खरीफ की फसल(khareef ki fasal)

खरीफ की फसल(khareef ki fasal)

परिचय(Introduction)

भारत की कृषि व्यवस्था मुख्य रूप से ऋतु आधारित है। यहाँ पर साल में दो प्रमुख फसल चक्र होते हैं – खरीफ और रबी। इनमें से खरीफ की फसलें विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये मानसून वर्षा पर निर्भर करती हैं और देश की अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय में प्रमुख योगदान देती हैं।

इस लेख में हम खरीफ की फसल की परिभाषा, प्रमुख फसलें, भौगोलिक वितरण, महत्व, चुनौतियाँ और सरकारी योजनाओं का विस्तार से अध्ययन करेंगे।


1. खरीफ फसल क्या है?

  • "खरीफ" शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है – पतझड़
  • खरीफ फसलें वे होती हैं जिन्हें बरसात के मौसम (जून से जुलाई) में बोया जाता है और सितंबर से अक्टूबर में काटा जाता है।
  • खरीफ फसलें मुख्य रूप से मानसून वर्षा पर निर्भर होती हैं।


2. खरीफ फसलों की विशेषताएँ

  • बुवाई का समय – जून-जुलाई (मानसून आगमन के साथ)।
  • कटाई का समय – सितंबर-अक्टूबर।
  • वृद्धि के लिए पर्याप्त बारिश और गर्म जलवायु आवश्यक।
  • इनकी खेती मुख्यतः बरसाती नमी और नदियों की सिंचाई पर आधारित होती है।
  • तापमान की आवश्यकता – 25°C से 35°C


3. प्रमुख खरीफ फसलें

3.1. धान (Rice)

  • भारत की सबसे प्रमुख खरीफ फसल।
  • अधिक वर्षा और पानी भराव वाले क्षेत्र उपयुक्त।
  • मुख्य उत्पादक राज्य – पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश।

3.2. मक्का (Maize)

  • गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी उपज।
  • मुख्य उत्पादक राज्य – कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश।
  • उपयोग – भोजन, पशु आहार, औद्योगिक उत्पाद।

3.3. ज्वार (Sorghum)

  • शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाती है।
  • मुख्य राज्य – महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश।

3.4. बाजरा (Millets)

  • कम पानी वाली फसल।
  • मुख्य राज्य – राजस्थान, हरियाणा, गुजरात।
  • उपयोग – मोटा अनाज, पोषण का स्रोत।

3.5. कपास (Cotton)

  • "सफेद सोना" कहलाती है।
  • काली कपासीय मिट्टी (ब्लैक सॉइल) में अच्छी पैदावार।
  • मुख्य राज्य – महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना।

3.6. गन्ना (Sugarcane)

  • उष्णकटिबंधीय और आर्द्र जलवायु अनुकूल।
  • मुख्य राज्य – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु।

3.7. तिलहन फसलें

  • मूँगफली (गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु)।
  • सोयाबीन (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र)।

3.8. दलहन फसलें

  • अरहर (तूर) और उड़द।
  • मुख्य राज्य – महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश।


4. खरीफ फसलों का भौगोलिक वितरण

  • उत्तर भारत – धान, मक्का, अरहर।
  • पूर्वी भारत – धान, जूट।
  • पश्चिम भारत – बाजरा, मूँगफली, कपास।
  • दक्षिण भारत – धान, मक्का, तिलहन, कपास।


5. खरीफ फसलों का महत्व

  • खाद्य सुरक्षा – धान और मक्का जैसी फसलें करोड़ों लोगों के लिए भोजन का आधार हैं।
  • आर्थिक योगदान – कपास और गन्ना जैसी नकदी फसलें किसानों की आय बढ़ाती हैं।
  • पोषण – बाजरा और ज्वार जैसे मोटे अनाज पोषण और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण।
  • औद्योगिक उपयोग – कपास से वस्त्र, गन्ने से चीनी और मक्का से औद्योगिक उत्पाद।
  • निर्यात – चावल और कपास भारत के प्रमुख निर्यात उत्पादों में शामिल हैं।


6. खरीफ फसलों से जुड़ी चुनौतियाँ

  • मानसून पर निर्भरता – समय पर वर्षा न होने से फसल प्रभावित होती है।
  • बाढ़ और सूखा – अधिक वर्षा या वर्षा की कमी दोनों ही समस्या पैदा करते हैं।
  • कीट और रोग – धान में कीट और कपास में बॉल वर्म जैसी बीमारियाँ।
  • मिट्टी की उर्वरता में गिरावट – अधिक उर्वरकों और कीटनाशकों के कारण।
  • छोटे किसान – पर्याप्त सिंचाई और तकनीक की कमी।


7. सरकारी पहल और योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) – प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति पर बीमा।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) – सिंचाई के लिए बेहतर साधन।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) – धान, मक्का और दालों का उत्पादन बढ़ाना।
  • राष्‍ट्रीय तिलहन मिशन – तिलहन उत्पादन को प्रोत्साहन।
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना – मिट्टी की जाँच और उर्वरता सुधार।


8. सुधार और भविष्य की दिशा

  • वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण।
  • आधुनिक सिंचाई तकनीक – ड्रिप और स्प्रिंकलर।
  • उच्च उत्पादकता वाले बीजों का उपयोग
  • फसल विविधीकरण – केवल धान या कपास पर निर्भरता कम करना।
  • जैविक खेती और रसायनों के कम उपयोग।
  • किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता


निष्कर्ष

खरीफ की फसलें भारत की खाद्य और आर्थिक सुरक्षा का आधार हैं। धान, मक्का, कपास और गन्ना जैसी फसलें न केवल किसानों की आय का प्रमुख साधन हैं, बल्कि उद्योगों और निर्यात में भी अहम योगदान देती हैं।

हालाँकि, इन फसलों की सफलता काफी हद तक मानसून पर निर्भर है। यदि हम जल संरक्षण, आधुनिक तकनीक और सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करें, तो खरीफ फसलों का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों ही बढ़ सकते हैं।


फसल चक्र बुवाई का समय कटाई का समय प्रमुख फसलें जलवायु/स्थिति प्रमुख राज्य
खरीफ जून – जुलाई (मानसून आरंभ) सितंबर – अक्टूबर धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास, गन्ना, मूँगफली अधिक वर्षा और गर्म जलवायु पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु
रबी अक्टूबर – दिसंबर (सर्दी) मार्च – अप्रैल गेहूँ, जौ, चना, मसूर, मटर, सरसों ठंडी सर्दी और शुष्क गर्मी पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान
जायद मार्च – अप्रैल (गर्मी) जून – जुलाई मूँग, उड़द, तरबूज, खरबूजा, खीरा, सूरजमुखी गर्म और शुष्क जलवायु, सिंचाई पर निर्भर यूपी, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक

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