🛳️ ऑपरेशन सागर बंधु 2025
Operation Sagar Bandhu 2025
परिचय
भारत ने 8 दिसंबर 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सागर बंधु 2025 के तहत श्रीलंका को 1000 टन मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) सामग्री भेजी। भारतीय नौसेना ने कोलंबो और त्रिंकोमाली जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर खोज-बचाव, भोजन, पानी, दवाइयाँ और अन्य महत्वपूर्ण संसाधन पहुँचाए।
इस अभियान का उद्देश्य चक्रवात से प्रभावित श्रीलंका के क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाना और दोनों देशों के बीच मानवीय सहयोग को मजबूत करना है।
🌊 अभियान की पृष्ठभूमि
चक्रवात के कारण श्रीलंका के कई तटीय क्षेत्रों में बड़ी तबाही हुई — बिजली बाधित, सड़कें टूट गईं और हजारों लोग विस्थापित हो गए। भारत ने अपनी “पड़ोस पहले” और “SAGAR – Security and Growth for All in the Region” नीति को लागू करते हुए तत्काल सहायता भेजने का निर्णय लिया।
⛈️ मिशन शुरू होने का कारण
चक्रवात ने तटीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए। संचार, बिजली और आवश्यक आपूर्ति बाधित हो गई। श्रीलंका के अनुरोध पर भारत ने तेजी से राहत अभियान शुरू किया, ताकि तत्काल भोजन, पानी, चिकित्सा सामग्री और बचाव सहायता प्रदान कर पीड़ितों को राहत दी जा सके।
इस पूरे अभियान की शुरुआत तब हुई जब श्रीलंका ने चक्रवात के कारण व्यापक क्षति की जानकारी भारत को दी।
- लोगों का विस्थापन
- भारी बाढ़
- जरूरी वस्तुओं की कमी
- अस्पतालों में संसाधनों की कमी
इन परिस्थितियों में भारत ने तुरंत सक्रिय राहत अभियान शुरू किया।
⚓ भारतीय नौसेना द्वारा भेजे गए जहाज
PIB के अनुसार भारत ने कुल 7 युद्धपोत और यूटिलिटी क्राफ्ट भेजे:
पहले बैच:
- INS Vikrant
- INS Udaygiri
- INS Sukanya
दूसरा बैच (4 जहाज):
- INS Gharial
- LCU 54
- LCU 51
- LCU 57
ये जहाज राहत सामग्री, मेडिकल टीम और हेलीबोर्न सर्च-एंड-रेस्क्यू क्षमता से लैस थे।
📦 1000 टन राहत सामग्री का विवरण
भारत ने श्रीलंका के लिए जो मदद भेजी, उसमें शामिल थीं:
- खाद्यान्न और पैकेज्ड फूड
- दवाइयाँ और मेडिकल किट
- पेयजल
- सोलर लाइट
- टेंट और अस्थायी आश्रय
- बच्चों के लिए आवश्यक वस्तुएँ
- इंजीनियरिंग उपकरण
- आपातकालीन बिजली जनरेटर
🛥️ INS Vikrant, Udaygiri और Sukanya की भूमिका
ये तीन बड़े पोत सबसे पहले पहुँचे और उन्होंने:
- हेलीबोर्न SAR ऑपरेशन
- राहत सामग्री की प्राथमिक आपूर्ति
- तटीय गांवों तक तेज़ सहायता
- मुहैया कराई।
INS Vikrant ने अपनी विशाल क्षमता के कारण राहत पहुँचाने की प्रक्रिया को तेज़ किया।
🚤 LCU जहाजों की विशेष महत्व
श्रीलंका के लिए यह सहायता क्यों महत्वपूर्ण?
- बिजली और संचार व्यवस्था ठप
- हजारों परिवार प्रभावित
- चिकित्सा संसाधनों की भारी कमी
- ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क टूटा
भारत की त्वरित सहायता ने राहत कार्यों की गति तेज की और कई जीवन बचाए।
🏥 HADR मॉडल – भारत की विशेष क्षमता
- त्वरित प्रतिक्रिया
- बड़े लॉजिस्टिक जहाज
- हेलीकॉप्टर समर्थन
- मेडिकल सुविधा
- जल आपूर्ति प्रणाली
🌍 IOR में भारत की रणनीतिक भूमिका
इस अभियान ने यह दोहराया कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र का सबसे विश्वसनीय सुरक्षा और मानवीय सहयोगी है।
🤝 मानवीय कूटनीति और पड़ोस पहले नीति
🚚 आपदा राहत सामग्री के वितरण की प्रक्रिया
भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई प्रशासन ने मिलकर सामग्री को:
- गांव-गांव
- स्कूल आश्रयों
- मेडिकल कैंप
- तक पहुँचाया।
🏚️ चक्रवात के बाद पुनर्वास में मदद
भारत ने न केवल तत्काल राहत भेजी बल्कि
- साफ-सफाई
- पानी शुद्धिकरण
- अस्थायी आवास निर्माण
- में भी सहायता की।
🌐 ऑपरेशन का क्षेत्रीय प्रभाव
- भारत-श्रीलंका संबंध मजबूत
- IOR में भारत की नेतृत्व भूमिका स्पष्ट
- मानवीय सहयोग का नया मानक स्थापित
🔮 भविष्य की संभावनाएँ
ऐसे ऑपरेशनों से भविष्य में
- संयुक्त राहत अभ्यास
- समुद्री सुरक्षा साझेदारी
- प्राकृतिक आपदाओं के लिए क्षेत्रीय ढाँचा
- बन सकता है।
📌 FAQs
1. ऑपरेशन सागर बंधु 2025 क्या है?
यह चक्रवात प्रभावित श्रीलंका को राहत पहुँचाने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा चलाया गया मानवीय मिशन है।
2. इस ऑपरेशन के तहत कितनी राहत सामग्री भेजी गई?
कुल 1000 टन सामग्री श्रीलंका भेजी गई।
3. कितने जहाज तैनात किए गए?
7 जहाज — 3 पहले, 4 अतिरिक्त।
4. INS Vikrant की क्या भूमिका रही?
INS Vikrant ने प्राथमिक राहत और हेलीबोर्न बचाव सहायता प्रदान की।
5. क्या यह भारत की 'पड़ोस पहले' नीति का हिस्सा है?
हाँ, यह अभियान उसी नीति पर आधारित है।
6. कौन-कौन से शहरों में सामग्री पहुँची?
कोलंबो और त्रिंकोमाली प्रमुख स्थान हैं।
🏁 निष्कर्ष
ऑपरेशन सागर बंधु 2025 इस बात का प्रतीक है कि भारत संकट के समय अपने पड़ोसियों के साथ मजबूती से खड़ा रहता है। तेज़ राहत, सुव्यवस्थित लॉजिस्टिक्स और मानवीय कूटनीति ने भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में एक विश्वसनीय साथी साबित किया है।

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