विश्व बैंक(World Bank)
प्रस्तावना(Introduction)
हम सभी जानते हैं कि विश्व बैंक (World Bank) आधुनिक विश्व की सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थाओं में से एक है। यह संगठन न केवल देशों को आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि गरीबी उन्मूलन, अवसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सतत विकास को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि विश्व बैंक क्या है, इसका इतिहास, इसकी संरचना, कार्यप्रणाली, उद्देश्यों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव क्या हैं।
वैश्विक विकास और आर्थिक प्रगति का स्तंभ
विश्व बैंक क्या है?
विश्व बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो विकासशील और पिछड़े देशों को ऋण (Loans) और अनुदान (Grants) प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य है:
- गरीबी घटाना
- आर्थिक स्थिरता लाना
- सतत विकास सुनिश्चित करना
- देशों को तकनीकी सहायता और ज्ञान संसाधन उपलब्ध कराना
यह संगठन विश्व की सबसे बड़ी विकास सहायता संस्था है, जो देशों की दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं में सहयोग करती है।
विश्व बैंक का इतिहास
- स्थापना वर्ष: 1944 में, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) में।
- मुख्य उद्देश्य: युद्धग्रस्त देशों का पुनर्निर्माण और विश्व अर्थव्यवस्था को स्थिर करना।
- समय के साथ इसका फोकस यूरोप के पुनर्निर्माण से हटकर विकासशील देशों की सहायता पर केंद्रित हो गया।
विश्व बैंक का मुख्यालय
विश्व बैंक का मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका में स्थित है। इसके अलावा दुनिया भर के कई देशों में इसके कार्यालय और क्षेत्रीय केंद्र मौजूद हैं, ताकि विभिन्न परियोजनाओं की निगरानी की जा सके।
विश्व बैंक की संरचना
विश्व बैंक समूह (World Bank Group) पाँच प्रमुख संस्थानों से मिलकर बना है:
IBRD (International Bank for Reconstruction and Development)
मध्यम आय वाले और सक्षम निम्न-आय वाले देशों को ऋण देता है।IDA (International Development Association)
गरीब और सबसे पिछड़े देशों को ब्याज-मुक्त ऋण और अनुदान प्रदान करता है।IFC (International Finance Corporation)
निजी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करता है।MIGA (Multilateral Investment Guarantee Agency)
निवेशकों को राजनीतिक जोखिम बीमा और अन्य गारंटी उपलब्ध कराता है।ICSID (International Centre for Settlement of Investment Disputes)
अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवादों का समाधान करता है।विश्व बैंक के उद्देश्य
विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य केवल पैसा देना नहीं है, बल्कि देशों को सतत विकास की राह पर आगे बढ़ाना है। इसके प्रमुख लक्ष्य हैं:
- गरीबी उन्मूलन
- आर्थिक असमानता कम करना
- रोजगार सृजन
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार
- स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से मुकाबला
- सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को पूरा करने में मदद
विश्व बैंक का कार्य करने का तरीका
विश्व बैंक विभिन्न देशों के साथ साझेदारी करके परियोजनाओं को वित्तीय सहायता देता है। इसकी कार्यप्रणाली इस प्रकार है:
- देश की आवश्यकताओं का अध्ययन
- विकास परियोजनाओं की योजना और स्वीकृति
- ऋण/अनुदान जारी करना
- परियोजनाओं की निगरानी और मूल्यांकन
भारत और विश्व बैंक
भारत और विश्व बैंक का संबंध ऐतिहासिक रूप से बहुत गहरा है।
- भारत, विश्व बैंक से सहायता पाने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है।
- अवसंरचना, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में भारत ने विश्व बैंक की मदद से बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।
उदाहरण:
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM)
- स्वच्छ भारत मिशन
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं
विश्व बैंक की उपलब्धियां
विश्व बैंक ने पिछले दशकों में अनेक उल्लेखनीय कार्य किए हैं:
- लाखों लोगों को स्वच्छ जल और बिजली उपलब्ध कराई।
- शिक्षा प्रणाली में सुधार करके बच्चों की साक्षरता दर बढ़ाई।
- गरीब देशों में सड़क, पुल और अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित कीं।
- कोविड-19 महामारी के दौरान देशों को त्वरित वित्तीय सहायता प्रदान की।
विश्व बैंक की आलोचनाएँ
हालाँकि विश्व बैंक की भूमिका सराहनीय है, लेकिन इसकी आलोचना भी की जाती है:
- कभी-कभी इसकी नीतियाँ विकासशील देशों पर आर्थिक दबाव डालती हैं।
- इसके द्वारा दिए गए ऋण पर शर्तें इतनी कठोर होती हैं कि गरीब देशों को समस्या होती है।
- आलोचकों का मानना है कि विश्व बैंक पर पश्चिमी देशों का प्रभाव अधिक है।
विश्व बैंक और सतत विकास
विश्व बैंक अब केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर भी कार्य कर रहा है।
- सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा
- ग्रीन बॉन्ड्स के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल निवेश
- कृषि सुधार और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना
विश्व बैंक की प्रमुख रिपोर्टों की सूची
| रिपोर्ट का नाम | प्रकाशन की आवृत्ति | मुख्य विषय/केंद्र | भारत से संबंधित महत्व |
|---|---|---|---|
| Ease of Doing Business Report (अब बंद) | वार्षिक (2020 तक) | व्यवसायिक वातावरण और नीतियाँ | भारत की रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार (2014-2020 के बीच) |
| World Development Report (WDR) | वार्षिक | हर साल अलग विषय (गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि) | नीति निर्धारण और विकास रणनीतियों के लिए उपयोगी |
| Global Economic Prospects (GEP) | वर्ष में 2 बार | वैश्विक अर्थव्यवस्था और भविष्यवाणी | भारत की GDP वृद्धि दर और आर्थिक दृष्टिकोण का आकलन |
| Poverty and Shared Prosperity Report | हर 2 साल में | गरीबी और असमानता में कमी | भारत में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक कल्याण योजनाओं का मूल्यांकन |
| Doing Business Report (अब बंद) | वार्षिक (2020 तक) | नियामक नीतियाँ और व्यवसायिक सुधार | भारत में सुधारों के कारण बेहतर रैंकिंग |
| Commodity Markets Outlook | वर्ष में 2 बार | तेल, गैस, धातु और खाद्य वस्तुओं की कीमतें | भारत की आयात-निर्यात नीतियों पर सीधा प्रभाव |
| International Debt Report (IDR) | वार्षिक | विकासशील देशों का कर्ज और ऋण आँकड़े | भारत के बाहरी ऋण और वित्तीय स्थिरता का आकलन |
| Migration and Development Brief | वर्ष में 2 बार | प्रवासी और रेमिटेंस की स्थिति | भारत प्रवासी रेमिटेंस प्राप्त करने वाला सबसे बड़ा देश |
| World Bank Atlas of SDGs | वार्षिक | सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति | भारत की SDG उपलब्धियों का डेटा विश्लेषण |
| Logistics Performance Index (LPI) | हर 2 साल में | लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन दक्षता | भारत की व्यापार और निर्यात क्षमता से जुड़ा |
👉 निष्कर्ष
विश्व बैंक आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य स्तंभ है। यह न केवल विकासशील देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, बल्कि उन्हें नीतिगत मार्गदर्शन, तकनीकी ज्ञान और दीर्घकालिक विकास रणनीति भी उपलब्ध कराता है।
हम कह सकते हैं कि यदि विश्व बैंक न होता, तो कई गरीब देशों के लिए विकास की राह और भी कठिन हो जाती। हालांकि इसकी नीतियों पर सवाल उठाए जाते हैं, फिर भी यह संस्था गरीबी उन्मूलन और वैश्विक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है।
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