गन्ना (Sugarcane)
विश्व परिप्रेक्ष्य में उत्पादन, उपभोग और कृषि आवश्यकताएँ
गन्ना (Sugarcane) विश्व की सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है। यह न केवल चीनी उत्पादन बल्कि एथेनॉल, गुड़, सिरका, बायोगैस और कागज उद्योग के लिए भी कच्चा माल प्रदान करता है। यह फसल विशेषकर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है और विश्व अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गन्ने का वैश्विक महत्व
- विश्व की लगभग 80% चीनी उत्पादन गन्ने से प्राप्त होती है।
- यह ऊर्जा (Ethanol) और पर्यावरण अनुकूल ईंधन का प्रमुख स्रोत है।
- कई देशों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार।
- इससे लाखों किसानों और उद्योगों को रोजगार।
गन्ने की खेती के लिए आवश्यक शर्तें (तालिका)
कारक | आवश्यक स्थिति | विवरण |
---|---|---|
तापमान (Temperature) | 20°C – 35°C | अंकुरण और वृद्धि के लिए आदर्श। 10°C से कम और 40°C से अधिक तापमान पर वृद्धि प्रभावित। |
वर्षा (Rainfall) | 75 – 150 सेमी | समान रूप से वितरित वर्षा आवश्यक, सिंचाई वाले क्षेत्रों में कम वर्षा भी पर्याप्त। |
मृदा (Soil) | गहरी दोमट और जलोढ़ मिट्टी | अच्छी जल धारण क्षमता और उपजाऊ मिट्टी सर्वोत्तम। |
कृषि क्षेत्र (Type of Region) | उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र | ब्राजील, भारत, चीन, थाईलैंड, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया। |
ऊँचाई (Altitude) | समुद्र तल से 100 – 1000 मीटर | मैदानी और पठारी क्षेत्र उपयुक्त। |
विश्व में गन्ने का उत्पादन
प्रमुख उत्पादक देश
- ब्राजील – विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक (~35% योगदान)।
- भारत – दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता।
- चीन, थाईलैंड, पाकिस्तान – एशिया में प्रमुख।
- ऑस्ट्रेलिया और मैक्सिको – उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने के लिए प्रसिद्ध।
महाद्वीपवार उत्पादन
- दक्षिण अमेरिका – ब्राजील, कोलंबिया।
- एशिया – भारत, चीन, थाईलैंड, पाकिस्तान।
- अफ्रीका – मिस्र, दक्षिण अफ्रीका।
- ओशिनिया – ऑस्ट्रेलिया।
गन्ने का उपभोग
- चीनी उद्योग – परिष्कृत चीनी, ब्राउन शुगर, कैंडी, चॉकलेट।
- पेय उद्योग – जूस, रम, सिरप।
- गुड़ और खांडसारी – भारत और एशिया में।
- एथेनॉल उत्पादन – ब्राजील और अमेरिका में ईंधन के रूप में।
- बाय-प्रोडक्ट्स – बगास (कागज और बिजली उत्पादन), शीरा (Molasses)।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- प्रमुख निर्यातक: ब्राजील, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया।
- प्रमुख आयातक: चीन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, यूरोप।
- ब्राजील विश्व चीनी निर्यात का 40% से अधिक हिस्सा रखता है।
वैश्विक चुनौतियाँ
- जलवायु परिवर्तन: वर्षा की अनियमितता और बढ़ता तापमान।
- जल की अधिक खपत: गन्ना एक अत्यधिक जल-आवश्यक फसल है।
- मिट्टी की उर्वरता में कमी।
- बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव।
- श्रम-प्रधान खेती।
गन्ना और भविष्य
- एथेनॉल उत्पादन से गन्ने की मांग और बढ़ेगी।
- चीनी उद्योग से परे बायोफ्यूल और बायोप्रोडक्ट्स इसका भविष्य हैं।
- गन्ने को टिकाऊ खेती और जल प्रबंधन तकनीकों से जोड़ना आवश्यक।
- एशिया और अफ्रीका में गन्ने से रोजगार और खाद्य सुरक्षा को बल मिलेगा।
गन्ने का विश्व परिप्रेक्ष्य: सारणीबद्ध जानकारी
पहलू | विवरण |
---|---|
सबसे बड़ा उत्पादक | ब्राजील (~35% योगदान) |
दूसरे प्रमुख उत्पादक | भारत, चीन, थाईलैंड |
प्रमुख निर्यातक | ब्राजील, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया |
प्रमुख आयातक | चीन, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, यूरोप |
मुख्य उपभोग क्षेत्र | एशिया (गुड़, चीनी), अमेरिका/ब्राजील (एथेनॉल), यूरोप (चीनी) |
आवश्यक जलवायु | 20°C – 35°C तापमान, 75–150 सेमी वर्षा |
भविष्य की चुनौती | जल की अधिक खपत, जलवायु परिवर्तन, मूल्य अस्थिरता |
निष्कर्ष
गन्ना केवल चीनी उत्पादन का साधन नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा, उद्योग और रोजगार का भी प्रमुख स्रोत है। बदलती जलवायु और बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के दौर में गन्ना भविष्य में एक रणनीतिक फसल के रूप में और भी महत्वपूर्ण हो जाएगा।
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