बिमस्टेक समिट 2025

बिमस्टेक समिट 2025

बिमस्टेक समिट 2025

    BIMSTEC Summit 2025


    परिचय और थीम(Introduction and Theme)

    6वीं BIMSTEC शिखर सम्मेलन 4 अप्रैल 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित हुई, जिसमें BIMSTEC के सात सदस्य देश शामिल थे: भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड। सम्मेलन की थीम थी “Prosperous, Resilient and Open BIMSTEC”। इस थीम के अंतर्गत आर्थिक समृद्धि, पर्यावरणीय व प्राकृतिक आपदाओं से लचीलापन और क्षेत्रीय पारदर्शिताएँ व खुलापन प्रमुख लक्ष्य बने। इस शिखर सम्मेलन ने सदस्यों को साझेदारी और समन्वित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया, ताकि Bay of Bengal क्षेत्र के विकास और सहयोग को मजबूत किया जा सके।


    समय, स्थान और सदस्य भागीदारी(Time, Place and Members Participation)

    BIMSTEC की यह चिट्ठी-मीटिंग बैंकॉक, थाईलैंड में आयोजित हुई, जिसमें BIMSTEC संगठन के पूर्ण सदस्य सरकारों के प्रमुख उपस्थित थे। उनका लक्ष्य था कि सातों देशों की भागीदारी से क्षेत्रीय भावना और आपसी विश्वास को पुष्ट किया जाए। Thailand ने मेजबानी की जिम्मेदारी संभाली, और बैठक से पहले वरिष्ठ अधिकारियों की तैयारियाँ हुईं। महामारी और यात्रा प्रतिबंधों के बाद यह पहला पूर्ण बैठक (in-person) थी, जिससे सदस्य देशों को बीच की दूरी और संवाद को पुनः जीवंत करने का अवसर मिला। इस भागीदारी ने यह संदेश दिया कि BIMSTEC अब स्थायी बैठकें और अमल योग्य समझौते चाहता है।


    Bangkok Vision 2030 का स्वीकृति(Acceptance)

    इस सम्मेलन में पहला Vision Document “Bangkok Vision 2030” स्वीकार किया गया, जो BIMSTEC की दीर्घकालीन रणनीति को रूप देता है। इस विज़न में क्षेत्रों का विस्तृत रोडमैप है: कनेक्टिविटी, व्यापार-निवेश, ऊर्जा, खेती, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक क्षेत्र शामिल। इसका निर्देश है कि अगले वर्षों में कार्य योजनाएँ स्थानीय, क्षेत्रीय और साझा विकास लक्ष्यों के अनुरूप हों, जिससे समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके। Vision Document ने सहयोग की वचनबद्धताओं को लिखित रूप दिया और समयसीमा तथा उत्तरदायी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया।


    समुद्री परिवहन समझौता (Maritime Transport Cooperation)

    सम्मेलन के दौरान BIMSTEC सदस्यों ने समुद्री परिवहन सहयोग पर एक समझौता हस्ताक्षर किया। इससे सदस्य देशों के बीच माल ढुलाई, यात्री आवागमन और तटीय व समुद्री मार्गों को बेहतर बनाने का रास्ता खुला है। विशेषकर भारत-बांग्लादेश-म्यांमार-थाईलैंड जैसे देशों के बीच यह समझौता व्यापार लागत घटाने, लॉजिस्टिक्स समय कम करने और समुद्री कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने में सहायक होगा। यह पहल Bay of Bengal क्षेत्र को आर्थिक गलियारे के रूप में उभारने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।


    21-पॉइंट कार्यक्रम प्रस्ताव भारत द्वारा(21 Points Programme By India)

    भारत ने इस शिखर सम्मेलन में एक व्यापक 21-पॉइंट योजना पेश की जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गति देना है। इस प्रस्ताव में युवाओं के लिए प्रशिक्षण एवं स्कॉलरशिप, व्यापार और निवेश के अवसरों का विस्तार, समुद्री नीति में सहयोग, डिजिटल अवसंरचना साझा करने के सुझाव शामिल हैं। भारत ने यह भी प्रस्ताव किया कि BIMSTEC देशों के बीच UPI जैसे भुगतान प्रणाली को जोड़ा जाए, और DPI (Digital Public Infrastructure) अनुभव साझा किया जाए। ये उपाय क्षेत्रीय सहयोग को व्यवहारिक बनाएँगे, जिससे लोगों को सीधे लाभ होगा।


    नई सांस्थानिक सुधार: नियम और प्रक्रियाएँ(New Institutional Reforms Rules and Process)

    सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि BIMSTEC को अधिक प्रभावी बनाने के लिए संस्थागत सुधार जरूरी हैं। इसके तहत “Rules of Procedure” को अपनाया गया, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया पारदर्शी व उत्तरदायी होगी। इसके साथ ही BIMSTEC चार्टर को सुदृढ़ करने एवं वरिष्ठ अधिकारियों व मंत्रियों के नियमित बैठकों को सक्रिय करने का प्रावधान हुआ। ये सुधार सुनिश्चित करेंगे कि कार्यालय, कार्ययोजना और संसाधन प्रबंधन में देरी न हो और सहयोग की दिशा स्पष्ट हो।


    आपदा प्रबंधन और मानव सहायता कार्रवाई(Desiaster Management and Human Help Act)

    नाॅटो को हाल ही में म्यांमार और थाईलैंड में आये भारी भूकम्पों की वजह से इलाके में मानवीय संकट का सामना करना पड़ा। BIMSTEC नेताओं ने प्रभावित देशों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और आपदा प्रबंधन में सहयोग बढ़ाने का वचन दिया। संयुक्त राहत योजनाएँ, पूर्व-तैयारी, साझा प्रशिक्षण आदि पहल प्रस्तावित हुईं। यह दिखाता है कि क्षेत्र न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक और मानवीय चुनौतियों में भी एक दूसरे के प्रति जिम्मेदार है।


    व्यापार, निवेश और आर्थिक संयोजन(Business, Investment and Economic Plan)

    सदस्य देशों ने intra-regional व्यापार बढ़ाने पर ज़ोर दिया। ई-कॉमर्स, निवेश प्रोत्साहन, व्यापार बाधाएँ घटाने, тарифी समन्वय आदि हिस्सों पर चर्चा हुई। विशेषकर बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और भारत के बीच निर्यात-आयात को सुगम बनाने के लिए प्रयत्न किए गए। निवेश के नए अवसर विशेष आर्थिक क्षेत्रों, पारगमन मार्गों और समुद्री व्यापार से जुड़े हैं। इस पहल से रोजगार और क्षेत्रीय GDP वृद्धि को बल मिलेगा।


    डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और भुगतान प्रणालियाँ(Digital Public Intrastructrue and Payment System)

    भारत ने प्रस्ताव किया कि BIMSTEC देशों में Digital Public Infrastructure साझा किया जाए — जैसे कि पहचान प्रणाली, उजाला करने वाले प्लेटफार्म और डिजी-पेमेंट सिस्टम। UPI को क्षेत्रीय उपयोग के लिए योजना में शामिल किया गया है ताकि व्यापार, पर्यटन व लेन-देन सहज हों। साथ ही डेटा गोपनीयता, साइबर सुरक्षा व डिजिटल एक्सेस पर चर्चा हुई। ये पहल सदस्य देशों को डिजिटल विभाजन को घटाने और व्यवहारिक लाभ सुनिश्चित करने में मदद करेगी।


    संस्कृति, शिक्षा और युवा कार्यक्रम(Cultural, Education and Youth Process)

    सम्मेलन ने यह माना कि क्षेत्रीय एकता और विकास के लिए संस्कृति व युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। स्कॉलरशिप और विद्यार्थियों/शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान कार्यक्रम प्रस्तावित हुए। भारत ने BODHI पहल की घोषणा की जिसमें BIMSTEC देशों के युवाओं के लिए प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास शामिल है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान, खेल कार्यक्रम और युवा नेतृत्व सम्मेलनों के माध्यम से समुदायों के बीच भाईचारा बढ़ेगा। यह दृष्टि युवाओं को संगठनात्मक भागीदार बनाएगी।


    गृह मंत्रियों की भूमिका और आंतरिक सुरक्षा(Home Ministers Role and Internal Security)

    सम्मेलन ने यह प्रस्ताव रखा कि गृह मंत्री स्तर की बैठकें नियमित हों ताकि आतंकवाद, मानव तस्करी, ड्रग ट्रैफिकिंग और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों पर साझा रणनीतियाँ बनाई जा सकें। भारत ने यह सुझाव दिया कि इस वर्ष पहली गृह मंत्री मेड़िका बैठक आयोजित हो। यह कदम सदस्य देशों को कानून प्रवर्तन, सीमा नियंत्रण और सूचना साझा करने की प्रगति सुनिश्चित करेगा। यह क्षेत्रीय स्थिरता व सुरक्षा के लिए ज़रूरी है।


    समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय सुदृढ़ता(Coastal Security and Area Rigidity)

    Bay of Bengal क्षेत्र में समुद्री मार्ग की सुरक्षा, तट रेखा की रक्षा, समुद्री अपशिष्ट और अवैध मछली पकड़ने जैसी समस्याओं पर ध्यान दिया गया। समझौता समुद्री परिवहन के अलावा समुद्री नीति और सुरक्षा सहयोग पर बल देता है। BIMSTEC ने IORA और अन्य समुद्री संस्थाओं के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा तंत्र विकसित करने की बात कही। इस क्षेत्र में पर्यावरण तंत्र की रक्षा व समुद्री संसाधनों का सतत प्रबंधन भी शामिल है।


    अध्यक्षता हस्तांतरण और प्रत्याशाएँ(Chairmanship Transfer and Vision)

    थाईलैंड से BIMSTEC की अध्यक्षता ‘Bangladesh’ को हस्तांतरित की गई है। यह दो वर्ष की अध्यक्षता है जिसमें Bangladesh ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि संगठन अधिक समावेशी और व्यवहार केंद्रित हो। अध्यक्षता के दौरान कार्ययोजना और Vision 2030 के लक्ष्यों पर काम जारी रहेगा, और संसाधन, असहमतियाँ व नीतिगत बाधाओं को दूर करने की कोशिश होगी। यह परिवर्तन संगठन को दीर्घकालीन सक्रियता दे सकता है।


    चुनौतियाँ और संभावित बाधाएँ(Challenges and Possible Hurdles)

    BIMSTEC मार्ग में कई चुनौतियाँ हैं: निष्पादन की धीमी गति, सीमित वित्तीय संसाधन, राजनीतिक अस्थिरता, कुछ सदस्य देशों के बीच विश्वास की कमी, और अवसंरचनात्मक बाधाएँ। समुद्री मार्गों और सीमा कनेक्टिविटी के लिए लागत और लॉजिस्टिक समस्या बड़ी है। डिजिटल अवसंरचनाएँ और साइबर सुरक्षा के मामलों में हर देश में क्षमता अलग है। इन चुनौतियों को पार करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, समय-सीमा आधारित परियोजनाएं और स्पष्ट निगरानी तंत्र जरूरी है।


    BIMSTEC Summit 2025 - मुख्य बिंदु (Bullet Points)

    • 6वाँ BIMSTEC शिखर सम्मेलन 4 अप्रैल 2025 को बैंकॉक, थाईलैंड में हुआ।
    • सम्मेलन की थीम थी: “Prosperous, Resilient and Open BIMSTEC”
    • Bangkok Vision 2030 दस्तावेज़ को अपनाया गया — यह भविष्य के सहयोग की रोडमैप है।
    • सदस्य देशों ने Maritime Transport Cooperation Agreement पर हस्ताक्षर किए।
    • भारत ने 21-पॉइंट कार्यक्रम प्रस्तुत किया (युवा, डिजिटल, व्यापार, सुरक्षा शामिल)।
    • पहली बार Rules of Procedure अपनाए गए — संस्थागत सुधार की दिशा में कदम।
    • आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता को साझा कार्यसूची में शामिल किया गया।
    • Trade and Investment को बढ़ावा देने पर सहमति — टैरिफ बाधाएँ घटाने का वादा।
    • भारत ने UPI और Digital Public Infrastructure (DPI) को साझा करने का प्रस्ताव दिया।
    • युवा, शिक्षा और संस्कृति आदान-प्रदान के लिए नई स्कॉलरशिप व मंचों का ऐलान।
    • गृह मंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव आतंकवाद और तस्करी से निपटने के लिए।
    • समुद्री सुरक्षा और IORA साझेदारी पर ज़ोर, अवैध मछली पकड़ने से रोकथाम।
    • BIMSTEC की अध्यक्षता थाईलैंड से बांग्लादेश को सौंपी गई।
    • क्षेत्रीय चुनौतियाँ: संसाधनों की कमी, राजनीतिक अस्थिरता, धीमा क्रियान्वयन।
    • भविष्य की प्राथमिकताएँ: Vision 2030 लक्ष्यों की प्राप्ति, नियमित समीक्षा, अधिक सहयोग।


    FAQs

    Q1. BIMSTEC Summit 2025 कहाँ आयोजित हुआ?

    ➡️ यह बैंकॉक, थाईलैंड में 4 अप्रैल 2025 को आयोजित हुआ।

    Q2. सम्मेलन की थीम क्या थी?

    ➡️ थीम थी “Prosperous, Resilient and Open BIMSTEC”

    Q3. कितने देश BIMSTEC के सदस्य हैं?

    ➡️ कुल 7 देश: भारत, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड।

    Q4. Bangkok Vision 2030 क्या है?

    ➡️ यह BIMSTEC का दीर्घकालीन रोडमैप है, जिसमें व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा और सामाजिक विकास के लक्ष्य तय किए गए हैं।

    Q5. भारत का 21-पॉइंट कार्यक्रम किन क्षेत्रों पर केंद्रित है?

    ➡️ युवा सहयोग, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, व्यापार, निवेश, सुरक्षा और समुद्री सहयोग।

    Q6. Maritime Transport Cooperation Agreement क्यों महत्वपूर्ण है?

    ➡️ यह समझौता सदस्य देशों के बीच समुद्री मार्गों से व्यापार और कनेक्टिविटी को मज़बूत करेगा।

    Q7. क्या संस्थागत सुधार भी हुए?

    ➡️ हाँ, “Rules of Procedure” अपनाए गए ताकि संगठन की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी हो।

    Q8. डिजिटल क्षेत्र में भारत ने क्या प्रस्ताव रखा?

    ➡️ भारत ने UPI और Digital Public Infrastructure (DPI) को साझा करने का सुझाव दिया।

    Q9. अध्यक्षता किसे सौंपी गई?

    ➡️ थाईलैंड से बांग्लादेश को BIMSTEC की अध्यक्षता सौंपी गई।

    Q10. BIMSTEC को सबसे बड़ी चुनौतियाँ क्या हैं?

    ➡️ संसाधनों की कमी, राजनीतिक अस्थिरता, धीमी निष्पादन क्षमता और सदस्य देशों के बीच तालमेल की कठिनाइयाँ।


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