    लगभग 118 सदस्यीय दल।

    Q4. कौन-से साधन उपयोग हुए?

    भारतीय वायुसेना के C-17 और C-130 विमान।

    Q5. महत्व क्या है?

    भारत की “फ़र्स्ट रिस्पॉन्डर” भूमिका का प्रतीक।


    7. ऑपरेशन सिंधु (2025, ईरान–इज़राइल)

    Q1. ऑपरेशन सिंधु क्यों शुरू किया गया?

    ईरान–इज़राइल संघर्ष में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए।

    Q2. कितने नागरिक निकाले गए?

    कुल 4,400 से अधिक।

    Q3. इसमें कितनी उड़ानें चलाई गईं?

    करीब 19 विशेष उड़ानें।

    Q4. शुरुआती निकासी कहाँ से हुई?

    ईरान से 110 छात्रों की आर्मेनिया होते हुए।

    Q5. इसका महत्व क्या है?

    भारतीय निकासी इतिहास का एक बड़ा अभियान।


    8. ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट (2025, छत्तीसगढ़–तेलंगाना)

    Q1. ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट क्यों शुरू किया गया?

    नक्सलियों के खिलाफ अभियान के लिए।

    Q2. कब चलाया गया?

    अप्रैल–मई 2025।

    Q3. इसमें क्या नतीजे आए?

    31 नक्सलियों को मार गिराया गया (सरकारी दावा)।

    Q4. इसमें कौन शामिल थे?

    CRPF, COBRA, और राज्य पुलिस बल।

    Q5. महत्व क्या है?

    भारत का सबसे बड़ा नक्सलविरोधी अभियान।


    9. ऑपरेशन सहयोग (2025, मणिपुर)

    Q1. ऑपरेशन सहयोग क्यों शुरू किया गया?

    भारी बारिश और भूस्खलन से कटे गाँवों को राहत देने के लिए।

    Q2. कितने गाँव प्रभावित थे?

    18 गाँव।

    Q3. कितनी सामग्री भेजी गई?

    लगभग 6 टन राहत सामग्री।

    Q4. कितने लोग लाभान्वित हुए?

    लगभग 1,500 नागरिक।

    Q5. इसमें कौन शामिल थे?

    भारतीय वायुसेना और असम राइफल्स।



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