गेहूँ (Wheat)
विश्व परिप्रेक्ष्य में उत्पादन, उपभोग और कृषि आवश्यकताएँ
गेहूँ (Wheat) दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न अनाज है और चावल के बाद वैश्विक खाद्य सुरक्षा में इसका सबसे बड़ा योगदान है। विश्व के अनेक हिस्सों में यह मुख्य भोजन के रूप में प्रयोग होता है और रोटी, ब्रेड, पास्ता, बिस्किट और अन्य खाद्य पदार्थों का प्रमुख स्रोत है।
गेहूँ का वैश्विक महत्व
- विश्व की लगभग 35% आबादी के भोजन का आधार।
- सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल (120 से अधिक देशों में)।
- मानव पोषण के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और खनिजों का स्रोत।
- कई देशों की अर्थव्यवस्था और व्यापार का मुख्य आधार।
गेहूँ की खेती के लिए आवश्यक शर्तें (तालिका)
| कारक | आवश्यक स्थिति | विवरण | 
|---|---|---|
| तापमान (Temperature) | 10°C – 25°C | अंकुरण के लिए 10°C, वृद्धि और पकने के लिए 21°C–25°C आदर्श। अधिक तापमान में उत्पादन घटता है। | 
| वर्षा (Rainfall) | 50 – 100 सेमी | मध्यम वर्षा आवश्यक। अत्यधिक वर्षा हानिकारक, फसल को पकने के समय शुष्क मौसम चाहिए। | 
| मृदा (Soil) | दोमट, जलोढ़ और काली मिट्टी | उपजाऊ, नमी युक्त और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर मिट्टी उपयुक्त। गेंहूँ मुख्यतः मैदानों की मिट्टी में अच्छा होता है। | 
| कृषि क्षेत्र (Type of Region) | समशीतोष्ण और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र | यूरोप, अमेरिका, रूस, भारत, चीन और कनाडा प्रमुख। | 
| ऊँचाई (Altitude) | समतल से लेकर मध्यम ऊँचाई वाले मैदान | पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित उत्पादन। | 
विश्व में गेहूँ का उत्पादन
प्रमुख उत्पादक देश
- चीन – विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक (~17%)।
- भारत – दूसरा सबसे बड़ा (~14%), पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रमुख क्षेत्र।
- रूस और अमेरिका – बड़े पैमाने पर उत्पादन और निर्यातक।
- फ्रांस और कनाडा – उच्च गुणवत्ता वाले गेहूँ उत्पादन के लिए प्रसिद्ध।
महाद्वीपवार उत्पादन
- एशिया – चीन, भारत और पाकिस्तान प्रमुख।
- यूरोप – फ्रांस, जर्मनी और यूक्रेन।
- उत्तर अमेरिका – अमेरिका और कनाडा।
- ऑस्ट्रेलिया – उच्च गुणवत्ता वाला निर्यातक।
गेहूँ का उपभोग
- यूरोप और उत्तरी अमेरिका में ब्रेड, पास्ता और बेकरी उत्पादों में।
- भारत, पाकिस्तान और मध्य एशिया में रोटी और नान में।
- चीन में नूडल्स और सूप।
- विश्व में लगभग 20% कैलोरी खपत गेहूँ से होती है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- प्रमुख निर्यातक: रूस, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस।
- प्रमुख आयातक: मिस्र, इंडोनेशिया, अल्जीरिया, तुर्की, नाइजीरिया।
- रूस वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक है।
वैश्विक चुनौतियाँ
- जलवायु परिवर्तन: अधिक तापमान और अनियमित वर्षा उत्पादन घटा रही है।
- मिट्टी की उर्वरता में कमी।
- जल संकट और सिंचाई पर बढ़ता दबाव।
- युद्ध और भू-राजनीति: (जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक आपूर्ति प्रभावित की)।
गेहूँ और भविष्य
- उच्च उत्पादकता वाली किस्में (HYV) और जैव-प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ रहा है।
- जलवायु-प्रतिरोधी किस्मों पर शोध।
- एशिया और अफ्रीका में उत्पादन बढ़ाने की संभावना।
- सतत खेती और बेहतर सिंचाई तकनीक भविष्य में निर्णायक भूमिका निभाएँगी।
गेहूँ का विश्व परिप्रेक्ष्य: सारणीबद्ध जानकारी
| पहलू | विवरण | 
|---|---|
| सबसे बड़ा उत्पादक | चीन (~17% विश्व उत्पादन) | 
| दूसरा उत्पादक | भारत (~14%) | 
| प्रमुख निर्यातक | रूस, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस | 
| प्रमुख आयातक | मिस्र, इंडोनेशिया, अल्जीरिया, नाइजीरिया, तुर्की | 
| मुख्य उपभोग क्षेत्र | एशिया (भारत, पाकिस्तान, चीन), यूरोप और अमेरिका | 
| आवश्यक जलवायु | समशीतोष्ण और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र | 
| भविष्य की चुनौती | जलवायु परिवर्तन, जल संकट, भू-राजनीतिक अस्थिरता | 
निष्कर्ष
गेहूँ विश्व की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसलों में से एक है, जिसने मानव सभ्यता के विकास में गहरा योगदान दिया है। इसका उत्पादन और व्यापार न केवल वैश्विक खाद्य सुरक्षा बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और अर्थव्यवस्था से भी सीधे जुड़ा है। भविष्य में गेहूँ की खेती की सफलता सतत कृषि तकनीक और जलवायु अनुकूलन पर निर्भर करेगी।
 
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