विकसित भारत - रोजगार व अजीविका मिशन(ग्रामीण) बिल 2025

विकसित भारत - रोजगार व अजीविका मिशन(ग्रामीण) बिल 2025

विकसित भारत - रोजगार व अजीविका मिशन(ग्रामीण) बिल 2025

Viksit Bharat – Guarantee For Rozgar And Ajeevika Mission (Gramin) Bill, 2025


    परिचय

    विकसित भारत–रोज़गार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुरक्षा और आजीविका के अवसरों को सुदृढ़ करना है। यह विधेयक ग्रामीण परिवारों को काम के अवसर, परिसंपत्ति निर्माण और स्थानीय विकास से जोड़ने की परिकल्पना प्रस्तुत करता है।


    विधेयक की पृष्ठभूमि

    ग्रामीण बेरोज़गारी, पलायन और अस्थिर आय को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक की परिकल्पना की गई। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना, टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देना और विकास को “विकसित भारत” के व्यापक लक्ष्य से जोड़ना है।


    मुख्य उद्देश्य

    इस विधेयक का प्रमुख लक्ष्य ग्रामीण परिवारों को सुनिश्चित रोजगार अवसर उपलब्ध कराना है। इसके साथ-साथ ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, कौशल विकास, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और स्थानीय आजीविका स्रोतों को सशक्त करना भी इसके उद्देश्यों में शामिल है।


    रोज़गार एवं आजीविका प्रावधान

    विधेयक के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मज़दूरी-आधारित कार्यों के साथ-साथ आजीविका उन्मुख गतिविधियों पर ज़ोर दिया गया है। इसमें जल संरक्षण, कृषि-समर्थन कार्य, ग्रामीण परिसंपत्तियों का निर्माण और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप रोजगार सृजन शामिल है।


    ग्राम पंचायत की भूमिका

    ग्राम पंचायतें इस मिशन के क्रियान्वयन में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजनाएँ बनाना, कार्यों की पहचान करना और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना ग्राम स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आवश्यक माना गया है।


    वित्तीय ढांचा

    विधेयक में केंद्र और राज्य सरकारों की साझा वित्तीय जिम्मेदारी की परिकल्पना की गई है। संसाधनों का उपयोग पारदर्शी तरीके से हो, इसके लिए बजटीय प्रावधानों और निगरानी तंत्र पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है।


    ग्रामीण विकास पर प्रभाव

    यह विधेयक ग्रामीण बुनियादी ढांचे, जल-सुरक्षा, कृषि-समर्थन और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देकर समग्र ग्रामीण विकास में योगदान दे सकता है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय के स्थायी स्रोत विकसित होने और पलायन कम होने की संभावना जताई जाती है।


    चुनौतियाँ एवं आलोचना

    आलोचकों का कहना है कि प्रभावी क्रियान्वयन, पर्याप्त वित्तपोषण और समय पर भुगतान जैसी चुनौतियाँ इस विधेयक की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही राज्यों की प्रशासनिक क्षमता और निगरानी व्यवस्था को मज़बूत करना आवश्यक माना जाता है।


    निष्कर्ष

    विकसित भारत–रोज़गार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 ग्रामीण रोजगार और विकास की दिशा में एक महत्वाकांक्षी प्रयास है। इसकी सफलता प्रभावी क्रियान्वयन, संसाधनों की उपलब्धता और स्थानीय सहभागिता पर निर्भर करेगी।


    FAQ


    1. Viksit Bharat – Guarantee For Rozgar And Ajeevika Mission (Gramin) Bill, 2025 क्या है?

    यह एक प्रस्तावित विधेयक है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसरों को सुनिश्चित करना है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को कार्य अवसर, परिसंपत्ति निर्माण और आजीविका समर्थन से जोड़ने का ढांचा तैयार किया गया है।


    2. इस विधेयक को लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

    ग्रामीण बेरोज़गारी, अस्थिर आय और पलायन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए यह विधेयक लाया गया। सरकार का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार को दीर्घकालिक आजीविका से जोड़ना है।


    3. यह विधेयक किन लोगों को लाभ पहुंचाता है?

    यह विधेयक मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को लक्षित करता है, विशेषकर ऐसे परिवार जिनकी आय अस्थिर है और जिन्हें नियमित रोजगार या आजीविका के अवसरों की आवश्यकता है।


    4. इस विधेयक में रोजगार किस प्रकार का होगा?

    इसके अंतर्गत मज़दूरी-आधारित कार्यों के साथ-साथ आजीविका उन्मुख गतिविधियाँ शामिल हैं। इनमें जल संरक्षण, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, कृषि-समर्थन कार्य और स्थानीय विकास परियोजनाएँ सम्मिलित हैं।


    5. ग्राम पंचायतों की इसमें क्या भूमिका है?

    ग्राम पंचायतें स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजनाएँ तैयार करेंगी। वे कार्यों की पहचान, समुदाय की भागीदारी और कार्यान्वयन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


    6. इस विधेयक का वित्तीय प्रबंधन कैसे किया जाएगा?

    वित्तीय जिम्मेदारी केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा होगी। बजटीय प्रावधानों के माध्यम से संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र की व्यवस्था की गई है।


    7. यह विधेयक ग्रामीण विकास में कैसे सहायक होगा?

    यह विधेयक रोजगार सृजन के साथ-साथ ग्रामीण परिसंपत्तियों के निर्माण को बढ़ावा देता है। इससे जल-सुरक्षा, कृषि उत्पादकता और स्थानीय बुनियादी ढांचे में सुधार होने की उम्मीद की जाती है।


    8. क्या इस विधेयक से पलायन पर असर पड़ेगा?

    ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आजीविका के अवसर बढ़ने से शहरों की ओर होने वाला पलायन कम हो सकता है। स्थानीय स्तर पर आय के स्रोत विकसित होने से लोगों को अपने ही क्षेत्र में काम मिलेगा।


    9. इस विधेयक को लेकर प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

    प्रभावी क्रियान्वयन, पर्याप्त वित्तपोषण, समय पर भुगतान और प्रशासनिक क्षमता प्रमुख चुनौतियाँ मानी जाती हैं। राज्यों और स्थानीय निकायों की सक्रिय भूमिका इसकी सफलता के लिए आवश्यक है।


    10. इस विधेयक का दीर्घकालिक महत्व क्या है?

    दीर्घकाल में यह विधेयक ग्रामीण रोजगार को स्थायी आजीविका से जोड़ सकता है। इससे समावेशी विकास, आर्थिक स्थिरता और “विकसित भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलने की संभावना है।



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