विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025

🌾 विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 

(Viksit bharat Sankalp Abhiyan 2025) 

विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025

भारत की कृषि क्रांति

    परिचय

    भारत की रीढ़ हमेशा से कृषि रही है। आज भी देश की लगभग 55% आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है। बदलते मौसम, बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के बीच किसानों के सामने बड़ी चुनौतियाँ हैं। इन्हीं चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए केंद्र सरकार ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” शुरू किया।

    यह अभियान किसानों को आधुनिक तकनीक, संसाधन प्रबंधन, बाजार तक सीधी पहुँच और टिकाऊ खेती के मॉडल से जोड़ने का प्रयास है। इसका लक्ष्य है – कम लागत, अधिक उत्पादन और किसानों की आय में दोगुनी वृद्धि


    अभियान का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

    भारत में कृषि सुधारों का एक लंबा इतिहास है:

    • हरित क्रांति (Green Revolution – 1960s) ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया।
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन ने उत्पादन को बढ़ावा दिया।
    • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) ने सीधी वित्तीय मदद दी।
    • अब विकसित कृषि संकल्प अभियान (2025) किसानों को डिजिटल और स्मार्ट तकनीक की ओर ले जाने वाला बड़ा कदम है।


    विकसित कृषि संकल्प अभियान क्या है?

    यह एक समग्र (Holistic) कृषि विकास कार्यक्रम है, जिसमें गाँव-गाँव जाकर किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है।
    इसमें शामिल है:

    • फसल विविधीकरण
    • जलवायु-स्मार्ट खेती
    • आधुनिक कृषि उपकरण
    • डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ाव
    • जैविक और प्राकृतिक खेती का प्रोत्साहन


    प्रमुख उद्देश्य (Goals)

    1. फसल उत्पादन में वृद्धि – आधुनिक तकनीक से पैदावार बढ़ाना।
    2. कम लागत वाली खेती – उर्वरकों और पानी की बचत।
    3. डिजिटल खेती – ड्रोन, IoT और मोबाइल ऐप्स का उपयोग।
    4. पर्यावरण संरक्षण – सतत और जैविक खेती को बढ़ावा।
    5. युवाओं और महिलाओं की भागीदारी – कृषि उद्यमिता को प्रोत्साहन।


    अभियान की कार्यप्रणाली

    प्रशिक्षण शिविर

    गाँवों में किसानों के लिए कृषि मेले और वर्कशॉप आयोजित की जाती हैं।
    प्रदर्शन खेत (Demonstration Farms) बनाकर उन्हें नई तकनीक दिखाई जाती है।

    कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) की भूमिका

    KVK किसानों को मृदा परीक्षण, बीज चयन और कीट प्रबंधन की जानकारी देते हैं।
    फील्ड विज़िट और एक्सटेंशन प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं।

    डिजिटल और स्मार्ट तकनीक का उपयोग

    ड्रोन से फसल की निगरानी।
    सेंसर से मिट्टी की नमी की जाँच।
    मोबाइल ऐप्स से मौसम पूर्वानुमान।
    ई-नाम प्लेटफॉर्म से फसल की ऑनलाइन बिक्री।

    किसानों को मिलने वाले लाभ

    उत्पादन और गुणवत्ता में वृद्धि

    उन्नत बीज और तकनीक से फसल अधिक और गुणवत्तापूर्ण।

    लागत में कमी

    माइक्रो-इरिगेशन और जैविक खाद से लागत घटती है।

    बाजार से जुड़ाव

    किसानों को सीधा मंडियों और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच।
    बिचौलियों की भूमिका घटती है।

    पर्यावरण और स्थिरता पर प्रभाव

    • जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए Climate-Smart Agriculture अपनाई जा रही है।
    • जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
    • पानी की बचत और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण।


    युवाओं और महिलाओं की भूमिका

    • ग्रामीण युवा Agri-Startups के माध्यम से तकनीकी समाधान दे रहे हैं।
    • महिलाएँ डेयरी, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण में नई भूमिका निभा रही हैं।


    चुनौतियाँ और समाधान

    • चुनौती: किसानों में जागरूकता की कमी → समाधान: अधिक प्रशिक्षण शिविर।
    • चुनौती: तकनीकी लागत → समाधान: सरकारी सब्सिडी और PPP मॉडल।
    • चुनौती: बाजार तक पहुँच → समाधान: डिजिटल प्लेटफॉर्म और ई-नाम।


    सफलता की कहानियाँ

    • महाराष्ट्र: ड्रिप इरिगेशन से कपास की उपज दोगुनी।
    • पंजाब: ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव में 40% लागत की बचत।
    • मध्यप्रदेश: महिला समूहों ने जैविक खेती से आय बढ़ाई।


    अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

    • इज़राइल: पानी की कमी के बावजूद उच्च उत्पादन।
    • नीदरलैंड्स: ग्रीनहाउस खेती का वैश्विक मॉडल।
    • भारत इनसे सीखकर अपनी नीतियों को मजबूत कर रहा है।


    सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी

    • PPP मॉडल से कंपनियाँ किसानों को तकनीक और फंडिंग उपलब्ध करा रही हैं।
    • CSR के तहत कई कंपनियाँ स्मार्ट उपकरण और प्रशिक्षण दे रही हैं।


    2025 में प्रगति की स्थिति

    • 10,000+ गाँवों में अभियान पहुँचा।
    • 20 लाख किसानों को सीधा प्रशिक्षण।
    • 500+ डिजिटल किसान मंडियाँ स्थापित।
    • फसल उत्पादन में औसतन 18% वृद्धि।


    भविष्य की राह

    2030 तक सरकार का लक्ष्य है:

    • हर किसान डिजिटल खेती से जुड़े।
    • जैविक खेती का दायरा 25% तक बढ़े।
    • निर्यात-योग्य फसलों में भारत आत्मनिर्भर बने।


    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    Q1: विकसित कृषि संकल्प अभियान किसके लिए है?

    👉 यह अभियान मुख्य रूप से छोटे और मध्यम किसानों के लिए है।

    Q2: इसमें किसानों को क्या सुविधाएँ मिलती हैं?

    👉 प्रशिक्षण, तकनीक, बीज, डिजिटल मार्केट और वित्तीय सहायता।

    Q3: क्या महिलाओं को भी शामिल किया गया है?

    👉 हाँ, महिला किसान समूहों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है।

    Q4: क्या इसमें ड्रोन और AI का उपयोग हो रहा है?

    👉 हाँ, ड्रोन से स्प्रे और AI से फसल स्वास्थ्य जाँच की जाती है।

    Q5: इस अभियान से उत्पादन कितना बढ़ा है?

    👉 2025 तक औसतन 15-20% उत्पादन बढ़ने की रिपोर्ट है।

    Q6: भविष्य में क्या लक्ष्य है?

    👉 2030 तक किसानों की आय दोगुनी करना और टिकाऊ खेती को मुख्यधारा बनाना।


    निष्कर्ष

    विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025” भारत की कृषि व्यवस्था को नए युग में ले जा रहा है। यह किसानों को न सिर्फ आधुनिक तकनीक से जोड़ता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनाता है। आने वाले वर्षों में यह अभियान भारत की खाद्य सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और ग्रामीण विकास में अहम भूमिका निभाएगा।







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