🌐 विश्व टेलीविजन दिवस 2025
महत्व, इतिहास और वर्तमान प्रभाव
विश्व टेलीविजन दिवस का परिचय
विश्व टेलीविजन दिवस (World Television Day) हर साल 21 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि टेलीविजन न सिर्फ एक मनोरंजन माध्यम है, बल्कि सूचना, शिक्षा और वैश्विक संवाद का एक ज़बरदस्त स्रोत है।
इतिहास और पृष्ठभूमि
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 17 दिसंबर 1996 को प्रस्ताव 51/205 के माध्यम से 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस घोषित किया।
- इसकी तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि उसी दिन 1996 में पहला वर्ल्ड टेलीविजन फोरम आयोजित किया गया था।
- यह दिन सिर्फ “टीवी का जन्मदिन” नहीं है, बल्कि टेलीविज़न की वैश्विक संवाद में भूमिका और उसके सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव को स्वीकार करने का प्रतीक है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापना
यूएन के अनुसार, टेलीविजन एक बहुत ही प्रभावशाली माध्यम है जो:
- वैश्विक मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
- निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में योगदान देता है क्योंकि यह युद्ध, शांति, सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों की व्यापक रिपोर्टिंग कर सकता है।
- सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देता है और सामाजिक एकजुटता में भूमिका निभाता है।
2025 में इसका महत्व
2025 में विश्व टेलीविजन दिवस का महत्व और अधिक बढ़ गया है क्योंकि:
- आज डिजिटल युग में, टीवी अभी भी लाखों-करोड़ों लोगों के घरों तक पहुंचता है, और यह सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक संदेश पहुंचाने में महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है।
- भारत में, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 23 करोड़ घरों में टीवी पहुंच है और करीब 90 करोड़ दर्शक इससे जुड़े हैं।
- इस माध्यम के आर्थिक योगदान में वृद्धि हुई है — भारत में टेलीविजन एवं प्रसारण सेक्टर ने बड़े राजस्व उत्पन्न किए हैं।
टेलीविजन का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव
- टीवी ने विश्व स्तर पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाया है — विभिन्न देशों की कहानियाँ, रीति-रिवाज और जीवनशैलियाँ स्क्रीन के माध्यम से साझा होती हैं।
- यह लोकतांत्रिक मंच भी है: जनता को खबर देने, सूचित करने और जनमत बनाने में टीवी की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- आपदा, स्वास्थ्य, राजनीति, शिक्षा जैसे गंभीर विषयों पर टीवी ने जन-जागरूकता बढ़ाने में अहम योगदान दिया है।
सूचना और जनमत निर्माण में टीवी की भूमिका
- टीवी समाचार चैनल, डॉक्युमेंट्री और टॉक शो के माध्यम से समाज में चिंतन और विचार-विमर्श को बढ़ावा देता है।
- चुनावों, सामाजिक आंदोलनों और वैश्विक मुद्दों के दौरान टीवी महत्वपूर्ण एजेंडा-सेटर बनता है।
- यह एक सार्वजनिक सेवा प्लेटफॉर्म की तरह काम कर सकता है, जहाँ जनता तक सटीक और प्रमाणित जानकारी पहुँच सके।
शिक्षा और विकास में टेलीविजन
- कई देशों में टीवी का उपयोग शिक्षा के लिए किया जाता है — शैक्षणिक कार्यक्रम, बच्चों का मनोरंजन-शिक्षण, और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने वाले शो।
- ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां इंटरनेट पहुँच सीमित हो सकती है, वहाँ टीवी एक बहुत ही असरदार शैक्षणिक माध्यम हो सकता है।
- विकासशील देशों में टेलीविजन ने स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों और जन-हितकारी सूचनाओं को घर-घर पहुँचाने में योगदान दिया है।
भारत में टेलीविजन की पहुँच और भूमिका
- जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, भारत में टीवी नेटवर्क 23 करोड़ घरों को जोड़ता है और लगभग 90 करोड़ दर्शकों तक पहुंचता है।
- भारत में प्रसारण उद्योग तेजी से बढ़ रहा है — निजी सैटेलाइट चैनलों की संख्या बहुत अधिक है।
- टीवी भारतीय संस्कृति और भाषा में संवाद का माध्यम रहा है — दूरदर्शन और अन्य चेनल्स ने ग्रामीण और शहरी दर्शकों के बीच पुल बनाया है।
डिजिटल युग में टीवी का बदलता स्वरूप
- आज टीवी सिर्फ “बॉक्स” नहीं रहा — स्मार्ट टीवी, इंटरनेट-कनेक्टेड टीवी और OTT प्लेटफार्म ने इसे और अधिक इंटरैक्टिव बना दिया है।
- दर्शक अब “लाइव टीवी” के साथ-साथ ऑन-डिमांड कंटेंट देख सकते हैं, जिससे उनकी प्राथमिकताएं और देखने की आदतें बदल रही हैं।
- टेलीविजन नेटवर्क और ब्रॉडकास्टर्स भी डिजिटल तकनीकों को अपना रहे हैं — ताकि वे नए दर्शकों तक पहुँच सकें और अधिक दूर-दराज क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ा सकें।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
- बायस और निष्पक्षता: टीवी चैनलों में कभी-कभी पक्षपात हो सकता है, विशेष रूप से समाचार और पॉलिटिक्स के मामले में।
- डिजिटल विभाजन: कुछ हिस्सों में इंटरनेट या स्मार्ट टीवी तक पहुँच सीमित है, जिससे डिजिटल सुधार में असमानता बनी रहती है।
- सूचना प्रदूषण: टीवी पर गलत जानकारी, झूठी ख़बरें और सनसनीख़ेज़ सामग्री भी प्रसारित होती हैं।
- उपभोक्ता व्यवहार: बहुत अधिक टीवी देखने से स्वास्थ्य, सामाजिक और ध्यान-संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
कैसे मनाएं यह दिन (World Television Day)
कुछ विचार:
- टीवी पर डॉक्युमेंट्री, समाचार या शैक्षणिक कार्यक्रम देखें जो जानकारी-विचार को बढ़ाएँ।
- सोशल मीडिया पर हैशटैग उपयोग करके (जैसे #WorldTelevisionDay) टीवी की सकारात्मक भूमिका पर बातचीत करें।
- शैक्षिक संस्थानों और स्कूलों में टीवी के उपयोग और प्रभाव पर वर्कशॉप आयोजित करें।
- टीवी चैनल्स और निर्माताओं को इनता करें कि वे बौद्धिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक कॉन्टेंट बनाएँ।
भविष्य की दिशा: टीवी और नई तकनीक
- इंटरैक्टिव टीवी: दर्शक और कंटेंट निर्माता बातचीत बढ़ाने के लिए इमर्सिव और इंटरैक्टिव शो बनाएँगे।
- AI और डेटा एनालिटिक्स: दर्शकों की पसंद और व्यवहार को समझकर टीवी ब्रॉडकास्टर्स कस्टमाइज़्ड कंटेंट दे सकते हैं।
- 5G-TV और क्लाउड स्ट्रीमिंग: तेज कनेक्शन और क्लाउड आधारित प्रसारण से गुणवत्ता और पहुंच बढ़ेगी।
- शिक्षा-दूरदर्शन मॉडल: भविष्य में टीवी का उपयोग शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के लिए और अधिक बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
मीडिया दायित्व और जिम्मेदारी
- टीवी निर्माता और चैनल्स को सामाजिक रूप से जिम्मेदार कंटेंट तैयार करना चाहिए।
- नीति-निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टीवी तक सभी तक पहुँच हो — विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ अभी सीमित पहुंच है।
- मीडिया ऑर्गनाइजेशन को पत्रकारिता के उच्च मानकों का पालन करना चाहिए और जन-हितकारी सामग्री को प्राथमिकता देना चाहिए।
प्रमुख उद्धरण और संदेश
“टेलीविज़न संवाद का पुल है जो लोगों को जोड़ता है, सीमाओं को मिटाता है और सूचना को लोकतांत्रिक बनाता है।” — UN
“आज का टीवी सिर्फ मनोरंजन नहीं है — यह शिक्षा, जागरूकता और परिवर्तन का माध्यम है।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. विश्व टेलीविजन दिवस कब मनाया जाता है?
Q2. यह दिन क्यों बहुत महत्वपूर्ण है?
Q3. किसने यह दिवस स्थापित किया था?
Q4. टीवी आज भी प्रासंगिक क्यों है, जब इंटरनेट और स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म हैं?
Q5. भारत में टीवी की पहुंच कितनी है?
Q6. हम व्यक्तिगत रूप से इस दिन क्या कर सकते हैं?
निष्कर्ष
विश्व टेलीविजन दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि टेलीविजन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है — यह सूचना, शिक्षा और वैश्विक संवाद का ऐतिहासिक और मजबूत माध्यम है।
यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम TV के सकारात्मक पक्ष को बढ़ावा दें, जिम्मेदार प्रसारण का समर्थन करें और एक बेहतर, अधिक जागरूक और जोड़ने वाला मीडिया वातावरण बनाएं।

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