स्मार्ट सिटी मिशन(Smart City Mission)

स्मार्ट सिटी मिशन(Smart City Mission)  

स्मार्ट सिटी मिशन


प्रगति, रैंकिंग और शहरों की श्रेणियाँ + Top Performers


रूपरेखा (Outline)

शीर्षक

भारत की Smart City Mission 2025: शहरी विकास की स्थिति और शीर्ष शहर

Smart City Mission का परिचय और उद्देश्य

2025 तक मिशन की प्रगति: तथ्य और आंकड़े

“Front Runner, Achiever, Contender, Aspirant” श्रंखला: क्या है, क्यों महत्वपूर्ण है

शहरों की 2025 की रैंकिंग: वैश्विक तुलना (IMD Smart City Index)

भारत के शीर्ष Smart Cities: कौन से शहर कहाँ हैं

भारत में शहर श्रेणियाँ: अनुमानित वर्गीकरण

चुनौतियाँ और सुधार क्षेत्र

भविष्य की दिशा और नीतिगत सुझाव

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

निष्कर्ष

    🌆 परिचय : Smart City Mission

    भारत आज तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि 2030 तक भारत की लगभग 40% से अधिक आबादी शहरों में निवास करेगी। इतनी बड़ी आबादी को गुणवत्तापूर्ण जीवन, बेहतर यातायात, स्वच्छ जल, सतत ऊर्जा और डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। इन्हीं चुनौतियों से निपटने और शहरों को “भविष्य के लिए तैयार” करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन (Smart Cities Mission) की शुरुआत 25 जून 2015 को की थी।

    इस मिशन का मूल लक्ष्य है

    • शहरों को नागरिक-केंद्रित, तकनीकी रूप से सशक्त, पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाना।
    • नागरिकों को बेहतर जीवन की गुणवत्ता और आधुनिक शहरी सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
    • शहरों को निवेश, रोजगार और नवाचार का केंद्र बनाना।

    स्मार्ट सिटी मिशन 2025 तक आते-आते इस कार्यक्रम ने भारत के शहरी परिदृश्य को नया आकार दिया है। अब न केवल इंदौर, सूरत, पुणे, भोपाल जैसे शहर अग्रणी (Front Runner) बन चुके हैं, बल्कि कई अन्य शहर भी “Achiever” और “Contender” श्रेणी में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। वहीं, छोटे और आकांक्षी (Aspirant) शहर भी अपनी योजनाओं और संसाधनों को मजबूत कर रहे हैं।

    दूसरी ओर, IMD Smart City Index 2025 जैसी वैश्विक रैंकिंग यह दिखाती हैं कि भारत को अभी लंबा सफर तय करना है — क्योंकि दिल्ली (104), मुंबई (106), हैदराबाद (109) और बेंगलुरु (110) जैसे महानगर अभी भी विश्व के शीर्ष स्मार्ट शहरों में जगह बनाने से पीछे हैं।

    फिर भी, Smart City Mission ने यह साबित कर दिया है कि भारत के शहर भविष्य में सतत, डिजिटल और नागरिक-हितैषी केंद्र बन सकते हैं।

    भारत की Smart City Mission 2025

    शहरी विकास की स्थिति और शीर्ष शहर

    Smart City Mission का परिचय और उद्देश्य

    • भारत सरकार ने Smart City Mission की शुरुआत 25 जून 2015 को की थी। उद्देश्य था 100 शहरों को ऐसे विकसित करना कि वहाँ की जीवनशैली बेहतर हो, बुनियादी सुविधाएँ (पानी, बिजली, स्वच्छता, यातायात आदि) आधुनिक तकनीक से समर्थ हों, पर्यावरण संतुलन हो और नागरिकों को स्मार्ट समाधान मिलें। 
    • यह मिशन “Area-Based Development” (ABD) मॉडल के तहत चलता है जिसमें शहरों के चुनिन्दा हिस्सों/एरिया में सुधार, पुनर्विकास और नई योजनाएँ लाई जाती हैं, और ‘Pan-City’ प्रौद्योगिकी समाधानों को लागू किया जाता है। 

    2025 तक मिशन की प्रगति: तथ्य और आंकड़े

    • दिसंबर 2024 में जारी सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, Smart Cities Mission ने लगभग 91% परियोजनाएँ पूरी कर ली हैं। कुल प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स की संख्या ~ 8,075 थी, जिसमें से около 7,380 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके थे। 
    • निवेश की राशि ₹1,47,704 करोड़ के आस-पास हुई है। 
    • सभी 100 स्मार्ट शहरों में Integrated Command and Control Centres (ICCC) हालाँकि सक्रिय हैं और विभिन्न स्मार्ट सुविधाएँ जैसे कि SCADA आधारित वाटर सप्लाई मॉनिटरिंग, स्मार्ट सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इत्यादि लागू हो रही हैं। 


    “Front Runner, Achiever, Contender, Aspirant” श्रंखला: 

    क्या है, क्यों महत्वपूर्ण है

    ये श्रेणियाँ आमतौर पर शहरों की प्रगति, लागू परियोजनाओं की संख्या, समयबद्धता और गुणवत्ता के आधार पर बनाई जाती हैं।

    • Front Runner: वे शहर जो Smart City प्रोजेक्ट्स में सबसे आगे हैं — अधिकांश प्रोजेक्ट्स समय से पूरे हो गए हों, स्मार्ट तकनीक, नागरिक सहभागिता आदि में बेहतर हों।
    • Achiever: अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं, कई प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं, कुछ बाकी हैं; लेकिन प्रगति स्पष्ट है।
    • Contender: परियोजनाएँ शुरू हो चुकी हों, लेकिन प्रगति धीमी हो या कुछ बाधाएँ हों; या संसाधनों, क्षमता आदि में कमी हो।
    • Aspirant: अभी प्रायः आरंभिक स्टेज पर हों; योजनाएँ तैयार हों लेकिन क्रियान्वयन कम हो; या तकनीकी, वित्तीय, प्रशासनिक चुनौतियों का सामना कर रहे हों।

    यह विभाजन आधिकारिक नहीं है (कम से कम सार्वजनिक दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से) लेकिन शहरी विकास की प्रगति की तुलना करने के लिए उपयोगी है।


    शहरों की 2025 की रैंकिंग

    वैश्विक तुलना (IMD Smart City Index)

    IMD Smart City Index 2025 ने विश्व के शहरों को पाँच मानकों (Health & Safety, Mobility, Activities, Opportunities, Governance) पर रैंक किया। 

    भारत के शहरों की स्थिति इस प्रकार है:

    शहर ग्लोबल रैंक 2025 रेटिंग / टिप्पणी
    दिल्ली 104 CC 
    मुंबई 106 CC 
    हैदराबाद 109 CCC 
    बैंगलोर (Bengaluru) 110 CC 

    भारत के ये शहर वैश्विक रैंकिंग में अभी भी शीर्ष 20 या 50 में नहीं हैं, जो दर्शाता है कि पूरी तरह से Smart City Mission के उपायों के बावजूद अभी भी सुधार की गुंजाइश है। 


    भारत के शीर्ष Smart Cities

    कौन से शहर कहाँ हैं

    नीचे कुछ ऐसे शहर हैं जो Smart City Mission तथा अन्य सूचनाओं के आधार पर सबसे आगे माने जाते हैं:

    शहर विशेषताएँ / रणनीतियाँ जहाँ आगे हैं
    इंदौर (Indore) स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan) में लगातार शीर्ष, waste management, citizen engagement अच्छी। 
    बड़ौदा / सूरत (Surat) स्वच्छता में सुधार, नागरिक सुविधाएँ, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट आदि। 
    हैदराबाद स्वच्छता रैंकिंग में उछाल; स्मार्ट सॉल्यूशन्स में निवेश। 
    भोपाल, अहमदाबाद, पुणे आदि शहर बुनियादी ढाँचा, सार्वजनिक यातायात और डिजिटल सेवाएँ बढ़ा रहे हैं। अलग-अलग रिपोर्ट्स में इनकी स्थिति बेहतर देखी जाती है। 

    भारत में शहर श्रेणियाँ

    अनुमानित वर्गीकरण 2025

    निम्नलिखित तालिका में शहरों को अनुमानित श्रेणियों में रखा गया है — यह विभाजन उपलब्ध प्रगति, परियोजनाओं की संख्या और सार्वजनिक सूचनाओं पर आधारित है:

    श्रेणी शामिल शहर (उदाहरण) कारण / प्रगति
    Front Runner इंदौर, सूरत, हैदराबाद उच्च परियोजना पूर्णता, स्वच्छता रैंकिंग में अच्छा प्रदर्शन, ICCC और अन्य स्मार्ट उपायों में प्रगति।
    Achiever भोपाल, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई अधिकांश परियोजनाएँ शुरू हो चुकी हैं, नागरिक सुविधाएँ बेहतर हुई हैं, लेकिन सभी लक्ष्य अभी पूरे नहीं हैं।
    Contender ग्वालियर, आगरा, अमृतसर, नोएडा अच्छी शुरुआत हुई है, मगर संसाधन, योजना लागू करने की गति, वित्तीय/प्रशासनिक चुनौतियाँ हैं।
    Aspirant कुछ छोटे शहर, व अन्य अधिक पिछड़े शहर जो अभी योजना निर्माण या शुरुआती चरण में हैं उदाहरण के लिए, उत्तर पूर्वी राज्य या छोटे नगरपालिकाएँ, जहाँ अभी भी बुनियादी संसाधनों को मजबूत करना बाकी है।

    चुनौतियाँ और सुधार क्षेत्र

    • गवर्नेंस एवं प्रशासनिक क्षमता: कुछ शहरों में नियोजन तो अच्छा है, लेकिन क्रियान्वयन और समय सीमा का पालन कम है।
    • वित्तीय संसाधन: विभिन्न शहरों को परियोजनाओं के लिए पर्याप्त बजट और निवेश नहीं मिल पा रहा।
    • सस्टेनेबिलिटी: पर्यावरणीय दृष्टिकोण, हरित ऊर्जा, जल संरक्षण जैसे पहलू पर्याप्त नहीं जोर पा रहे।
    • मानव विकास एवं समावेशिता: डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य, शिक्षा में असमानताएँ अभी बनी हुई हैं।
    • निगरानी और डेटा प्रबंधन: प्रगति मॉनिटर करने की पारदर्शी प्रणालियाँ, सार्वजनिक सूचना और citizen feedback का उपयोग जरूरी है।


    भविष्य की दिशा और नीतिगत सुझाव

    1. अधिक वित्तीय संसाधन + PPP मॉडल (Public-Private Partnership) का उपयोग।
    2. क्षेत्रीय विशेषताओं के अनुसार योजनाएँ — हर शहर की समस्याएँ भिन्न हों, एक-सा हल नहीं चलेगा।
    3. नवीनतम तकनीक का उपयोग, जैसे IoT, AI, स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, ऊर्जा प्रबंधन आदि।
    4. नागरिक भागीदारी (Citizen Participation) बढ़ाना — योजनाएँ सिर्फ सरकारी पहल नहीं, लोगों की ज़रूरतों से जुड़ी हों।
    5. समय सीमा का पालन — प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करना, पहल चक्रों में देरी न हो।
    6. स्थिरता और पर्यावरण अनुकूल विकास — हर नए निर्माण और पुनर्विकास में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता।


    अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

    1. Smart City Mission कब शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य क्या था?

    Smart City Mission भारत में 25 जून 2015 को शुरू हुआ था। उद्देश्य था 100 शहरों में स्मार्ट, टिकाऊ, पर्यावरण-मित्र, नागरिक-केंद्रित विकास करना। 

    2. अब तक कितनी परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और निवेश कितना हुआ है?

    2024 के अंत तक लगभग 91% परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और कुल निवेश लगभग ₹1,47,704 करोड़ हुआ है। 

    3. भारत के शहरों की वैश्विक रैंकिंग (IMD) में स्थिति क्या है?

    दिल्ली 104, मुंबई 106, हैदराबाद 109, बैंगलोर 110 आदि। ये रैंकिंग दिखाती हैं कि भारत अभी भी टॉप-ग्लोबल स्मार्ट सिटी लीडर्स से पीछे है।

    4. “Front Runner / Achiever / Contender / Aspirant” श्रेणियाँ क्या हैं?

    ये श्रेणियाँ शहरों की स्मार्ट सिटी मिशन के प्रगति स्तर, परियोजनाओं की पूर्णता, नागरिक सुविधाएँ, संसाधन और प्रशासनिक क्षमता के आधार पर अनुमानित वर्गीकरण हैं — आधिकारिक तो नहीं, मगर प्रगति का आकलन करने के लिए उपयोगी।

    5. कौन से शहर वर्तमान में सबसे आगे माने जा सकते हैं?

    Indore निश्चित रूप से सबसे आगे है, मौजूदा स्वच्छता सर्वेक्षणों और अन्य स्मार्टCITY प्रयासों में। Surat, Hyderabad, भोपाल, अहमदाबाद, पुणे आदि भी बेहतर स्थिति में हैं।

    6. Smart Cities Mission का समयसीमा क्या है?

    ओरिजिनल योजना थी कि अधिकांश प्रोजेक्ट्स 2019-2023 के बीच पूरे हों, लेकिन समय सीमा बढ़ाई गई। मिशन आधिकारिक रूप से 31 मार्च 2025 को समाप्त हुआ माना गया है, लेकिन कुछ परियोजनाएँ अभी भी चल रही हैं। 

    निष्कर्ष(Introduction)

    Smart City Mission ने 2015 से भारत में शहरी विकास की दिशा बदलने का काम किया है — नागरिक सुविधाएँ बेहतर हुई हैं, स्वच्छता में प्रगति हुई है, डिजिटल समाधानों का प्रयोग बढ़ा है।

    हालाँकि, वैश्विक तुलना में भारत के शहरों की रैंकिंग अभी टॉप-100 में भी सीमित है और “Front Runner” शहरों की संख्या सीमित है। भविष्य में यह ज़रूरी होगा कि मिशन के शेष प्रोजेक्ट्स पूरा हों, नागरिक भागीदारी बढ़े, समय सीमा का पालन हो और हर शहर के लिए स्थानीय जरूरतों के अनुसार योजना बने।

    Smart City Mission की सफलता सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की नहीं बल्कि जीवन की गुणवत्ता, पर्यावरण का संरक्षण और संतुलित आर्थिक व सामाजिक उन्नति की कहानी है।


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